भोपाल। Ramsar Site: अंतर्राष्ट्रीय रामसर साइट (Ramsar Site) क्रमांक 1206…यानी मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल का भोज वेटलैंड (Bhoj Wetland)।
भोज वेटलैंड (Bhoj Wetland) प्रदेश की पहली रामसर साइट (Ramsar Site) है, जिसे नवंबर 2002 में यह दर्जा मिला।
हाल ही में भारत सरकार ने इंदौर के साथ—साथ भोपाल को वेटलैंड सिटी (Wetland City) घोषित करने के लिए रामसर (Ramsar Site) में नामांकन दाखिल किया है।
वेटलैंड सिटी (Wetland City) के लिए भोपाल का दावा मजबूत माना जा रहा है। उसकी वजह यहां का भोज वेटलैंड (Bhoj Wetland) है। यह दो मानव निर्मित झील ऊपरी झील (बड़ा तालाब) और निचली झील (छोटा तालाब) से मिलकर बना है। जिसका अपना एक इतिहास है।
आइये आपको देते हैं इसकी पूरी जानकारी…
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वेटलैंड का नाम भोज क्यों पड़ा
भोज वेटलैंड (Bhoj Wetland) भोजपाल से लिया गया एक शब्द है। भोजपाल का मतलब होता है भोज द्वारा बनाया गया पाल…पाल जिसे बांध भी कहा जाता है।
कमला पार्क के पास बना ये बांध ही आज भोजताल के नाम से जाना जाता है। जिसे बड़ा तालाब (Bhopal Upper Lake) भी कहते हैं। इसे राजा भोज ने बनाया था।
11वी शताब्दी में हुआ निर्माण
परमार वंश के राजा भोज (Raja Bhoj) ने 11वीं शताब्दी (1010) में कोलन नदी पर एक मिट्टी के बांध का निर्माण करके बनवाया था। यह एशिया की सबसे बड़ी मानव निर्मित झील (Bhopal Lake) है।
तालाब के निर्माण की दिलचस्प वजह
राजा भोज (Raja Bhoj) के इतिहास को लेकर लिखी गई पुस्तकों के अनुसार राजा भोज कुष्ठ रोग से ग्रस्त थे। भोज के दरबार के वैद्य इसे ठीक नहीं कर सके। जिसके कारण ज्योतिषी, सन्यासी साधुओं का सहारा लिया गया।
एक साधु ने रोग का उपचार बताया कि यदि महाराज 365 जलधाराओं को 365 दिनों (एक वर्ष) में जोड़कर एक पवित्र जलाशय (Bhopal Lake) बनायें और उस जल में एक विशेष मुहूर्त में स्नान करें, नित्य शिव पूजन करें तो उसे रोग से छुटकारा मिल सकता है।
तो इस तरह से हुआ था बड़े तालाब का निर्माण
राजा भोज के दरबार के इंजीनियर ने भोपाल से 20 मील की दूरी पर बेतवा नदी में एक स्थान की खोज की, जहां पहाड़ियां इस तरीके से स्थित थीं कि एक बांध बनाकर ऐसे जलाशय या झील (Bhopal Lake) का निर्माण किया जा सके।
पत्थरों से चालीस फीट ऊंचा और 100 फुट चौड़ा बांध बनाया गया। लेकिन जब इस जलाशय में मिलने वाली सभी जलधाराओं की गिनती की गई तो वे 364 ही निकलीं। जबकि साधु ने 365 जलधाराओं को मिलाकर जलाशय (Bhopal Lake) बनाने के लिए कहा था।
राजा भोज के एक मंत्री ने पुराने किले (वर्तमान कमला पार्क का महल) के पास दो पहाड़ियों के बीच में से पानी बहते हुए देखा। उसने वहां बांध बनाकर पानी को रोक दिया। इस प्रकार बड़ा तालाब (Bhopal Upper Lake) बना।
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230 साल पहले बना छोटा तालाब, ये थी वजह
छोटे तालाब (Bhopal Lower Lake) का निर्माण नवाब हयात मोहम्मद खान के मंत्री नवाब छोटे खान ने 230 साल पहले सन् 1794 में करवाया था।
हालांकि इसके निर्माण के पीछे बड़े तालाब (Bhopal Upper Lake) जैसी कोई खास वजह नहीं थी, बल्कि इसका निर्माण शहर के सौंदर्य में वृद्धि के लिये हुआ था।
यह भोपाल की लाइफ लाइन
बड़ा तालाब (Bhopal Upper Lake) का क्षेत्रफल करीब 31 वर्ग किमी तक फैला है और 361 वर्ग किमी क्षेत्र से पानी है।
इसकी गहराई करीब 30 फीट है। बड़ा तालाब (Bhopal Upper Lake) से भोपाल की करीब 40 फीसदी जनता को पानी की पूर्ति की जाती है। यह राजधानी के 65 फीसदी क्षेत्र में वॉटर लेवल को मेंटेन करता है।
भोपाल का दावा इसलिए मजबूत
मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में भले ही एक भोज वेटलैंड (Bhoj Wetland) को रामसर साइट (Ramsar Site) के रूप में मान्यता मिली हो, लेकिन भोपाल में कुल 132 वेटलैंड (Bhoj Wetland) है।
यहां हर साल यूरोप, आयरलैंड, ब्रिटेन, चीन जैसे देशों के प्रवासी पक्षी आते हैं। भोपाल में झील-तालाबों के अलावा जंगल और वन्य प्राणी भी बहुतायत में हैं।
यही कारण है कि रामसर (Ramsar Site) में वेटलैंड सिटी (Wetland City) के लिए भोपाल का दावा मजबूत है।
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