Haryana Assembly Elections Date Can Change: चुनाव आयोग ने हाल ही में हरियाणा विधानसभा चुनावों की तारीख का ऐलान किया था, लेकिन अब हरियाणा की चुनावी तारीखों में बदलाव हो सकता है। चुनाव आयोग मंगलवार को इसपर बैठक कर विचार कर सकता है। दरअसल, शनिवार को भारतीय जनता पार्टी के नेता और हरियणा भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बडोली ने चुनाव आयोग को एक पत्र लिखकर मतदान की तारीख में बदलाव करने की मांग की थी।
वहीं, अन्य दल भी तारीख में बदलाव की मांग कर रहे थे। सूत्रों ने दी जानकारी के मुताबिक अब राजनीतिक दलों की गुहार पर मंगलवार को निर्वाचन आयोग की बैठक में इस संबंध में फैसला लिया जा सकता है। हरियाणा की सभी 90 विधानसभा सीटों पर एक ही चरण में मतदान होना है। इसके लिए निर्वाचन आयोग ने 1 अक्तूबर को मतदान डालने की तारीख तय की थी और चार अक्तूबर को मतगणना के बाद फैसला आएगा।
निर्वाचन आयोग के सूत्रों के अनुसार मतदान की तारीख को 1 अक्तूबर से बढ़ाकर 7 या 8 अक्तूबर किया जा सरता है। इसी के मुताबिक मतगणना की तारीख में भी बदलाव संभव है। चुनाव आयोग मंगलवार को इसपर बड़ी घोषणा कर सकता है।
बीजेपी ने चुनाव आयोग को लिखी चिट्ठी
हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष ने अपने पत्र में लिखा कि 1 अक्तूबर की मतदान तारीख से पहले और इसके बाद में कई छुट्टियां हैं, जिसके कारण प्रदेश में कम मतदान हो सकता है, इसलिए इस तिथि में बदलाव किया जाना चाहिए।
मोहन लाल बडोली ने आयोग को पत्र लिखकर कहा कि 1 अक्तूबर को मतदान के दिन के आगे और पीछे छुट्टियां हैं और इन छुट्टियों में लोग बाहर घूमने जा सकते हैं। इसका सीधा-सीधा असर आगामी चुनाव की वोटिंग में पड़ सकता है। उन्होंने इस आधार पर निर्वाचन आयोग और हरियाणा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी से वोटिंग की तारीख में बदलाव की गुजारिश की थी।
वोटिंग छोड़ छुट्टियों पर जा सकते हैं लोग
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने अपने पत्र में लिखा कि 28 तारीख को शनिवार और 29 तारीख को रविवार है, 30 को बीच में सोमवार यानी वर्किंग डे है और 1 अक्तूबर मंगलवार को मतदान होगा। जबकि 2 अक्तूबर को गांधी जयंती की छुट्टी है तो 3 अक्तूबर को अग्रसेन जयंती पर छुट्टी है। ऐसे में 6 दिन का लंबा वीकेंड होने के कारण कई लोग छुट्टियों पर जा सकते हैं।
लोकसभा चुनाव के बाद निर्वाचव आयोग ने कहा था कि हमने इन चुनावों से सबक सीखा है कि भीषण गर्मी में चुनाव और सप्ताहांत में मतदान नहीं करवाना चाहिए। दरअसल, इसके पीछे का कारण यह है कि लोकसभा मतदान के दौरान भीषण गर्मी होने के कारण लोग घर से बाहर नहीं निकल रहे थे, यहीं कारण है कि इससे मतदान प्रतिशत में भी भारी गिरावट दर्ज की गई थी।
हालांकि, अब देखना यह होगा कि हरियाणा में मतदान की तारीख के बाद जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद होने वाले विधानसभा की वोटिंग में बदलाव हो सकता है या फिर नहीं। दरअसल, दोनों राज्यों की गणना 4 अक्तूबर होनी थी, ऐसे में अगर हरियाणा के मतदान की तिथि में बदलाव होता है तो ऐसे में मतगणना की तारीख में भी बदलाव होगा।
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