हाइलाइट्स
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देश में बढ़ता सिंगल चाइल्ड ट्रेंड
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सामाजिक संरचना में बदलाव
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भाई-बहन के रिश्ते को खतरा
Single Child Trend: हमारे देश में सिंगल चाइल्ड का ट्रेंड तेजी से बढ़ रहा है। आधुनिक जीवन शैली, आर्थिक दबाव और करियर से जुड़ी महत्वाकांक्षाओं की वजह से पेरेंट्स एक बच्चे तक ही सीमित रहने का फैसला कर रहे हैं। इसका सीधा असर भारतीय समाज के सदियों पुराने रिश्तों के ताने-बाने पर पड़ रहा है। अगर परिस्थियों में बदलाव नहीं हुआ तो भैया-भाभी, बहन-जीजा, चाचा-चाची, बुआ-फूफा और मौसा-मौसी जैसे संबंध धीरे-धीरे समाज से खत्म हो जाएंगे। ये बदलाव भारतीय सामाजिक संरचना में एक अलग तरह का परिवर्तन ला रहा है। जिस तरह से भाई-बहनों की संख्या घट रही है, भविष्य में ये रिश्ता अपनी सार्थकता खो सकता है।
सिंगल चाइल्ड का मनोविज्ञान
1. आत्म केंद्रिता का भाव ज्यादा होता है।
2. शेयर करने की प्रवृति अक्सर कम पाई जाती है।
3. अकेलेपन की भावना स्थायी हो सकता है।
4. अक्सर जिम्मेदारियां दबाव का कारण बन जाती हैं।
सिंगल चाइल्ड का समाज शास्त्र
1. पारिवारिक रिश्तों में कमी
2. सामाजिक व्यवहार की कमी
3. सामाजिक सामंजस्य में कमी
4. रिश्तों की गंभीरता से अनजान
नो किड्स की ओर जा सकता है समाज
भोपाल के उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान (IEHE) में समाज शास्त्र की प्रोफेसर डॉ. शैलजा दुबे का कहना है कि शहरीकरण, शिक्षा का बढ़ता स्तर, महिला साक्षरता और फाइनेंशियल प्लानिंग जैसे कारक सिंगल चाइल्ड फैमिली को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभा रहे हैं। इन बदलावों के दीर्घकालिक परिणाम भारतीय सामाजिक संरचना पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकते हैं। इस प्रचलन की अगली कड़ी ‘बिना बच्चे का जीवन’ भी हो सकता है। क्योंकि संयुक्त परिवार में पले-बढ़े परिजन जब एक बच्चे तक सीमित होने लगते हैं, तो बिना रिश्तों के अनुभव वाले परिजन ‘नो किड्स’ के बारे में विचार कर सकते हैं।
अच्छी परिवारिश सबसे जरूरी
भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज (GMC) में मनोचिकित्सक और असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. समीक्षा साहू का कहना है कि सिंगल चाइल्ड अक्सर अपने परिवार का केंद्र बिंदु होते हैं और भाई-बहनों से सीखने का अवसर खो देते हैं। सिंगल चाइल्ड भी सामान्य और समायोजित हो सकते हैं, अगर उन्हें अच्छी परिवारिश दी जाए। सिंगल चाइल्ड फैमिली के बच्चे जिद्दी और अवसादग्रस्त हो सकते हैं। लेकिन एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिविटी से बच्चे में धैर्यवान और संघर्षशील जैसे गुण विकसित किए जा सकते हैं। शहरी, धनी और कामकाजी महिलाएं जो देर से शादी करती हैं उनमें सिंगल चाइल्ड होने की संभावना ज्यादा होती है।
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