हाइलाइट्स
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छह माह में तैयार हो जाएगा एम्स में रोबोटिक सर्जरी का सेटअप।
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यूरोलाजी, आर्थोपेडिक, कैंसर के मरीजों को इससे मिलेगा लाभ।
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जटिल उपचार के लिए मरीजों को भोपाल से बाहर नहीं जाना होगा।
Robot in Aiims Bhopal: एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक प्रो. (डॉ.) अजय सिंह ने सोमवार को एक पत्रकार वार्ता में संस्थान की प्रमुख उपलब्धियों, चुनौतियों व भविष्य की योजनाओं पर चर्चा करते हुए कहा कि आने वाले दिनों में एम्स भोपाल में 60 करोड़ की लागत के दो रोबेाट खरीदे जा रहा है। उन्होंने बताया कि इससे जटिल ऑपरेशन करने में मदद मिलेगी.
एम्स प्रबंधन ने इसके लिए डाक्टरों को प्रशिक्षण देना भी शुरू कर दिया है। रोबोटिक सर्जरी शुरू करने के लिए 40 करोड़ रुपये की लागत आएगी। इसके लिए रोबोट विदेश से खरीदे जा रहे हैं। एम्स भोपाल प्रबंधन ने टेंडर जारी किया है।
200 वर्चुअल बेड का हो रहा संचालन
आपको बता दें कि अभी एम्स भोपाल 200 वर्चुअल बेड का संचालन कर रहा है। अब इससे जुड़ने के लिए पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश के अस्पताल भी तैयार हैं।
एम्स भोपाल की ओर से मरीजों की सुविधा के लिए मोबाइल नंबर भी जारी किए गए हैं।
किसी भी मरीज को इलाज में परेशानी होने पर वह 7773010099 और 9582559721 पर कॉल या व्हाट्सएप कर शिकायत कर सकते हैं।
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रोबोटिक सर्जरी वाला प्रदेश का पहला सरकारी अस्पताल
प्रदेश में अब तक रोबोटिक सर्जरी की सुविधा किसी भी सरकारी अस्पताल में नहीं है। हालांकि, इंदौर के एक निजी अस्पताल में रोबोटिक सर्जरी की शुरुआत हो गई है।
इसके अलावा दिल्ली एम्स, अपोलो, फोर्टिस और मुबंई के टाटा मेमोरियल समेत देश के कुछ खास अस्पतालों में ही रोबोटिक सर्जरी की सुविधा है।
एम्स भोपाल के डायरेक्टर डॉ। अजय सिंह ने बताया कि रोबोटिक सर्जरी की शुरुआत होने से सबसे अधिक फायदा कैंसर के मरीजों को मिलेगा.
वर्तमान में रोबोटिक सर्जरी की मांग ज्यादा
डॉ. केतन मेहता ने बताया कि वर्तमान में बढ़ती बीमारियों और उनकी जटिलताओं के कारण रोबोटिक सर्जरी की मांग बढ़ रही है। पारंपरिक ऑपरेशन की बजाय रोबोटिक सर्जरी ज्यादा कारगर है।
इसमें डॉक्टर की जगह रोबोटिक आर्म काम करते हैं। ऑपरेशन करने वाला डाक्टर एक कमरे में बैठकर इलेक्ट्रिॉनिक डिवाइस के जरिए रोबोट को कमांड देता है। रोबोटिक मशीन के हाथों में काफी स्किल्स होती हैं। रोबोटिक आर्म उन हिस्सों तक पहुंचकर ऑपरेशन करते हैं, जहां मानव हाथ नहीं पहुंच पाता है।
भारत में है रोबोट वाली मशीन
भारत में भी इस तरह का सर्जिकल रोबोट सिस्टम है। जिसे डॉक्टर सुधीर श्रीवास्तव की SSI Mantra ने डेवलप किया है।
इस रोबोट सिस्टम का इस्तेमाल करके डॉक्टर मरीज के पास ना होते हुए भी सर्जरी कर सकेंगे। भारतीय सर्जिकल रोबोट एक मॉड्यूलर डिजाइन है, जिसके 5 हाथ हैं, जिन्हें अलग किया जा सकता है।
इस ऑपरेशन के लिए सर्जन को कंसोल स्टेशन पर बैठना होता है, जिस पर 32-inch का मॉनिटर लगा है और 3D विजन मिलता है।
इसमें सेफ्टी कैमरा भी दिए गए हैं, जो डॉक्टर की मौजूदगी को डिटेक्ट करता है। अगर डॉक्टर इधर-उधर देखता है, जो सर्जरी रुक जाती है।
भारत में रोबोट के जरिए सर्जरी 40 किलोमीटर की दूरी से ही की गई है। भविष्य में भारत में और भी ये टेक्नोलॉजी का विकास होगा।