नई दिल्ली। चोरी करने पर सजा मिलती है Siddhpeeth Chudamani Devi Uttarakhand ऐसा तो आपको पता है। लेकिन क्या आपने कभी ऐसे मंदिर के बारे में सुना है जहां पहले आपको चोरी करनी पड़ेगी। तभी देवी मां आपकी मनोकामना पूरी करेंगीं। जी हां भारत में एक ऐसा मंदिर भी है, जहां पर मंदिर में चोरी करने पर ही सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। आप हैरान होंगे लेकिन ये सच है।
हम बात कर रहे हैं देवभूमि उत्तराखंड स्थित सिद्धपीठ चूड़ामणि देवी मंदिर की। जहां एक अजीव प्रथा चली आ रही है। यहां की कहानी जरा हटके है। दरअसल, इस धार्मिक स्थान पर अपनी मनोकामना पूरी करने के लिए लोगों को चोरी करनी होती है।
1805 में बना था यह मंदिर
उत्तराखंड के चुड़ियाला गांव स्थित देवी का सिद्धपीठ Siddhpeeth Chudamani Devi Uttarakhand चूड़ामणि मंदिर एक ऐसा मंदिर है, जिसमें चोरी करने के बाद ही सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। स्थानीय लोगों की मानें तो मंदिर का निर्माण 1805 में लंढौरा रियासत के राजा ने कराया था। ऐसी मान्यता है कि जंगल में राजा एक बार शिकार करने गए थे। वहां उन्हें मां की पिंडी के दर्शन हुए। राजा के पुत्र नहीं था। उसने तब माता से पुत्र प्राप्ति का वरदान मांगा। उसकी मुराद पूरी हुई। मन्नत पूरी होने पर उसने इस मंदिर का निर्माण करवाया था।
लोकड़ा करना पड़ता है चोरी
पुत्र प्राप्ति के लिए श्रद्धालु दूर—दूर से दर्शनों के लिए आते हैं। ऐसी मान्यता यह है कि अगर आप पुत्र की चाह रखते हैं तो मंदिर में आकर माता के चरणों में रखा लोकड़ा चोरी करना होता है। चोरी करके इसे अपने साथ ले जाने पर घर में पुत्र रत्न की प्राप्ति होती है। लकड़ी के गुड्डे को लोकड़ा कहा जाता है। पुत्र की कामना पूरी होने पर मंदिर में एक बार फिर दर्शन के लिए आना होता है।