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दक्षिण कोरियाई अदालत ने सैमसंग के वारिस को घूस देने के मामले में ढाई साल की सजा सुनाई

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Bhasha
भारत ने 2015-20 के दौरान व्यापार को आसान बनाने के लिए कई कदम उठाए: डब्ल्यूटीओ

सियोल, 18 जनवरी (एपी) इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बनाने वाली कंपनी सैमसंग के उत्तराधिकारी जे वाय ली को अदालत ने 2016 के भ्रष्टाचार मामले में ढाई साल की सजा सुनाई, जिसके बाद उन्हें सोमवार को दोबारा जेल भेज दिया गया।

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सियोल उच्च न्यायालय ने ली को तत्कालीन राष्ट्रपति पार्क गियून-हाय और उनकी एक करीबी को घूस देने का दोषी पाया।

यह घूस सैमसंग की दो सहायक कंपनियों के विलय के लिए सरकारी मदद हासिल करने के लिए दी गई। इस विलय से उन्हें सैंमसंग समूह पर अपना नियंत्रण बढ़ाने में मदद मिली।

ली के वकीलों ने उन्हें सत्ता का सताया हुआ व्यक्ति बताया और कहा कि 2015 का सौदा एक सामान्य व्यावसायिक कम की तरह था।

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ली के वकील ने अदालत के फैसले पर खेद जताते हुए कहा, ‘‘मामले का सार यह है कि एक पूर्व राष्ट्रपति ने एक निजी कंपनी की स्वतंत्रता और संपत्ति के अधिकारों का हनन करने के लिए सत्ता का दुरुपयोग किया।’’

उन्होंने आगे अपील करने के बारे में कुछ नहीं कहा। खबर लिखे जाने तक इस फैसले पर सैमसंग ने कोई बयान जारी नहीं किया था।

ली इस समय दुनिया की सबसे बड़ी कम्प्यूटर चिप और स्मार्टफोन विनिर्माता सैमसंग के उपाध्यक्ष हैं।

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एपी पाण्डेय मनोहर

मनोहर

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