Indian Railways’ Kavach 4.0: राजस्थान में सवाई माधोपुर से कोटा के बीच 108 किलोमीटर के रेलवे ट्रैक पर मंगलवार को ‘कवच 4.0’ का ट्रायल किया गया। इस दौरान
कवच तकनीक की मदद से लाल बत्ती देखकर ट्रेन अपने आप ही रुक गई। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव वहां मौजूद रहे।
Successful testing of KAVACH 4.0 b/w Sawai Madhopur – Kota Section. pic.twitter.com/4CPMdb4XGL
— Ashwini Vaishnaw (@AshwiniVaishnaw) September 24, 2024
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि रेलवे को 100 प्रतिशत सेफ बनाने की तैयारी चल रही है।
रेल मंत्री ने बताया कि इसकी मदद से लोको पायलट इंजन में बैठे-बैठे ही 7 किलोमीटर दूर के सिग्नल की जानकारी ले सकता है। कवच जरूरत के हिसाब से खुद ट्रेन की स्पीड कम कर देगा।
उन्होंने मीडिया से बात करते हुए बताया कि कवच 4.0 देश की सारी परिस्थितियों पहाड़, जंगल, रेगिस्तान को ध्यान में रखकर बनाया गया है। ये कवच 4.0 कोटा से सवाई माधोपुर के बीच में लगाया गया है। इसमें कई तरह के फीचर्स अपडेट किए गए है।
किस तरह काम करेगा कवच 4.0
बता दें कि कवच 4.0 में लोको पायलट को इंजन में ही डिस्प्ले पर दिख जाएगा की 7 किलोमीटर दूर यलो सिग्नल आने वाला है। इसके साथ ही इस कवच से ट्रेन की स्पीड कम या ज्यादा करने में भी मदद मिलेगी।
रेल मंत्री ने बताया कि यदि 2 किलोमीटर के बाद सामने रेड लाइट आने वाली है, जिसके लिए गाड़ी स्लो होनी चाहिए। इसके लिए कवच पहले से ही लोको पायलट को इंडिकेशन दे देगा। इस दौरान अगर पायलट ब्रेक नहीं लगाता है, तो कवच गाड़ी के ब्रेक लगाकर स्लो कर देगा।
कई देशों में 80-90 के दशक में आई थी टेक्नोलॉजी
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मंगलवार को इसके सफल परीक्षण के बारे में जानकारी दी। इस दौरान उन्होंने बताया कि दुनिया के कई देश 1980 और 90 के दशक में ऑटोमेटिक ट्रेन प्रोटेक्शन टेक्नोलॉजी लेकर आ गए थे, लेकिन हमारे यहां तत्कालीन सरकारों ने इसे लेकर कोई कदम नहीं उठाए।