कोलंबो। Sri Lanka Protest श्रीलंकाई प्राधिकारियों ने राजधानी में हिंसा भड़कने के बाद पश्चिमी प्रांत में लगाया गया कर्फ्यू बृहस्पतिवार (Srilanka Curfew) को हटा लिया। हालांकि, देश छोड़कर मालदीव गए राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे (President Gotabaya Rajapaksa) ने अभी तक अपना इस्तीफा पत्र नहीं सौंपा है। राजपक्षे (73) ने बुधवार को इस्तीफा देने का वादा किया था। उन्होंने देश छोड़कर जाने के कुछ घंटों बाद प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे को कार्यवाहक राष्ट्रपति नियुक्त कर दिया, जिससे राजनीतिक संकट बढ़ गया और नए सिरे से प्रदर्शन शुरू हो गए।
जमकर हुआ था प्रदर्शन
राजपक्षे के देश छोड़कर जाने के बाद बुधवार को दोपहर बाद प्रधानमंत्री कार्यालय और संसद जाने के मुख्य मार्ग पर प्रदर्शनकारियों की सुरक्षा बलों के साथ झड़पें हुई, जिसके बाद कम से कम 84 लोगों को अस्पतालों में भर्ती कराया गया। पुलिस ने अवरोधक हटाने तथा निषिद्ध क्षेत्र में घुसने का प्रयास कर रही भीड़ को खदेड़ने के लिए आंसू गैस के गोले दागे और पानी की बौछारें कीं। पुलिस प्रवक्ता निहाल थाल्दुवा ने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने श्रीलंका के एक सैनिक की टी56 राइफल और 60 गोलियां छीन ली। हिंसा भड़कने के बाद प्राधिकारियों को पश्चिमी प्रांत में कर्फ्यू लगाना पड़ा था। बुधवार को प्रदर्शन विक्रमसिंघे को लेकर हुए। उन्हें कार्यवाहक राष्ट्रपति नियुक्त किए जाने के बाद उनके इस्तीफे की मांग जोर पकड़ने लगी। राजनीतिक दलों के नेता उनसे इस्तीफा देने के लिए कह रहे हैं ताकि संसद के अध्यक्ष महिंदा यापा अभयवर्दने कार्यावाहक राष्ट्रपति के तौर प्रभार संभाल सकें।
#WATCH प्रदर्शन के चलते श्रीलंकाई सैन्यकर्मी कोलंबो में प्रधानमंत्री कार्यालय में प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे की कुर्सी की रक्षा कर रहे हैं।#SriLankaProtests pic.twitter.com/zglz2DbHAZ
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 14, 2022
जानें क्या है प्रदर्शनकारियों की मांग
बहरहाल, प्रदर्शनकारियों ने मांग की है कि अंतरिम सरकार में ऐसे नेता ही शामिल हों, जो उन्हें स्वीकार्य हैं। इस बीच, राष्ट्रपति राजपक्षे ने बुधवार को अपना इस्तीफा नहीं भेजा। श्रीलंका के ‘द मॉर्निंग’ न्यूज पोर्टल के अनुसार, उनके बुधवार की शाम को अपने अंतिम गंतव्य तक पहुंचने के बाद इस्तीफा देने की संभावना थी। यहां मीडिया ने मालदीव में सूत्रों के हवाले से कहा कि राजपक्षे बुधवार रात को सुरक्षा संबंधी चिंताओं के कारण माले से सिंगापुर जाने वाले विमान में सवार नहीं हो पाए। ऐसा बताया जा रहा है कि राजपक्षे ने एक असैन्य विमान से उड़ान भरने को लेकर सुरक्षा संबंधी चिंताएं व्यक्त की थीं और मालदीव सरकार से सिंगापुर जाने के लिए एक निजी विमान देने का अनुरोध किया। इस बीच, प्रदर्शनकारियों का शनिवार से अब तक अहम प्रशासनिक इमारतों पर कब्जा बरकरार है। वीडियो में सार्वजनिक संपत्ति को काफी नुकसान दिखाया गया है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि वे अंतरिम सरकार के गठन के बाद ही संपत्तियां प्राधिकारियों को सौंपेंगे।
श्रीलंकाः कोलंबो में सैन्य कर्मियों के साथ प्रदर्शनकारियों का एक समूह PM रानिल विक्रमसिंघे के कार्यालय पर लग्ज़री कारों और संपत्ति की सुरक्षा में लगा है।
एक प्रदर्शनकारी ने कहा,”मैं और मेरे दोस्त इस संपत्ति को बचाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं क्योंकि ये जनता के पैसों से बनी है।” pic.twitter.com/MeYfMCOKdG
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 14, 2022
गिरफ्तार होने से पहले भागे राजपक्षे
राजपक्षे नयी सरकार द्वारा गिरफ्तार किए जाने की आशंका के चलते इस्तीफा देने से पहले विदेश चले गए। उन्होंने संसद के अध्यक्ष महिंदा यापा अभयवर्धने और प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे को सूचित किया था कि वह बुधवार को इस्तीफा देंगे। उन्होंने यह घोषणा तब की थी जब प्रदर्शनकारी द्वीपीय देश में बिगड़े हालात को लेकर आक्रोश के बीच उनके आधिकारिक आवास में घुस गए थे। मालदीव की राजधानी माले में सूत्रों ने बताया कि संकट से घिरे श्रीलंका के राष्ट्रपति राजपक्षे की देश छोड़कर जाने में मालदीव की संसद के अध्यक्ष और पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद ने मदद की। गौरतलब है कि 2.2 करोड़ की आबादी वाला देश सात दशकों में सबसे खराब आर्थिक संकट से जूझ रहा है, जिसके कारण लोग खाद्य पदार्थ, दवा, ईंधन और अन्य जरूरी वस्तुएं खरीदने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे ने पिछले सप्ताह कहा था कि श्रीलंका अब दिवालिया हो चुका है।