Silent Brain Stroke: जहां पर व्यक्ति की जीवनशैली अनियमित हो गई है वहीं पर इसका असर रोजाना दिनचर्या पर पड़ता है। दिमाग पर कई तरह की परेशानियों के होने से यह सेहत पर खराब असर डालती है। वहीं पर साइलेंट ब्रेन स्ट्रोक (Silent Brain Stroke) का खतरा भी बढ़ जाता है जो बिना किसी आहट के आता है और नुकसान पहुंचाता है।
क्या होता है साइलेंट ब्रेन स्ट्रोक
आपको बताते चलें, यहां पर साइलेंट ब्रेन स्ट्रोक एक तरह से दिमाग की नसों में क्लॉटिंग होने या रक्तप्रवाह के ज्यादा होने से होता है। इस दौरान आपके दिमाग के सेल्स तक ऑक्सिजन नहीं पहुंच पाने से ब्रेन डैमेज का खतरा बढ़ जाता है।
कैसे और किसे करता है परेशान
यहां पर साइलेंट ब्रेन स्ट्रोक के दौरान यह व्यक्ति के दिमाग के एक हिस्से को प्रभावित करता है जिसका असर कहां तक है इसका पता लगाना मुश्किल हो जाता है। इस ब्रेन स्ट्रोक के खतरे का पता लगाने के लिए जब स्कैन किया जाता है तो कोई टिशु डैमेज नजर आता है या कोई घाव नजर आता है। इसे साइलेंट सेरेब्रोवास्कुलर एक्सीडेंट ( Silent Cerebrovascular Accident) भी कहा जाता है।
यहां पर माने तो, यह युवा वर्ग से ज्यादा बुजुर्गों को नुकसान पहुंचाता है। इसलिए इसके लक्षणों को उम्र का दौर ना समझें और ध्यान दें तो सब आसान हो जाता है।
क्या होते है लक्षण
यहां पर साइलेंट ब्रेन स्ट्रोक के ये लक्षण होते है जिनके बारे में जानना जरूरी है।
- सोचने की क्षमता कम होना
- याददाश्त कजोर होना
- ब्लैडर कंट्रोल करने में परेशानी
- थोड़ी देर के लिए चेहरे या हाथ-पैरों का सुन्न होना
- सांस लेने में तकलीफ होना
- संतुलन न बन पाना
- मूड में अचानक बदलाव होना
क्या होता है बीमारी का निदान
यहां पर इस दिमाग को नुकसान पहुंचाने वाली बीमारी के निदान की बात की जाए तो, लक्षणों के बारे में हर कोई नहीं समझ पाते कि, वे ब्रेन स्ट्रॉक की चपेट में है। इस बीमारी का पता किसी और बीमारी से पता चलती है। अगर इस बीमारी की जानकारी लगती है तो, तब आपके डॉक्टर आपको दवाईयां दे सकते हैं ताकि भविष्य में यह समस्या न हो।
इन बातों का रखें ख्याल
यहां पर साइलेंट ब्रेन स्ट्रोक का खतरा कम करने के लिए आपको कई बातों की ओर ध्यान देना जरूरी है। जैसे…
1- खाने में नमक की मात्रा कम रखें तो, इस बीमारी का खतरा कम होगा।
2- अगर आपर अपने बीपी के लेवल को समय-समय पर चेक कराते रहते है इस बीमारी का खतरा नहीं होता है। इसके लिए आप समय-समय पर डॉक्टर से बीपी की जांच कराएं।
3- मोटापा भी कई बड़ी बीमारियों का गढ़ होता है, इस वजह से कोलेस्ट्रॉल, हाइपरटेंशन और हार्ट डिजीज की समस्या हो सकती है। जो बीमारी के खतरे को बढ़ा देते है।
4- अपनी डाइट में प्रोसेसड फूड, ज्यादा तेल वाले खाने आदि को शामिल न करें। हरी सब्जियां, फल, दही, नट्स वगैरह खाएं।
5- यहां पर सेहत के लिए आप एक्सरसाइज को अपने जीवन का हिस्सा बनाएं,इसलिए रोज कम से कम 30 मिनट एक्सरसाइज करें।
ये भी पढ़ें
Shane Bond: शेन बॉन्ड ने मुंबई इंडियंस से तोड़ा नाता, जानें पूरी खबर
signs of a silent stroke in a woman, treatment for silent stroke, signs of silent stroke in elderly, silent stroke personality changes,