रिपोर्ट – अनुराग श्रीवास्तव
Social Activist RK Tiwari Death: उत्तर प्रदेश के कानपुर में महिला सशक्तिकरण और मानवीय संवेदना की एक प्रेरणादायी मिसाल सामने आई है। पांच बेटियों ने अपने पिता की अंतिम इच्छा पूरी करते हुए न सिर्फ उनकी शवयात्रा को कंधा दिया, बल्कि देहदान कर समाज के लिए एक अनूठा उदाहरण भी प्रस्तुत किया। ढपली बजाकर दी गई यह अंतिम विदाई, लोगों के दिलों को छू गई और सोशल मीडिया पर भी सराही जा रही है।
समाजसेवी कामरेड आर.के. तिवारी का निधन
आईआईटी कानपुर से सेवानिवृत्त 83 वर्षीय कर्मचारी नेता और समाजसेवी कामरेड आर.के. तिवारी का 1 अगस्त की शाम संक्षिप्त बीमारी के बाद निधन हो गया। उनकी अंतिम इच्छा थी कि उनके शरीर को देहदान किया जाए। इस संकल्प को पूरा करने के लिए उनकी बेटी पूनम ने तत्काल देहदान अभियान प्रमुख मनोज सेंगर से संपर्क किया।
सेंगर ने रात में ही कानपुर मेडिकल कॉलेज से संपर्क कर आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित कीं। 2 अगस्त की सुबह 9 बजे शव वाहन के माध्यम से पार्थिव शरीर को मेडिकल कॉलेज पहुंचाया गया।
बेटियों ने निभाई जिम्मेदारी
पांचों बेटियों—प्रियंका, पूनम, भावना, गीतांजलि और वसुधा—ने न केवल अपने पिता की शवयात्रा को कंधा दिया, बल्कि अशोक नगर से मेडिकल कॉलेज तक नारे लगाते हुए साथियों और सहयोगियों के साथ इस अंतिम यात्रा में शामिल हुईं। मेडिकल कॉलेज पहुंचकर बेटियों ने ढपली बजाकर अपने पिता को भावपूर्ण और अनोखी श्रद्धांजलि अर्पित की, जो उपस्थित सभी के लिए एक मार्मिक क्षण बन गया।
मेडिकल कॉलेज में सम्मानपूर्वक देहदान
मेडिकल कॉलेज के एनाटॉमी विभाग के अनंत विजय ने कामरेड आर.के. तिवारी के पार्थिव शरीर को पूरे सम्मान के साथ स्वीकार किया। इसके बाद आयोजित स्मृति सभा में सभी बेटियों और नातिन ने अपने पिता और दादा के प्रति अपनी भावनाओं को व्यक्त किया। सभा के अंत में दो मिनट का मौन रखकर पार्थिव शरीर को औपचारिक रूप से दान कर दिया गया।
देहदान अभियान में अब तक 303 शरीर दान
देहदान अभियान प्रमुख मनोज सेंगर ने बताया कि इस अभियान के तहत अब तक कुल 303 देह दान कराए जा चुके हैं। यह घटना न केवल कामरेड तिवारी के सामाजिक योगदान और उनकी बेटियों के साहस को दर्शाती है, बल्कि समाज में देहदान जैसे पुनीत कार्य को बढ़ावा देने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है।
भावनात्मक क्षणों में साथ रहे सहयोगी
शवयात्रा में प्रताप साहनी, हिमांशु मिश्रा, राजेश शुक्ल, अरविंद शर्मा, अजीत खोटे, विष्णु शुक्ल, राम शंकर, क्रांति कटियार, राज कुमार, दिनेश अग्निहोत्री, अशोक तिवारी, अरविंद गुप्ता, ज्ञान तिवारी, सुमन राज, नीलम तिवारी, सुरेश यादव, नवल कुशवाहा, अनिल तिवारी और राजीव निगम जैसे सहयोगी शामिल हुए, जिन्होंने इस भावनात्मक क्षण में परिवार का साथ दिया।
Prayagraj Flood 2025: प्रयागराज मे गंगा-यमुना का कहर जारी, 2000 से ज्यादा लोगों ने छोड़े घर, NDRF राहत में जुटी
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में गंगा और यमुना नदियों (Ganga Yamuna flood) का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। शनिवार को दोनों नदियों ने 84.734 मीटर के खतरे के निशान को पार कर दिया। इसके चलते शहर के दो दर्जन से अधिक मोहल्लों में बाढ़ (Prayagraj Flood) का पानी घुस चुका है। पूरी खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें