Indore News: मध्यप्रदेश शासन के मनमाने आदेश पर एक बार फिर कोर्ट ने रोक (स्टे) लगा दी है। मामला स्कूल शिक्षा विभाग से जुड़ा है और इंदौर से संबंधित है। मामला, इंदौर जिला शिक्षा अधिकारी के प्रभार को लेकर हाईकोर्ट पहुंचा था। मामले में कोर्ट से याचिकाकर्ता सुषमा वैश्य को राहत मिली है। वहीं जिला शिक्षा अधिकारी के पद पर बाल विनय स्कूल की प्राचार्य पूजा सक्सेना की नियुक्ति पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। सुषमा वैश्य सहायक संचालक स्तर की अधिकारी हैं और इनकी याचिका पर ही कोर्ट ने यह आदेश दिया (Indore News) है।
याचिका में यह दिया तर्क
मध्यप्रदेश शासन ने 16 अगस्त को एक आदेश जारी कर पूजा सक्सेना को जिला शिक्षा अधिकारी का प्रभार दे दिया था। वैश्य ने आदेश को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की। इसमें उन्होंने कहा की पूजा सक्सेना प्राचार्य स्तर की शिक्षा अधिकारी हैं जबकि वे वर्तमान में सहायक संचालक के पद पर इंदौर में ही पदस्थ (Indore News) हैं।
पीएस स्कूल शिक्षा और DPI को 4 हफ्ते में देना होगा जवाब
नियमों के अनुसार एक सीनियर अधिकारी जूनियर अधिकारी के अधीनस्थ कार्य नहीं कर सकता है। मामले में जस्टिस विजय कुमार शुक्ला ने 16 अगस्त के शासन द्वारा जारी आदेश पर रोक लगाते हुए प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा विभाग, आयुक्त लोक शिक्षण- भोपाल और प्राचार्य पूजा सक्सेना को नोटिस जारी कर 4 हफ्ते में जवाब मांगा (Indore News) है।
मामले में एडवोकेट ऋषिराज त्रिवेदी ने बताया कि कोर्ट ने स्टे दे दिया है। नियमों के तहत जूनियर को इस तरह बड़े पद का चार्ज नहीं दिया जा सकता है। जिन्हें चार्ज दिया वो रैंक में भी काफी नीचे है।
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