नई दिल्ली। Somvati Amavasya 2023 Pitra Dosh दान पुण्य और स्नान का खास त्योहार सोमवती अमावस्या आज यानि 20 फरवरी को मनाई जा रही है। ज्योतिषाचार्यों की मानें तो इस दिन दान पुण्य करने का तो खास महत्व होता ही है। साथ ही साथ यदि आप पितरों को प्रसन्न करना चाहते हैं तो आपको इस दिन जरूर ध्यान रखना होगा। ऐसा माना जाता है कि इस दिन की गई कुछ गलतियों से आपको पितर दोष और पितरों के क्रोध का सामना करना पड़ सकता है।
क्यों जरूरी है पितरों का पूजन — Somvati Amavasya 2023 Pitra Dosh
आपको बता दें देवी—देवताओं के साथ—साथ जीवन में तरक्की पाने के लिए पितरों का आशीर्वाद भी बेहद जरूरी है। आपको बता दें जब पितृ देव प्रसन्न होते हैं तो हमारे जीवन में खुशहाली समृद्धि आती है। व्यापार में तरक्की के योग बनते हैं। ऐसे में चलिए जानते हैं कि सोमवती अमावस्या पर क्या करना चाहिए और क्या नहीं ताकि पितृ दोष न लगे।
सोमवती अमावस्या पर क्या न करें – Somvati Amavasya 2023 Pitra Dosh
अमावस्या के दिन पितरों का अनादर नहीं करना चाहिए। इस दिन स्नान के बाद पितरों को जल का तर्पण जरूर करें। ऐसा माना जाता है कि पितर लोक में पानी की कमी होती है, इसलिए पानी से तर्पण करने से पितर जल्दी प्रसन्न होते हैं।
सोमवती अमावस्य पर आपको ध्यान रखना होगा कि आप गाय, कौआ, कुत्ता को भोजन जरूर निकाले। इससे पितृ प्रसन्न होते हैं। साथ ही आपको बता दें अमावस्या के दिन इन जीवों को आपकी तरफ से कोई कष्ट न हो।
आपको बता दें अमावस्या का दिन ऐसा होता है जब आप अपने पितर को दिए गए तर्पण से उनका आशीर्वाद पा सकते हैं। इसलिए जरूरी है कि इस दिन पिंडदान, श्राद्ध, दान आदि जरूर करें। क्योंकि वे भी इसकी प्रतीक्षा
करते हैं। अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो इससे वे दुखी तो होते ही हैं साथ ही उनके द्वारा आप श्रापित भी हो सकते हैं।
अमावस्या के दिन आपको भूलकर भी मांस—मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए। ऐसा करना आपके लिए नकारात्मकता उर्जा पैदा कर सकता है। ऐसा करना आपकी उन्नति में बाधक का कारण बन सकता हैं।
सोमवती अमावस्या को ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए।
ये है सोमवती अमावस्या का मुहूर्त — Somvati Amavasya 2023 Pitra Dosh
फाल्गुन कृष्ण अमावस्या तिथि की शुरूआत: 19 फरवरी, शाम 04:18 मिनट से
फाल्गुन कृष्ण अमावस्या तिथि की समाप्ति: 20 फरवरी, दोपहर 12:35 मिनट पर