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हाइलाइट्स
- सोयाबीन मॉडल रेट बढ़कर 4225 रुपए तक पहुंचा
- सरकार ने किसानों के खातों में 233 करोड़ भेजे
- बारिश से नुकसान के बाद भावांतर बना सहारा
MP Bhawantar Yojana: मध्य प्रदेश के सोयाबीन उत्पादक किसानों के लिए सरकार ने एक फिर मॉडल रेट में वृद्धि कर दी है। इस बार खरीदी सीजन के बीच सरकार लगातार मॉडल रेट में बढ़ोतरी कर रही है। भावांतर भुगतान योजना के लागू होने के बाद से राज्य सरकार ने हर दिन नया मॉडल रेट जारी किया है और इसी क्रम में शनिवार (15 नवंबर) को मॉडल रेट एक बार फिर बढ़ा दिया गया। सरकार ने बताया कि भावांतर योजना 2025 के तहत मंडी प्रांगण में अपनी उपज बेच चुके किसानों के लिए 4225 रुपए प्रति क्विंटल का ताजा मॉडल रेट तय किया गया है। इसी रेट को आधार मानकर किसानों को भावांतर राशि दी जाएगी।
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सोयाबीन मॉडल रेट में लगातार बढ़ोतरी
7 नवंबर को सरकार ने पहला मॉडल रेट 4020 रुपए प्रति क्विंटल जारी किया था। इसके बाद से रोजाना रेट में बदलाव होते रहे। 8 नवंबर को 4033 रुपए, 9 और 10 नवंबर को 4036 रुपए, 11 नवंबर को 4056 रुपए, 12 नवंबर को 4077 रुपए, 13 नवंबर को 4130 रुपए और 14 नवंबर को 4184 रुपए प्रति क्विंटल मॉडल रेट घोषित हुआ। अब 15 नवंबर को यह रेट बढ़कर 4225 रुपए तक पहुंच गया है। यह वृद्धि किसानों के लिए राहत लेकर आई है क्योंकि मौसम की मार से उपज नुकसान झेल रहे किसानों को उचित मूल्य मिलना बड़ी चिंता थी।
बारिश से खराब हुई फसल
पिछले दिनों मध्य प्रदेश में अनियमित और अधिक बारिश के कारण सोयाबीन की फसल को भारी नुकसान हुआ था। कई क्षेत्रों में फसल खराब होने से किसान परेशान हो गए थे। ऐसे समय में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सोयाबीन भावांतर भुगतान योजना लागू कर किसानों की आय की सुरक्षा का भरोसा दिया। सरकार का कहना है कि जिन किसानों की उपज कम भाव पर बिक रही है, उनके और MSP के बीच का फर्क सीधे उनके खाते में ट्रांसफर किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने दिए अधिकारियों को निर्देश
मुख्यमंत्री ने प्रशासन को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि योजना की सभी प्रक्रियाएं सरल और किसान हित में हों ताकि किसी को भी अनावश्यक परेशानी न उठानी पड़े। भावांतर योजना लागू होने के बाद से उपार्जन केंद्रों पर सोयाबीन की आवक तेजी से बढ़ी है और खरीदी का काम लगातार जारी है। सरकार का दावा है कि योजना के चलते किसानों को फसल बेचने में कोई दिक्कत नहीं आएगी।
सोयाबीन किसानों के खातों में ट्रांसफर की गई राशि
13 नवंबर को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने राज्य के 1.33 लाख सोयाबीन उत्पादक किसानों के खातों में 233 करोड़ रुपए की राशि ट्रांसफर की। सरकार का कहना है कि किसानों को उनकी उपज का पूरा लाभ दिलाने के लिए मध्य प्रदेश भावांतर योजना लागू करने वाला देश का पहला राज्य बना है। पिछले साल सोयाबीन का भाव लगभग 4800 रुपए था, जबकि इस बार किसानों को 500 रुपए प्रति क्विंटल का अतिरिक्त लाभ देकर 5300 रुपए से अधिक का मूल्य दिया जा रहा है।
9 लाख से अधिक किसानों का रजिस्ट्रेशन
भावांतर योजना के लिए 3 से 17 अक्टूबर तक रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया चली, जिसमें 9 लाख 36 हजार 352 किसानों ने पंजीयन कराया। उज्जैन, राजगढ़, शाजापुर, देवास, सीहोर, विदिशा और सागर जैसे जिलों में 50 हजार से ज्यादा किसानों ने रजिस्ट्रेशन करवाया। वहीं 21 जिलों में 10 हजार से अधिक किसानों ने अपना पंजीयन कराया। राज्य में 24 अक्टूबर से लेकर 15 जनवरी 2026 तक सोयाबीन की विक्रय अवधि तय की गई है।
वन विभाग का नोटिफिकेशन: 5 साल संविदा सेवा पूरी… तो कर्मचारियों को फॉरेस्ट गार्ड भर्ती में भी 50 प्रतिशत आरक्षण
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मध्य प्रदेश के करीब 1.25 लाख संविदा कर्मचारियों को बड़ी राहत मिली है। वन विभाग ने नया नोटिफिकेशन जारी कर स्पष्ट कर दिया है कि जिन संविदाकर्मियों ने पांच वर्ष की सेवा पूरी कर ली है, उन्हें फॉरेस्ट गार्ड भर्ती में 50 प्रतिशत आरक्षण का लाभ मिलेगा। यह कदम उन नीति निर्देशों के आधार पर उठाया गया है, जिन्हें वर्ष 2023 में सामान्य प्रशासन विभाग ने जारी पूरी खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें।
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