Kailash Nath Katju : मध्यप्रदेश की राजनीति ऐसी रही है कि उनके किस्से आज भी लोगों की जुंबा पर होते है। वैसे तो मध्यप्रदेश की राजनीति से जुड़े कई किस्से है। लेकिन एक किस्स उस मुख्यमंत्री का है जिसे लोग भुलक्कड़ मुख्यमंत्री कहते थें। जी हां यह सच है। हम बात कर रहे है मध्यप्रदेश के तीसरे मुख्यमंत्री कैलाश नाथ काटजू (Former Chief Minister Kailash Nath Katju) की। काटजू बेहद रईस नेता था। कटाजू मोतीलाल नेहरू के सहायक भी रहे, उन्होंने आजाद हिंद फौज का केस भी लड़ा। कैलाश नाथ कटाजू (Former Chief Minister Kailash Nath Katju) 70 साल की उम्र में मुख्यमंत्री बने थे, इसलिए वह अक्सर चीजों को भूल जाते थे।
रतलाम में जन्मे थे कटाजू
कैलाशनाथ कटाजू (Former Chief Minister Kailash Nath Katju) सन 1952 में मंदसौर से लोकसभा पहुंचे थे। उनका जन्म मध्यप्रदेश के रतलाम जिले के जावरा में हुआ था। वैसे वह मूलरूप से कश्मीरी पंडित थे। कटाजू (Former Chief Minister Kailash Nath Katju) उन गिने चुने लोगों में शामिल थे जो तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को भाई कहकर पुकारते थे। कटाजू वो नेता थे जिनकी छवि हमेशा अच्छी रही। कटाजू (Former Chief Minister Kailash Nath Katju) भले ही कांग्रेस में रहे हो लेकिन उनका कोई गुट नहीं रहा। वह कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में से एक माने जाते थे। कटाजू इतने भले नेता थे कि जब वह सीएम पद की शपथ लेने के लिए भोपाल एयरपोर्ट पर पहुंचे तो उन्हें रिसीव करने कोई नहीं पहुंचा था लेकिन इसके बाद भी सीएम बनने के बाद उन्होंने अपने स्टॉफ में कोई बदलाव नहीं किया।
क्यों कहा जाता था भुलक्कड़ सीएम!
कैलाशनाथ कटाजू (Former Chief Minister Kailash Nath Katju) को एक बड़ी समस्या थी। दरअसल, वह बुजुर्ग होने के चलते चीजों को भूल जाया करते थे। वह जिनके साथ रोज उठते-बैठते थे, उन्ही को ही वह कभी-कभी पहचान नहीं पाते थे। एक बार कटाजू (Former Chief Minister Kailash Nath Katju) खंडवा दौरे पर पहुंचे थे। उस समय खंडवा के कलेक्टर सुशील चुंद्र वर्मा (Khandwa Collector Sushil Chundra Verma) थे। वर्मा कटाजू को बुरहानपुर लेकर आए। जब खंडवा के सर्किट हाउस में कटाजू अधिकारियों से चर्चा कर रहे थे तो उन्होंने कलेक्टर सुशील चुंद्र वर्मा (Khandwa Collector Sushil Chundra Verma) की ओर देखा और बोले की महाशय आपने अपने बारे में कुछ नहीं बताया। कटाजू की इस बात को सुनकर कलेक्टर वर्मा (Khandwa Collector Sushil Chundra Verma) थोड़े दंग रह गए। इसके बाद उन्होंने धीरे कहा सर में खंडवा कलेक्टर हूं आपकी गाड़ी ड्राइव करके में ही लाया हूं। इसके बाद कटाजू (Former Chief Minister Kailash Nath Katju) थोड़ा हंस पड़े।
अपने ही मंत्री को नही पहचान पाए सीएम
ऐसा ही एक किस्सा छतरपुर सर्किट हाउस का है। काटजू छतरपुर गए तो स्थानीय विधायक और मंत्री दशरथ जैन (Minister Dashrath Jain) एक प्रतिनिधिमंडल के साथ उनसे मिलने गए। मंत्री जैन (Minister Dashrath Jain) ने सबका परिचय मुख्यमंत्री से कराया। अंत में काटजू (Former Chief Minister Kailash Nath Katju) ने उनसे ही पूछ लिया- और आप कौन हैं। जैन ने सपकपाते हुए अपना नाम बताया तो काटजू ने कहा कि एक दशरथ जैन (Minister Dashrath Jain) तो मेरे कैबिनेट में भी हैं। यह सुनकर वहां मौजूद लोग अवाक रह गए। इसके बाद दशरथ जैन (Minister Dashrath Jain) ने कहा कि मैं आपकी कैबिनेट का मंत्री ही हूं। इस पर काटजू (Former Chief Minister Kailash Nath Katju) ने कहा कि पहले क्यों नहीं बताया। आपको क्या लगता है, मैं जानता नहीं क्या। इसी तरह, केंन्द्रीय वित्त मंत्री रहे मोरारजी देसाई एक बार भोपाल आए तो काटजू (Former Chief Minister Kailash Nath Katju) के साथ उनकी कैबिनेट के सभी सदस्य उनका स्वागत करने रेलवे स्टेशन पहुंचे। इनमें शंभुनाथ शुक्ल (Shambhunath Shukla) भी शामिल थे काटजू ने मोरारजी देसाई (Morarji Desai) से उनका परिचय केशवलाल गुमास्ता के रूप में कराया जो डिप्टी मिनिस्टर थे। शुक्ल ने कटाजू को रोकने की कोशिश की लेकिन उन्हाेंने उनकी बात को अनसुना कर दिया।