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भोपाल। देश और खासकर मध्य प्रदेश की राजनीति में मोतीलाल वोरा (Motilal Vora) को कौन नहीं जानता था। वो कांग्रेस के एक कद्दावर नेता थे। पिछले साल 21 दिसंबर को ही उनका निधन हुआ है। वो मध्य प्रदेश के ऐेसे मुख्यमंत्री थे जिन्हें शर्तों के आधार पर मुख्यमंत्री बनाया गया था। ऐसे में उनके सीएम बनने का ये किस्सा काफी रोचक है।
अर्जुन सिंह बनने वाले थे मुख्यमंत्री
बतादें कि मोतीलाल वोरा मध्य प्रदेश में दो बार मुख्यमंत्री बने थे। पहली बार 13 मार्च 1985 को और दूसरी बार 25 जनवरी 1989 में। लेकिन जब वे पहली बार मुख्यमंत्री बने तो उस वक्त ना तो उनका कोई नाम सामने आया था और ना ही कभी उन्होंने मुख्यमंत्री बनने का सोचा था। दरअसल, उन दिनों प्रदेश में विधानसभा चुनाव हुए थे और कांग्रेस बहुमत में आई थी। अर्जुन सिंह (Arjun Singh) का मुख्यमंत्री बनना तय था।
राजीव गांधी अर्जुन सिंह को नहीं चाहते थे मुख्यमंत्री बनना
लेकिन जैसे ही वो मंत्रिमंडल की सूची लेकर दिल्ली पहुंचे। गांधी ने उन्हें साफ-साफ कह दिया की आप अब मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नहीं रह सकते। अर्जुन सिंह भी जान रहे थे कि पीएम ऐसा क्यों कह रहे हैं। वो भी राजनीति के पक्के खिलाड़े थे। उन्होंने भी पीएम से कहा कि मैं अगर मुख्यमंत्री नहीं बन सकता तो मेरी जगह पर मुख्यमंत्री उसे बनाया जाए जिसे मैं चाहता हूं। अगर ऐसा होता है तभी मैं मध्य प्रदेश से बाहर निकलूंगा।
मंत्रीमंडल में शामिल होना चाहते थे वोरा
ऐसे में राजीव गांधी ने कहा ठीक है तुम अपनी पसंद के सीएम का नाम बताकर 14 मार्च को पंजाब पुहंच जाओं। क्यों कि राजीव गांधी ने उन्हें पंजाब का राज्यपाल बनाया था। अर्जुन सिंह ने वहीं से अपने बेटे अजय सिंह को फोन किया और कहा कि आप मोतीलाल वोरा को स्पेशल विमान से लेकर दिल्ली आ जाओ। उन्होंने कुछ नहीं बताया कि क्यों लाना है बस इतना ही कहा कि लेकर आ जाओं। अजय सिंह को भी नहीं पता था कि मोतीलाल वोरा को क्यों दिल्ली बुलाया जा रहा है। जब वोरा प्लेन में बैठे थे तो उन्होंने अजय सिंह से कहा कि आप अपने पिता जी से कहना कि वो मुझे अपने मंत्रीमंडल में शामिल कर लें। उन्हें थोड़ी सी भी भनक नहीं थी कि वो मध्य प्रदेश के अगले मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं।
स्पेशल विमान से पहुंचे दिल्ली
जैसे ही उनका स्पेशल विमान दिल्ली के पालम एयरपोर्ट पर पहुंचा वो हैरान हो गए। क्योंकि उनके स्वागत में खुद वहां तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव (Rajiv Gandhi) गांधी मौजूद थे। उन्होंने मोतीलाल वोरा से हाथ मिलाते हुए कहा- आप मध्य प्रदेश के अगले मुख्यमंत्री होंगे। उन्हें यकीन ही नहीं हो रहा था कि मैं मुख्यमंत्री बनने जा रहा हूं। लेकिन सामने अर्जुन सिंह और दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) दोनों मौजूद थे। ऐसे में उन्हें यकीन हो गया कि मैं मुख्यमंत्री बनने जा रहा हूं। एक तरफ जहां इस चुनाव के बाद पहली बार मोतीलाल वोरा मुख्यमंत्री बने थे तो वहीं दूसरी तरफ दिग्विजय सिंह को कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष न्युक्त किया गया था।