नई दिल्ली। साल का सबसे बड़ा Solar Eclipse on Diwali 2022: त्योहार यानि दीपावली को Solar Eclipse 2022 बस दो महीने बचे हैं। लेकिन इसी के साथ ही आ रहा है साल का पहला सूर्य ग्रहण। जी हां इस बार वर्ष 2022 का पहला सूर्य ग्रहण surya grahan दीपावली पर लगने news astrology जा रहा है। इतना ही नहीं ये सूर्य ग्रहण भारत में भी दिखाई देगा। इस ग्रहण को लेकर कई लोगों के मन में कई भ्रांतियां भी हैं कि ये ग्रहण कब से लग रहा है। ऐसे में दीपावली कब मनाया जाएगा। कब से इसका समय रहेगा। चलिए जानते हैं।
इस मुहूर्त में होगा दीपावली पूजन –
पंडित राम गोविंद शास्त्री के अनुसार इस वर्ष दीपावली का त्योहार 24 अक्टूबर को ही मनाया जाएगा। इसके दूसरे दिन 25 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण हैं। इस बार दीपावली 24 अक्टूबर को ही होगी। इस दिन 24 अक्टूबर को मां लक्ष्मी का पूजन सोमवार की शाम 4ः44 बजे के बाद किसी भी अच्छे मुहूर्त में किया जा सकेगा।
कब है सूर्य ग्रहण –
24 अक्टूबर 2022 शाम 4ः44 बजे तक चतुर्दशी तिथि है। इसके बाद से अमावस्या तिथि लग जाएगी। यानि शाम 4ः44 के बाद से दीपावली पूजन किया जा सकेगा। तो वही 25 अक्टूबर को शाम 4ः31 से ग्रहण का सूतक काल शुरू हो जाएगा। जो 5ः14 पर मध्य और 5ः57 पर मोक्ष हो जाएगा। इस बार ज्यादा सतर्कता रखने की जरूरत इसलिए है क्योंकि इसका असर भारत में भी होगा। यानि सूर्य ग्रहण भारत में भी दिखाई देगा। इसे भारत के कई देशों में देखा जा सकेगा।
नहीं होना चाहिए भयभीत –
ज्योतिषाचार्य पंडित राम गोविंद शास्त्री के अनुसार ग्रहण काल को लेकर डरना नहीं चाहिए। विद्वान और जानकार इसे सिद्ध काल की संज्ञा देते हैं। बल्कि इस दौरान भगवान हरि नाम का जाप करने से लाभ होता है और सफलता के मार्ग प्रशस्त्र होते है।
सिद्धियों का महापर्व है सूर्य ग्रहण –
ज्योतिषाचार्य पंडित राम गोविंद शास्त्री के अनुसार जब भगवान श्रीराम ने गुरू वशिष्ठ से और श्री कृष्ण ने संदीपन गुरू से ग्रहण काल में दीक्षा ली थी तो उस समय ग्रहण काल ही था। शास्त्रों में ऐसा माना जाताहै कि सूर्यास्त के बाद पड़ने वाला सूर्य ग्रहण प्रभावी नहीं होता है।
यहां जानें कब से कब तक कौन सी तिथि –
चतुर्दशी तिथि – 24 अक्टूबर, शाम 4ः44 बजे तक
अमावस्या तिथि यानि दीपावली – 24 अक्टूबर, शाम 4ः44 से
सूर्य ग्रहण के सूतक, मध्य और मोक्ष काल
सूर्य ग्रहण सूतक काल: 4ः31 से
सूर्य ग्रहण मध्य काल: 5ः14
सूर्य ग्रहण मोक्ष काल: 5ः57 तक
क्या करें –
- ग्रहण के नकारात्मक असर से बचने के लिए भोजन.पानी, दूध और अन्य खाने के सामान में तुलसी की पत्ती डालें। ताकि ग्रहण के बाद उनका सेवन किया जा
- घर के मंदिर को ढंक दें। साथ ही इस दौरान मंदिरों के पट बंद रखें।
- ग्रहण के दौरान ज्यादा से ज्यादा समय भगवान की आराधना में बिताएं।
- ग्रहण के बाद स्नान करके दान जरूर करें। खासतौर पर सफाई कर्मचारियों को दान करना बहुत अच्छा माना जाता है।
तुला राशि और स्वाति नक्षत्र पर लगेगा सूर्य ग्रहण –
ज्योतिषाचार्यों की मानें तो तुला राशि के साथ ही स्वाति नक्षत्र में सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है। इसलिए इस राशि के जातकों और इस नक्षत्र में जन्में लोगों को ग्रहण काल के दौरान विशेष सावधान रहने की जरूरत है। ग्रहण काल के दौरान इनके ग्रहण का दर्शन नहीं करना चाहिए।
यहां दिखाई देगा ग्रहण –
यह ग्रहण भारत सहित ग्रीनलैंड, स्वीडन, नॉर्वे, यूनाईटेड किंगडम, फ्रांस, जर्मनी, स्पेन, यमन, ओमान, सऊदी अरब, इजिप्ट, इटली, पोलैंड, रोमानिया, ऑस्ट्रिया, ग्रीस, टर्की, इराक, ईरान, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, उत्तरी एवं पश्चिमी श्रीलंका, मॉस्को, पश्चिमी रूस, नेपाल व भूटान में दिखेगा।
ग्रहण के दौरान न करें यह काम –
- चूंकि ग्रहण के दौरान नकारात्मक ऊर्जा बढ़ जाती है इसलिए इस समय कोई भी शुभ काम न करें।
- ग्रहण के दौरान सुई में धागा डालने की मनाही की गई है।
- सूर्य ग्रहण के दौरान भोजन पकाने और खाने की मनाही है। साथ ही इस दौरान काटने.छीलने का काम भी न करें।
- गर्भवती महिलाएं इस दौरान चाकू.कैंची या किसी भी धारदार चीज का इस्तेमाल न करें। न ही ये चीजें हाथ में लें।
- ग्रहण काल के दौरान यात्रा करने से बचें।
नोट: इस लेख में दी गई सूचनाएं सामान्य जानकारियों पर आधारित है। बंसल न्यूज इसकी पुष्टि नहीं करता। अमल में लाने से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
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