Advertisment

Sindoor Fact: ब्रह्मरंध्र में सिंदूर लगाने से क्या होता है, जानें इससे जुड़े धार्मिक और वैज्ञानिक कारण

Sindoor Fact: ब्रह्मरंध्र में सिंदूर लगाने से क्या होता है, जानें इससे जुड़े धार्मिक-वैज्ञानिक कारण sindoor fact niyam hindu dharam akal mrityu sindoor-lagane-ke-dharmik-baigyanik-karan astrology hindi news pds

author-image
Preeti Dwivedi
Sindoor-Fact

Sindoor-Fact

Sindoor Fact Niyam Rule: हिन्दू धर्म में सुहाग के कई प्रतीक हैं। उन्हीं में से एक सिंदूर भी है। मंगलसूत्र, बिछिया, पायल की तरह सिंदूर एक सुहागन महिला की पहचान है।

Advertisment

ऐसा माना जाता है कि सिंदूर लगाने से मां दुर्गा की कृपा प्राप्त होती है वहीं इसका वैज्ञानिक कारण समझें तो ऐसा माना जाता है कि इसे लगाने से महिलाओं का दिमाग शांत होता है। साथ ही पति की अकाल मृत्यु नहीं होती। चलिए जानते हैं...

सिंदूर से जुड़ी कुछ खास बातें। (Sindoor Fact) 

सिंदूर लगाने का गुप्त रहस्य

हिन्दू धर्म में सिंदूर को मां दुर्गा का प्रतीक (Maa Durga) माना जाता है। विवाह के समय पति द्वारा पत्नी की मांग में पहली बार सिंदूर भरा जाता है। ये पति के प्रति उसके समर्पण को दर्शाता है। आपको बता दें सिंदूर का रंग लाल होता है, जो मां पार्वती की ऊर्जा को दर्शाता है। यही कारण है कि सिंदूर लगाने से मां पार्वती से अखंड सौभाग्यवती का आशीर्वाद मिलता है। सिंदूर माता लक्ष्मी के सम्मान का प्रतीक है। धार्मिक अनुष्ठान और तीज-त्योहारों पर सिंदूर का उपयोग जरूर होता है। तो वहीं विवाहित महिलाओं के लिए सिंदूर लगाना एक महत्वपूर्ण श्रृंगार माना जाता है।

सिंदूर लगाने का धार्मिक महत्व

हमारे धर्म ग्रंथों में कई ऐसी कथाएं हैं जिनसे रीति-रिवाजों का महत्व पता चलता है। रामायण के अनुसार माता सीता रोज श्रृंगार में मांग में सिंदूर (Maang me Sindoor) भरती थीं। जब एक बार श्री हनुमानजी (Lord Hanuman) ने माता सीता से प्रश्न पूछा आप सिंदूर क्यों लगाती हैं, तो माता ने उत्तर दिया था कि सिंदूर लगाने से भगवान श्रीराम (Shri Raam) की उम्र लंबी होती है। इससे भगवान श्रीराम को खुशी मिलती है। जिससे उनका शरीर स्वस्थ रहता है। स्वस्थ होने से व्यक्ति की आयु भी बढ़ती है। तभी से भगवान बजरंग बली भी सिंदूर लगाने लगे।

Advertisment

अकाल मृत्यु से बचाता है सिंदूर

धार्मिक मान्यता के अनुसार पत्नी द्वारा मांग में सिंदूर लगाने से पति को अकाल मृत्यु (Akar Mrityu ke Upay) नहीं आती। यानि सिंदूर पति को अकाल मृत्यु से बचाता है। सिंदूर उसके पति को संकटों से दूर रखता है। साथ ही दीपावली, करवा चौथ पर पति से पत्नी की मांग में सिंदूर भरवाने से दोनों के रिश्ते मजबूत होते हैं।

सिंदूर में होती है मां पार्वती की ऊर्जा

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार सिंदूर को मां दुर्गा को प्रतीक माना जाता है। ऐसे में अगर महिलाएं मांग में सिंदूर लगाती हैं तो उन्हें मां पार्वती की ऊर्जा मिलती है। चूंकि विवाह के बाद महिलाएं नए परिवार और परिवेश में आती हैं। इसके कारण उन्हें मानसिक बल और ऊर्जा की जरूरत होती है। पौराणिक कथाओं में सिंदूर के लाल रंग के माध्यम से माता सती और पार्वती की ऊर्जा को व्यक्त किया गया है। बताया जाता है सिंदूर लगाने से माता पार्वती अखंड सौभाग्यवती होने का आशीर्वाद देती हैं।

