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''बुंदेले हरबोलों के मुंह हमने सुनी कहानी थी, खूब लड़ी मर्दानी वह तो झांसी वाली रानी थी'' यह कविता देश के बच्चे-बच्चे की जुबान पर है। भले ही किसी को पूरी कविता याद न हो, लेकिन 'खूब लड़ी मर्दानी वह तो झांसी वाली रानी थी' तो करीब-करीब हर किसी को याद ही है। इस कविता के साथ ही हमारे जहन में इस कविता की लेखिका सुभद्रा कुमारी चौहान Subhadra kumari Chauhan का नाम भी याद आता है। आज सुभद्रा कुमारी चौहान की 117वीं जयंती है और इस मौके पर गूगल ने अपना डूडल बदल कर सुभद्रा जी को श्रद्धांजलि दी है।
बता दें कि, सुभद्रा कुमारी चौहान Subhadra kumari Chauhan एक कवियित्री होने के साथ-साथ स्वतंत्रता संग्राम सेनानी भी थीं। वह देश की पहली महिला सत्याग्रही थीं। गूगल ने आज एक लेखक और स्वतंत्रता सेनानी सुभद्रा कुमारी चौहान के जीवन और उपलब्धियों का सम्मान करने के लिए एक डूडल बनाया है, जिनके काम को साहित्य के पुरुष-प्रधान युग के दौरान राष्ट्रीय प्रमुखता मिली।
इस इंडियन एक्टिविस्ट और लेखक Subhadra kumari Chauhan के लिए डूडल ने एक साड़ी में कलम और कागज के साथ बैठीं सुभद्रा कुमारी चौहान को दिखाया है। इसके साथ ही, यह डूडल न्यूजीलैंड की गेस्ट आर्टिस्ट प्रभा माल्या ने बनाया है।
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Subhadra kumari Chauhan[/caption]
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