हाइलाइट्स
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छोटे किसान को हुआ बड़ा फायदा
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सब्जियों की खेती से कमाया मुनाफा
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स्मार्ट खेती करके उगाईं सब्जियां
Smart Farming: देश के किसान अब स्मार्ट हो गए हैं। उन्होंने स्मार्ट खेती की ओर कदम बढ़ा दिए हैं। पारंपरिक खेती छोड़कर किसान सब्जियों की खेती पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं। इससे कम मेहनत में ज्यादा फायदा हो रहा है। बिहार के सीतामढ़ी में किसान बाबूलाल सिंह भी सब्जियों की खेती कर रहे हैं।
मौसमी सब्जी उगाना फायदेमंद
सीजनल सब्जियां उगाने से किसानों की तकदीर बदल रही है। वे कम जमीन पर मौसमी सब्जी की खेती करके अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं। किसान पारंपरिक खेती की जगह नगदी फसल पर फोकस कर रहे हैं।
लौकी, खीरा और गिलकी
किसान बाबूलाल सिंह लौकी, खीरा और गिलकी की खेती कर रहे हैं। उनका कहना है कि वे सब्जियों की खेती अलग हटकर करते हैं। उन्होंने बताया कि वे आधा बीघा जमीन पर लौकी, तुरई, खीरा और गिलकी की खेती कर रहे हैं।
साल में 2 बार लगाते हैं सब्जी
किसान बाबूलाल सिंह साल में दो बार सब्जियां लगाते हैं। वे बैसाख और भादो के महीने में सब्जियों की खेती करते हैं। बैसाख में सब्जियों का उत्पादन बेहतर होता है।
बारिश में प्रभावित होती सब्जियों की खेती
बारिश के मौसम में सब्जियों की खेती सबसे ज्यादा प्रभावित होती है। इस मौसम में मुनाफा कम होता जाता है। किसान बाबू लाल सिंह ने बताया कि वैसे तो वे एक बीघा में सब्जियां लगाते हैं, लेकिन इस बार आधा बीघा में ही खेती कर रहे हैं। वे इतनी जमीन पर ही अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं।
क्या है स्मार्ट खेती
स्मार्ट खेती में जमीन का मैनेजमेंट करने, उत्पादन बढ़ाने और पर्यावरण के प्रभावों को कम करने पर जोर दिया जाता है। इसमें आधुनिक कृषि यंत्र, रोबोट और ड्रोन का इस्तेमाल किया जाता है। स्मार्ट खेती में फसलों की गुणवत्ता और मात्रा बढ़ाने की कोशिश की जाती है। इसमें इंसान की मेहनत भी कम लगती है।
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पारंपरिक खेती से कैसे अलग है स्मार्ट खेती
पारंपरिक खेती के तरीके अब धीरे-धीरे पुराने होते जा रहे हैं। अब स्मार्ट खेती का जमाना है। पारंपरिक खेती में ज्यादातर काम हाथों से करना पड़ता है। फसल लगाना, देखभाल और कटाई। इसमें बहुत ज्यादा संसाधन लगते हैं और बहुत समय बर्बाद होता है। वहीं स्मार्ट खेती में ज्यादातर काम टेक्नोलॉजी की सहायता से किया जाता है। इसमें इंसान की मेहनत और समय बच जाता है।