Advertisment

SP Panchayat Election Strategy: पंचायत चुनावों में किसी प्रत्याशी को आधिकारिक समर्थन करेगी सपा, UP की राजनीति में चेंज

SP Panchayat Election Strategy: सपा जानती है कि सत्ता तक पहुंचने के लिए दलितों (Dalits) का समर्थन जरूरी है। पहले यह वर्ग बसपा के साथ था,

author-image
anurag dubey
SP Panchayat Election Strategy: पंचायत चुनावों में किसी प्रत्याशी को आधिकारिक समर्थन करेगी सपा, UP की राजनीति में चेंज

हाइलाइट्स 

  • पंचायत चुनावों में किसी प्रत्याशी को आधिकारिक समर्थन करेगी सपा
  • पंचायत चुनाव को लेकर सपा का बड़ा फैसला 
  • विधानसभा चुनाव की रणनीति से जुड़ा फैसला
Advertisment

SP Panchayat Election Strategy:  उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी ने पंचायत चुनावों में किसी प्रत्याशी को आधिकारिक समर्थन न देने का निर्णय लिया है। पार्टी चाहती है कि कार्यकर्ता स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ें ताकि संगठन में अंदरूनी टकराव न बढ़े। वहीं, अखिलेश यादव ने बसपा नेता आकाश आनंद पर सीधा हमला कर राजनीतिक रणनीति में बदलाव का संकेत दिया है। सपा अब दलित वोट बैंक को साधने और आगामी विधानसभा चुनावों की दिशा तय करने में जुटी है।

पंचायत चुनावों में सपा का नया रुख

समाजवादी पार्टी ने पंचायत चुनावों में इस बार कोई आधिकारिक प्रत्याशी नहीं उतारने का फैसला लिया है। पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक, ग्राम प्रधान, क्षेत्र पंचायत सदस्य और जिला पंचायत सदस्य पदों पर कई कार्यकर्ता खुद ही मैदान में उतरने वाले हैं। ऐसे में किसी एक को पार्टी का समर्थन देना बाकी कार्यकर्ताओं में नाराजगी पैदा कर सकता था। इसी वजह से पार्टी ने यह रणनीति बनाई है कि सभी कार्यकर्ता स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ें और उनकी जीत के बाद उन्हें संगठन में उचित जिम्मेदारी दी जाए।

विधानसभा चुनाव की रणनीति से जुड़ा फैसला

यह फैसला सिर्फ पंचायत चुनाव तक सीमित नहीं है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की नजर 2027 के विधानसभा चुनाव पर है। पार्टी चाहती है कि निचले स्तर पर संगठन मजबूत हो और स्थानीय नेता जनता के बीच अपनी पकड़ बनाएं। बाद में इन्हीं नेताओं के जरिए सपा अपने ब्लॉक प्रमुख और जिला पंचायत अध्यक्षों की रणनीति तय करेगी।

Advertisment

यह भी पढ़ें: 14 अक्टूबर से UP में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए सब्सिडी नीति में बदलाव: बाहर की कंपनियों को झटका, Make in UP को रफ्तार

 बसपा पर अखिलेश का हमला 

अखिलेश यादव ने पहली बार बसपा के नेता आकाश आनंद पर खुलकर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि “भाजपा को अब आकाश आनंद की जरूरत ज्यादा है।” यह बयान सपा की बदलती रणनीति का संकेत माना जा रहा है। पहले सपा बसपा के खिलाफ सीधे हमले से बचती रही, लेकिन अब अखिलेश ने यह साफ कर दिया है कि 2027 की जंग में वे दलित वोट बैंक को लेकर कोई समझौता नहीं करेंगे।

दलित वोट बैंक पर नजर

सपा जानती है कि सत्ता तक पहुंचने के लिए दलितों (Dalits) का समर्थन जरूरी है। पहले यह वर्ग बसपा के साथ था, लेकिन अब भाजपा ने इसमें सेंध लगाई है। 2024 के लोकसभा चुनाव में सपा को भी दलित मतों का आंशिक फायदा मिला था। इसलिए अब पार्टी दलित समाज से जुड़े मुद्दों को जोर-शोर से उठाने की रणनीति बना रही है।  रायबरेली (Rae Bareli) में वाल्मीकि युवक की हत्या का मामला सपा ने तुरंत उठाया, जिससे साफ है कि पार्टी अब इस वर्ग के मुद्दों पर सक्रिय रहेगी।

Advertisment

यूपी के 4 शहरों में मीट कारोबारियों के ठिकानों पर आयकर विभाग का महा-छापा: ₹1000 करोड़ के साम्राज्य पर शिकंजा

UP Meat Traders IT Raid:  उत्तर प्रदेश के चार प्रमुख शहरों—संभल, बरेली, गाजियाबाद और हापुड़—में मीट कारोबार से जुड़े बड़े नामों के ठिकानों पर सोमवार तड़के इनकम टैक्स (आयकर) और जीएसटी विभाग की टीमों ने एक बड़ी संयुक्त छापेमारी शुरू की है।  पूरी खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें

अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) बसपा (BSP) आकाश आनंद (Aakash Anand) सपा (Samajwadi Party) पंचायत चुनाव (Panchayat Election) दलित वोट बैंक (Dalit Vote Bank) उत्तर प्रदेश राजनीति (UP Politics) विधानसभा चुनाव 2027 (Assembly Election 2027)
Advertisment
WhatsApp Icon चैनल से जुड़ें