COVID EFFECT: महंगे हो सकते हैं स्मार्टफोन, टीवी और लैपटॉप, जानें क्या है वजह

कोरोना संक्रमण और नए xi वेरियेंट काी आहट के चलते चीन के कई शहरों में लॉकडाउन लगाया गया है। एक्सपर्ट मानते हैं कि अगर हालात ऐसे ही रहे तो इलेक्ट्रॉनिक सामानों की कीमतों में बड़ा उछाल देखने को मिल सकता है. क्योंकि चीन सेमीकंडेक्टर और इलेक्ट्रक कारों का बड़ा उत्पादक देश है।
किन चीजों पर पड़ सकता है असर
कोरोना के फिर से बढ़ते मामलों का सीधा-सीधा असर स्मार्टफोन, स्मार्ट टीवी, लैपटॉप जैसे इलेक्ट्रॉनिक सामान की कीमतों पर देखने को मिल सकता है। क्योंकि चीन के टेक हब शेनझेन (China’s Shenzhen) क्षेत्र में कोरोना वायरस के मामलों में ताजे उछाल के बाद लॉकडाउन से टीवी, लैपटॉप और स्मार्टफोन की कीमतें बढ़ सकती हैं, क्योंकि यह क्षेत्र दुनिया में इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादों (electronics products) के सबसे बड़े आपूर्तिकर्ताओं में से एक है।
लॉकडाउन का दिख रहा सीधा असर
काउंटरपॉइंट रिसर्च (Counterpoint Research) के शोध निदेशक तरुण पाठक ने कहा है कि अगर लॉकडाउन 20 मार्च से आगे बढ़ता है तो कीमतें बढ़ना शुरू हो जाएंगी. स्मार्टफोन की कीमतें 5-7 फीसदी तक बढ़ सकती हैं।एक्सपर्ट कहते हैं कि उत्पादों की कीमत और माल ढुलाई दरें पिछले एक साल में बढ़ी हैं, जिसका अर्थ है कि अधिकांश ब्रांड नई लागत के दबाव को सहन करने में सक्षम नहीं हो सकते हैं और वे इस प्रेशर को उपभोक्ताओं के ऊपर डाल देंगे. एक्सपर्ट कहते हैं कि अगर कोरोना संक्रमण अधिक बढ़ता है तो इसका असर उपभोक्ताओं तक पहुंचेगा. क्योंकि कंपनियां पहले से ही बढ़ती महंगाई के प्रेशर में हैं.
महंगा हो सकता है सामान
ग्रेहाउंड रिसर्च के मुख्य विश्लेषक संचित वीर गोगिया के अनुसार, कीमतों के असर का दायरा इस बात पर निर्भर करेगा कि लॉकडाउन कितने समय तक चलता है. उन्होंने कहा कि अगर आने वाली तिमाही तक यह समस्या हल हो जाती है तो लगभग 10-15% की वृद्धि की उम्मीद की जा सकती है. विश्लेषकों का कहना है कि Apple को छोड़कर अधिकांश स्मार्टफोन ब्रांड 2-3% के मामूली मुनाफे पर काम करते हैं.
दाइवा ब्रांड (Daiwa brand) के तहत टेलीविजन बनाने वाली वीडियोटेक्स इंटरनेशनल (Videotex International) के निदेशक अर्जुन बजाज कहते हैं कि उच्च प्रभाव वाले पॉलीस्टाइनिन (एचआईपीएस), एक्रिलोनिट्राइल ब्यूटाडीन स्टाइरीन (एबीएस) और तांबे जैसे कच्चे माल की कीमतों में वृद्धि हुई है. HIPS और ABS का इस्तेमाल इलेक्ट्रॉनिक्स हाउसिंग के लिए किया जाता है. रूस-यूक्रेन युद्ध ने सेमीकंडक्टर सप्लाई में दो महत्वपूर्ण घटकों, नियॉन और पैलेडियम की कीमतों को भी बढ़ा दिया है.
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