Bageshwar Dham News: मध्यप्रदेश के बागेश्वर धाम के प्रमुख धीरेंद्र शास्त्री के चचेरे भाई दीपेंद्र गर्ग और उनके मुनीम नरेंद्र शर्मा ने एक प्लाट बेचने के नाम पर राजस्थान की एक महिला दाड़मी देवी से 55 लाख रुपए की ठगी की थी।
8 महीने का समय बीत जाने के बाद भी दाड़मी देवी को न ही प्लाट मिला न उस प्लाट पर कब्जा दिया गया।
8 महीनों तक परेशान होने के बाद और न्याय न मिलने के बाद दाड़मी देवी ने पुलिस अधीक्षक छतरपुर को एक आवेदन दिया था।
बागेश्वर धाम के प्रमुख धीरेंद्र शास्त्री के भाई पर साबित हुई धोखाधड़ी: राजस्थान की महिला को लौटाए 20 लाख रुपए#bageshwardham #bageshwardhamsarkar #DhirendraKrishnaShastri #DhirendraShastri #fraud #Rajasthan #DipendraGarg #MPNews
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— Bansal News (@BansalNewsMPCG) June 27, 2024
अब इस मामले में सामने आया है कि वकील के दफ्तर में धीरेंद्र शास्त्री के भाई दीपेंद्र और मुनीम ने दाड़मी देवी से राजीनामा कर लिया है और राजीनामा करने के बाद दाड़मी देवी को 20 लाख रुपए की पहली किश्त बैंक खाते में ट्रांसफर कर दी गई है।
धीरेंद्र शास्त्री ले लिया इस मामले में संज्ञान
छतरपुर में बुधवार 26 जून की सुबह 10 बजे दीपेंद्र गर्ग और उनके मुनीम नरेंद्र शर्मा ने दाड़मी देवी के साथ राजीनामा के कागजात पर साइन किए।
मीडिया रिर्पोट की मानें तो वकील ने बताया कि धीरेंद्र शास्त्री के आदेश के बाद ही राजीनामा किया जा रहा है और कहा कि प्लाट की रजिस्ट्री केंसिल की जाएगी।
उसके बाद दाड़मी देवी को दूसरी किश्त दी जाएगी। बमीठा टीआई ने कहा कि आज ही उन्हें जानकारी मिली है कि दाड़मी देवी का राजीनामा हो गया है।
जिसकी वजह से अब आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी।
पीड़िता ने बताया क्या था मामला
पीड़िता दाड़मी देवी ने कहा कि एक प्लाट देखकर हमने 3 हजार स्क्वेयर फीट का प्लॉट लेने का मन बनाया था।
फिर हमने नरेंद्र को 15 लाख रुपये कैश पेमेंट किया था और 9 लाख रुपये उसके खाते में डाले थे उसने सिक्योरिटी के तौर पर हमारे चेक भी ले लिए थे।
महिला का कहना है कि हमने जमीन को लेकर आगे बात की तो दीपेंद्र (Bageshwar Dham News) से कहा कि जो हमने चेक दिए हैं उसे वो कैश करा ले। इस पर दीपेंद्र ने कहा कि तुमने मुनीम को जो रुपये दिए हैं उसका हमें कुछ नहीं पता और तुम उसीसे बात करो।
ऐसा बोलकर वह अपनी बात से पलट गया। इसके बाद मुझे दो रजिस्ट्रियां थमा दी गईं। ये दी रजिस्ट्रियां पता नहीं कौन सी जमीन की थी या फर्जी थी।
ये सब हो जाने के बाद और इनपर शक होने के बाद हमने एसपी ऑफिस में न्याय की गुहार लगाई है।
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