Advertisment

त्वचा कैंसर जांच के दिशा-निर्देश भ्रमित करने वाले जान पड़ते हैं, विशेषज्ञों नें दिए सुझाव

त्वचा कैंसर की जांच कब और कैसे की जाए इसके बारे में सार्वजनिक तौर पर जानकारी कुछ हद तक भ्रमित करने वाली हो गई है।

author-image
Bansal news
त्वचा कैंसर जांच के दिशा-निर्देश भ्रमित करने वाले जान पड़ते हैं, विशेषज्ञों नें दिए सुझाव

गर्मियों की धूप और इसकी हानिकारक पराबैंगनी किरणों से खुद को बचाना अक्सर आसान नहीं होता है। और, त्वचा कैंसर की जांच कब और कैसे की जाए इसके बारे में सार्वजनिक तौर पर जानकारी कुछ हद तक भ्रमित करने वाली हो गई है।

Advertisment

यूएस प्रिवेंटिव सर्विसेज टास्क फोर्स

विज्ञान विशेषज्ञों की एक स्वतंत्र राष्ट्रीय समिति ‘यूएस प्रिवेंटिव सर्विसेज टास्क फोर्स’ ने अप्रैल 2023 में मौजूदा अनुसंधान की व्यवस्थित समीक्षा के बाद त्वचा कैंसर जांच को लेकर अद्यतन सिफारिशें दीं।

समिति ने निष्कर्ष निकाला कि सबूत किशोरों और वयस्कों की व्यापक वार्षिक त्वचा जांच का समर्थन नहीं करते हैं, लेकिन शुरुआती चरणों में कैंसर को पकड़ने से त्वचा कैंसर से मृत्यु का खतरा कम हो जाता है।

पहली नजर में ये बयान विरोधाभासी लगते हैं, इसलिए ‘द कन्वरसेशन’ ने त्वचाविज्ञान विशेषज्ञ एनरिक टोर्चिया, तमारा टेरजियान और नील बॉक्स से समिति की सिफारिशों को जानने में मदद करने के लिए कहा, ताकि यह समझा जा सके कि जनता के लिए उनका क्या मतलब है और लोग त्वचा कैंसर के खतरे को कैसे कम कर सकते हैं।

Advertisment

अमेरिका में त्वचा कैंसरा का प्रभाव

अमेरिका में त्वचा कैंसरा कितना आम है? रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्रों के अनुसार, त्वचा कैंसर हर साल लगभग 60 लाख अमेरिकियों को प्रभावित करता है। यह संख्या अन्य सभी प्रकार के कैंसरों से अधिक है।

आधार कोशिका कैंसर और शल्की कोशिका कैंसर, जिन्हें सामूहिक रूप से केराटिनोसाइट कैंसर के रूप में जाना जाता है, त्वचा कैंसर के 97 प्रतिशत से अधिक मामलों के लिए जिम्मेदार हैं।

मेलेनोमा कैंसर

हालांकि, त्वचा से संबंधित मेलेनोमा कैंसर सबसे अधिक मौतों का कारण बनता है। केराटिनोसाइट कैंसर त्वचा की ऊपरी परत से उत्पन्न होता है, जबकि मेलेनोमा कैंसर मध्य परत पर पाए जाने वाले ‘मेलानोसाइट्स’ के कारण चपेट में ले लेता है।

Advertisment

सामान्य कोशिकाओं के विपरीत, त्वचा कैंसर कोशिकाएं बिना किसी बाधा के बढ़ती हैं और त्वचा में प्रवेश करने की क्षमता हासिल कर लेती हैं।

त्वचा कैंसर के मुख्य कारण क्या हैं?

पराबैंगनी किरणों के अत्यधिक संपर्क में आने से त्वचा कैंसर का सबसे अधिक खतरा रहता है। गोरी और गहरे रंग की त्वचा वाले दोनों प्रकार के लोगों को त्वचा कैंसर हो सकता है, लेकिन गोरी त्वचा वाले व्यक्तियों को इसका खतरा अधिक होता है।

जिन लोगों की त्वचा गोरी है, लाल बाल हैं या जिनके शरीर पर बहुत सारे मस्से हैं, उनकी त्वचा को पराबैंगनी किरणों से नुकसान होने और गंभीर जलन होने की आशंका अधिक होती है।

Advertisment

गहरे रंग की त्वचा वाले व्यक्तियों में ‘मेलेनिन’ नामक सुरक्षात्मक रंगद्रव्य का अधिक उत्पादन होता है।

त्वचा कैंसर की जांच को लेकर बहस क्या है?

त्वचा कैंसर की जांच को लेकर जारी बहस इस बात के इर्द-गिर्द घूमती है कि क्या बार-बार जांच से मेलेनोमा से होने वाली मौतों की संख्या कम हो जाती है। 1990 के दशक की शुरुआत से, अमेरिका में मेलेनोमा की घटनाओं में नाटकीय रूप से वृद्धि हुई है।

यह वृद्धि आंशिक रूप से कैंसर का शीघ्र पता लगाने पर अधिक जोर देने के कारण हो सकती है। जांच के जरिये अधिक मेलेनोमा का पता लगाया गया है, विशेष रूप से प्रारंभिक चरण में पहचाने गए, जिन्हें चरण शून्य या स्वस्थानी मेलेनोमा के रूप में भी जाना जाता है।

इसके बावजूद, मेलेनोमा से मृत्यु दर पिछले 40 वर्षों में अपरिवर्तित बनी हुई है। अनुसंधानकर्ताओं ने इस तथ्य को अति-निदान के लिए जिम्मेदार ठहराया है, जिसमें संदिग्ध घावों का प्रारंभिक मेलेनोमा के रूप में निदान किया जाता है, भले ही वे वास्तव में मेलेनोमा न हों या जानलेवा मेलेनोमा के रूप में प्रगति न करें।

इस अवलोकन से पता चलता है कि व्यापक जांच के परिणामस्वरूप अनावश्यक सर्जिकल उपचार हो सकता है और व्यक्ति में कैंसर निदान से जुड़ा मनोवैज्ञानिक तनाव बढ़ सकता है।

ये भी पढ़ें: 

Best places to visit in Gwalior: ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत से समृद्ध है शहर ग्वालियर, आइये जानते हैं ऐसी ही 7 जगहों के बारे में

Pakistan News: पाक के बलूचिस्तान में बड़ा आतंकी हमला, चीनी इंजीनियर्स के काफिले पर हुआ हमला

OMG 2 Second Day Collection: OMG 2 का दूसरे दिन बढ़ा कमाई का आंकड़ा, देखें कितना हुआ कलेक्शन

Politics News: राजनीतिक सरगर्मियों के बीच क्या गोपनीय बैठक हुई? जानिए क्या बोले राकांपा के राज्य अध्यक्ष

UP News: समाजवादी पार्टी ने घोसी उपचुनाव के लिए उतरा प्रत्याशी, जानिए कौन होगा उम्मीदवार

त्वचा कैंसर, त्वचा कैंसर की जांच, त्वचा कैंसर के कारण, यूएस प्रिवेंटिव सर्विसेज टास्क फोर्स, skin cancer

त्वचा कैंसर त्वचा कैंसर की जांच त्वचा कैंसर के कारण
Advertisment
WhatsApp Icon चैनल से जुड़ें