दुर्ग: बालोद में पुलिसकर्मी का बहुत ही अमानवीय चेहरा सामने आया है। जहां एक तरफ पूलिस समाज की रक्षा करते है तो दूसरी तरफ पुलिस का एक ऐसा चेहरा सामने आया है जिसे सोच कर आंखे भर आती है। दरअसल, एक पुलिसकर्मी ने डेढ़ साल की बच्ची की बेरहमी से पिटाई की और उसके बाद उसे सिगरेट से जला दिया। ऐसा उसने सिर्फ इसलिए किया की वह उसे पापा नहीं कह रही थी। बच्ची पुलिसकर्मी के पूर्व मकान मालकिन की बेटी है।
हालांकि महिला अपनी डेढ़ साल की घायल बच्ची को लेकर बालोद खाने पहुंची और आरोपी पुलिसकर्मी के खिलाफ प्राथमिकी शिकायत दर्ज कराई। जिसके बाद राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग में भी मामला पहुंचा। जिसके बाद आयोग के सदस्य यशवंत जैन ने बताया की आरक्षक अविनाश राय दुर्ग रक्षित केंद्र में पदस्थ है और तबादले से पूर्व वह बालोद रक्षित केंद्र में रहता था।
बालोद में वह एक महिला के मकान में किराए से रहता था। लेकिन वह तबादले के बाद भी बालोद में कुछ लोगों को दिए उधारी के पैसे वसूलने के लिए आता था। इसी के लिए वह 24 अक्टूबर को भी आया था और महिला के ही घर में रुका था। वहीं 29 अक्टूबर की रात वह शराब के नशे में घर पहुंचा और रात में वह महिला की डेढ़ साल की बच्ची को पापा बोलने के लिए दबाव डालने लगा। बच्ची ने जब उसे पापा नहीं बोला तो उसने गाली गलौच कर बच्ची को बेरहमी से पीटा और बाद में उसे सिगरेट से शरीर के कई जगह जला दिया। जह बच्ची की मां उसे बचाने पहुंची तो उसे भी पुलिसकर्मी ने पीट दिया।
हालांकि इस मामले में डीजीपी डीएम अवस्थी ने कार्रवाई कर आरक्षक को बर्खास्त कर दिया है और तुरंत गिरफ्तारी के आदेश जारी कर दिये हैं। दुर्ग आईजी विवेकानंद सिन्हा ने डीजीपी को निर्देश दिए, जिसके बाद कार्रवाई हुई।