रिपोर्ट- सुनील बघेल
Singrauli Officers Transfer MP High Court: सिंगरौली जिले में सालों से जमे पुलिस और राजस्व विभाग के अधिकारियों के खिलाफ जबलपुर हाईकोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया है। सामाजिक कार्यकर्ता और RTI एक्टिविस्ट भास्कर मिश्रा ने याचिका दायर की थी। जिसमें जिले में वर्षों से जमे अधिकारियों के कारण भ्रष्टाचार बढ़ने के आरोप लगाए थे। इस मामले में सुनवाई करते हुए कोर्ट ने सरकार को आदेश दिया है कि चार हफ्ते के भीतर इस शिकायत पर निर्णय लिया जाए।
याचिका में लगाए भ्रष्टाचार के आरोप
सिंगरौली जिले में खनिज उत्पादन के साथ-साथ कोयला और अन्य खनिजों का अवैध कारोबार भी तेजी से बढ़ रहा है। इसके साथ ही यहां कई सालों से विभिन्न विभागों में एक ही अधिकारी जमे हुए हैं। यही कारण है कि यह जिला अब भ्रष्टाचार के लिए भी कुख्यात हो गया है। इसी को लेकर हाईकोर्ट में समाजिक कार्यकर्ता ने याचिरका लगाकर तबादलों की मांग की। जिसपर हाईकोर्ट ने सरकार को 4 हफ्ते का समय दिया है।
याचिककर्ता के तर्क
ट्रांसफर की याचिका लगाने वाले भास्कर मिश्रा ने कोर्ट में तर्क रखे कि सिंगरौली में सरकारी नियमों की अनदेखी हो रही है। यहां पुलिस और राजस्व विभाग के अधिकारी सालों से एक ही जिले में तैनात हैं। कई पटवारी 20 साल से एक ही स्थान पर काम कर रहे हैं, वहीं थाना प्रभारी भी बार-बार सिंगरौली में लौट आते हैं। इस कारण भ्रष्टाचार बढ़ रहा है।
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प्रभारी मंत्री संपत्तिया उइके बोले यह गलत परंपरा
सिंगरौली जिले की प्रभारी मंत्री संपत्तिया उइके ने इसे गलत परंपरा बताते हुए कहा कि अधिकारियों को नियमों का पालन करते हुए पोस्टिंग करनी चाहिए। बंसल न्यूज़ से खास बातचीत में उन्होंने हाईकोर्ट के आदेश का पालन करने की बात कही। हाईकोर्ट के आदेश के बाद अब सिंगरौली जिले के अधिकारियों के तबादले और कार्यों पर सरकार का ध्यान केंद्रित हो गया है। अब देखना यह होगा कि सरकार इस आदेश को कितनी गंभीरता से लागू करती है।