हजारीबाग। हजारीबाग में सरस्वती पूजा के बाद प्रतिमा विसर्जन जुलूस में शामिल 17 वर्षीय किशोर की धारदार हथियारों से हत्या और उसके बाद हुए सांप्रदायिक तनाव के मामलों की जांच के लिए प्रशासन ने सात सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है।
सात सदस्यीय दल का गठन
हजारीबाग के पुलिस अधीक्षक मनोज रतन चौथे ने ‘पीटीआई-भाषा’ को यह जानकारी देते हुए बताया कि हजारीबाग में बरही के अनुमंडल पुलिस अधिकारी नजीर अख्तर के नेतृत्व में सात सदस्यीय विशेष जांच दल का गठन किया गया है जो पूरे मामले की जांच कर शीघ्र अपनी रिपोर्ट सौंपेगा जिसके आधार पर अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी।
15 प्राथमिकियां दर्ज
उन्होंने बताया कि रविवार और सोमवार को इस घटना के बारे में सोशल मीडिया के माध्यम से सामाजिक विद्वेष फैलाने वालों के खिलाफ भी अब तक 15 प्राथमिकियां दर्ज की गयी हैं और दोषियों की शीघ्र गिरफ्तारी की कोशिश की जा रही है। मनोज ने बताया कि इस मामले में कुल तीन प्राथमिकियां दर्ज की गयी थीं जिनकी शीघ्र जांच संपन्न करने के निर्देश दल को दिये गये हैं। उन्होंने बताया कि इस घटना में मारे गये किशोर के चचेरे भाई द्वारा दर्ज करायी गयी प्राथमिकी में 27 नामजद लोगों में से चार को मंगलवार को ही गिरफ्तार कर लिया गया था जबकि शेष 23 लोगों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी जारी है। उन्होंने कहा कि मृतक के परिजनों ने इस मामले को भीड़ द्वारा की गयी हत्या मानने और उसके आधार पर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है जिस पर शीर्घ निर्णय लिया जायेगा।
किशोर की हत्या का जुलूस से कोई संबन्ध नहीं
हजारीबाग के पुलिस अधीक्षक मनोज रतन चौथे ने दावा किया था कि रविवार शाम सरस्वती प्रतिमा विसर्जन के दौरान जिस किशोर की हत्या की गयी उसका जुलूस से कोई संबन्ध नहीं था। उन्होंने यह भी दावा किया कि किशोर की हत्या किसी पुराने विवाद से जुड़ी घटना है।उन्होंने बताया कि अब हजारीबाग में स्थिति नियंत्रण में है जिसे देखते हुए राज्य के गृह मंत्रालय के निर्देशानुसार प्रशासन ने हजारीबाग, रामगढ़, चतरा गिरिडीह और कोडरमा में इंटरनेट सेवा को देर शाम बहाल कर दिया।इससे पूर्व रविवार को हुई इस हिंसक घटना के बाद हजारीबाग समेत इन पांच जिलों में अफवाह फैलने के डर से इंटरनेट सेवा बंद कर दी गयी थीं।