CG Suspended Tehsildar: छत्तीसगढ़ में तहसीलदार को सस्पेंड कर दिया गया था। अब इसके विरोध में तहसीलदार लामबंद हो गए हैं। अब प्रदेश के तहसीलदार कलेक्टर को हटाने की मांग कर रहे हैं। तहसीलदार को सस्पेंड करने पर प्रदेशभर के तहसीलदार आक्रोशित हैं।
राज्यभर के तहसीलदार और नायब तहसीलदारों (CG Suspended Tehsildar) ने बैठक आयोजित की। बैठक में निर्णय लेकर कलेक्टर नम्रता गांधी के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पास किया। इसी के साथ उनको हटाने की मांग को लेकर आंदोलन करने का भी निर्णय लिया है।
सेवा संघ ने बैठक में लिया निर्णय
धमतरी तहसीलदार को सस्पेंड (Opposition to Suspended Tehsildar) करने के बाद तहसीलदार और नायब तहसीलदार संघ छत्तीसगढ़ कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ की बैठक आयोजित हुई। बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुई।
इस दौरान बैठक में तहसीलदार को सस्पेंड करने पर निंदा प्रस्ताव पास किया गया। इसी के साथ ही कलेक्टर को हटाने की मांग को लेकर आंदोनल करने का भी निर्णय लिया गया। इसी के साथ ही बैठक में जो निर्णय लिए गए हैं, इसकी सूचना संघ के प्रतिनिधि राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा को भी देने पहुंचे।
कमिश्नर ने किया था सस्पेंड
मालूम हो कि रायपुर कमिश्नर महादेव कावरे के द्वारा 11 सितंबर को बेलरगांव में पदस्थ तहसीलदार अनुज पटेल को सस्पेंड (CG Suspended Tehsildar) कर दिया था। इसमें वजह यह सामने आई थी कि वे मुख्यालय से बाहर रह रही थीं। इसके अलावा शासकीय कार्यों में अपेक्षा के अनुरूप प्रगति नहीं मिल रही थी। इसके चलते उन्हें सस्पेंड कर दिया गया।
कलेक्टर के प्रतिवेदन का जिक्र
तहसीलदार संघ (Opposition to Suspended Tehsildar) का कहना है कि कमिश्नर महादेव कावरे के द्वारा जो निलंबन आदेश जारी किया गया है, उसमें कलेक्टर धमतरी नम्रता गांधी से मिले प्रतिवेदन का भी जिक्र शामिल है। इस निलंबन पर तहसीलदार और नायब तहसीलदारों की यूनियन आक्रोशित है और उन्होंने कलेक्टर को हटाने की मांग की है।
आवेदन के बाद भी किया निलंबित
इस मामले में तहसीलदार (CG Suspended Tehsildar) संघ प्रदेश अध्यक्ष नीलमणि दुबे ने जानकारी दी कि तहसीलदार अनुज पटेल ने अपनी आंखों का ऑपरेशन कराने के लिए एसडीएम को अवकाश के लिए आवेदन दिया था।
इस अवकाश के आवेदन में तीन दिन की छुट्टी ली थी। तीन दिन की छुट्टी में आंख का ऑपरेशन कराना था। इसी के साथ ही अवकाश पर जाने की सूचना कलेक्टर धमतरी को भी तहसीलदार ने दूरभाष सूचना दी थी। इसके बाद भी तहसीलदार को सस्पेंड किया गया।
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निलंबन से पहले नहीं दिया नोटिस
इधर संघ का आरोप है कि तहसीलदार (Opposition to Suspended Tehsildar) को निलंबित करने से पहले कोई सूचना या नोटिस नहीं दिया गया। इसके अलावा न ही तहसीलदार का पक्ष सुना गया और सीधे सस्पेंड कर दिया।
इसको लेकर कलेक्टर को हटाने की मांग संघ के द्वारा की जा रही है। यदि कलेक्टर को नहीं हटाया गया तो पूरे प्रदेश के तहसीलदार लामबंद होकर अनिश्चित कालीन हड़ताल पर जाएंगे।
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