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Sitapur Journalist case: यूपी में कानून को चुनौती, सरेराह पत्रकार को मारी गोली, परिवार की 2 करोड़ के मुआवजे की मांग

Sitapur Journalist murder Case: 8 मार्च को दैनिक जागरण समूह के रिपोर्टर को सरेराह गोली मार दी गई। परिजनों ने घर पर शव रख दिया है, उनका कहना है कि जब तक डीएम और एसपी नहीं आते तब तक अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा।

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Bansal news
Sitapur Journalist case: यूपी में कानून को चुनौती, सरेराह पत्रकार को मारी गोली, परिवार की 2 करोड़ के मुआवजे की मांग

हाइलाइट्स 

  • लोकतंत्र के चौथे स्तंभ की हत्या 
  • सरेराह पत्रकार को मारी गोली
  • परिजनों की 2 करोड़ के मुआबजे की मांग
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Sitapur Journalist murder Case: लोकतंत्र का चौथा स्तंभ, पत्रकारिता, जिसे कोई हिला नहीं सकता दबा नहीं सकता, डरा नहीं, जो वह देखता है, वह वो छापता है और वही वो बोलता है और वही पत्रकार जब किसी को घटना को देखने बाद उसे बोलना चाहता है, तो उसका मुंह बंद करने के लिए उसके शरीर को बंदूक की गोलियों से तार तार कर दिया जाता है।

पीड़ित परिवार ने 2 करोड़ रुपये मुआवजे की मांग

मामला उत्तर प्रदेश के सीतापुर का है जहां शनिवार 8 मार्च को दैनिक जागरण समूह के रिपोर्टर को सरेराह गोली मार दी गई। परिजनों ने घर पर शव रख दिया है, उनका कहना है कि जब तक डीएम और एसपी नहीं आते तब तक अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा। पत्रकार के नाम की पुष्टि राघवेंद्र बाजपेयी के रूप में हुई है। हत्या के बाद पीड़ित परिवार ने 2 करोड़ रुपये मुआवजे की मांग की है।

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पुलिस ने घटना स्थल का मुआयना किया

प्रशासन ने मामले की गंभीरता को समझते हुए जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने घटना स्थल का मुआयना किया है और संदिग्धों की पहचान करने का प्रयास किया जा रहा है। हालांकि, परिवार की मांगों को लेकर अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। इस घटना ने स्थानीय लोगों और पत्रकार समुदाय में गुस्सा पैदा कर दिया है। लोग सड़कों पर उतर आए हैं और न्याय की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि यदि पत्रकार सुरक्षित नहीं हैं, तो लोकतंत्र और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता खतरे में है।

अब प्रशासन और सरकार की जिम्मेदारी

परिवार ने साफ कहा है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, तब तक पत्रकार का अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा। अब प्रशासन और सरकार की जिम्मेदारी है कि वह इस मामले में त्वरित कार्रवाई करे और पीड़ित परिवार को न्याय दिलाए। इस घटना ने एक बार फिर पत्रकारों की सुरक्षा और उनके लिए न्याय सुनिश्चित करने की आवश्यकता को उजागर किया है।

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