सिंदूर लगाने से घर में बनी रहती है सुख-शांति

ऐसी भी मान्यता है कि सिंदूर माता लक्ष्मी के सम्मान का प्रतीक भी है। इतना ही नहीं माता को सिंदूर बेहद प्रिय है। ऐसे में यदि आप भी मांग में सिंदूर भरती हैं और माथे पर लगाती हैं तो घर में सुख शांति बनी रहती है।

Advertisment

माता लक्ष्मी की पूजा में सिंदूर का ही प्रयोग किया जाता है। एक पौराणिक कथा के अनुसार माता लक्ष्मी पृथ्वी पर पांच स्थानों पर रहती हैं। जिसमें पहला स्थान स्त्री का सिर है, जहां पर वह सिंदूर लगाती हैं। यही कारण है कि मांग में सिंदूर लगाने से मां लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है।

सिंदूर लगाने  का वैज्ञानिक कारण

ब्रह्मरंध्र में ही सिंदूर क्यों लगाती हैं महिलाएं?

सिंदूर मांग के साथ-साथ मस्तिष्क के मध्य भाग में लगाने के पीछे वैज्ञानिक कारण भी है।  हमारे शरीर में ऊर्जा के रूप में सात चक्र कार्य करते हैं। इनमें से एक दो प्रमुख चक्रों आज्ञा चक्र और सहस्रार चक्र का मस्तिष्क के मध्य भाग पर मिलन होता है।

इस मध्य भाग को ‘ब्रह्मरंध्र’ कहा जाता है। इसी ब्रह्मरंध्र पर महिलाएं सिंदूर लगाती हैं। इस पर सिंदूर लगाने से महिलाओं में नकारात्मक शक्ति दूर होती है।

Advertisment

सिंदूर में कौन से तत्व पाए जाते हैं

वैज्ञानिक दृष्टि से सिंदूर के रासायनिक तत्वों की बात करें तो इसमें पारा धातु पाई जाती है। इसे शरीर पर लगाने से विद्युत ऊर्जा का नियंत्रण होता है। साथ ही इससे नकारात्मक शक्तियां दूर भागती हैं।

सिंदूर लगाने से क्या फायदे होते हैं

माथे और मांग में सिंदूर लगाने से सिरदर्द की शिकायत नहीं होती। साथ ही अनिंद्रा की समस्या भी दूर होती है। इतना ही नहीं इससे मस्तिष्क से जुड़े रोगों में भी आराम मिलता हे। विज्ञान के अनुसार महिलाओं को विवाह के बाद सिंदूर जरूर लगाना चाहिए।

सिंदूर लगाने से दूर होती हैं झुर्रियां

ऐसा भी माना जाता है कि सिंदूर में पारा होने से चेहरे पर जल्दी झुर्रियां भी नहीं पड़तीं। यानि अगर आप सिंदूर लगाते हैं तो इससे बढ़ती उम्र के संकेत जल्दी नहीं दिखते हैं। साथ ही महिला का चेहरा भी खूबसूरत नजर आता है। वैज्ञानिक दृष्टि से भी महिलाओं को सिंदूर लगाना बेहद लाभकारी होता है।

विवाह के बाद के तनाव को कम करता है सिंदूर

वैज्ञानिकों ने काफी शोध के बाद ये माना है कि लड़कियों की शादी के बाद अपनी ससुराल जाने पर उनका अचानक कई जिम्मेदारियां बढ़ती हैं। जिससे उनमें तनाव बढ़ने लगता है। जिसका सीधी असर महिलाओं के दिमाग पर पड़ता है। जिससे सिरदर्द और अनिंद्रा की समस्या होने लगती है। इस तनाव को कम करने में सिंदूर का उपयोग काफी अहम माना जाता है।

यह भी पढ़ें: ऑपरेशन सिंदूर पर धीरेंद्र शास्त्री का बड़ा बयान: कहा-पाक आतंकवादियों को जवाब operation sindoor से दिया है, अभी यह बाकी

hindu dharam Astrology Hindi News sindoor operation sindoor fact sindoor ke niyam akal mrityu sindoor-lagane-ke-dharmik-baigyanik-karan
Advertisment
WhatsApp Icon चैनल से जुड़ें