अयोध्या। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को विदेशी स्रोतों से स्वैच्छिक आर्थिक योगदान हासिल करने के लिए केंद्र से एफसीआरए मंजूरी मिल गई है। ट्रस्ट के सचिव चंपत राय ने बताया कि अन्य देशों से धन प्राप्त करने के लिए भारतीय स्टेट बैंक की नई दिल्ली में संसद मार्ग स्थित मुख्य शाखा में एक खाता खोला गया है।
‘श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र’
उन्होंने कहा कि बैंक खाता ‘श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र’ के नाम पर है। राय ने कहा कि गृह मंत्रालय के विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम, 1976 (एफसीआरए) अनुभाग ने विदेशी स्रोतों से स्वैच्छिक योगदान स्वीकार करने के लिए ‘श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र’ को
पंजीकृत किया है।
योगदान केवल नामित बैंक खाते में भेजा
उन्होंने कहा कि इस तरह का योगदान केवल नामित बैंक खाते में भेजा जा सकता है। राय ने कहा कि ट्रस्ट की किसी भी शाखा या किसी अन्य बैंक खाते में ऐसा कोई योगदान स्वीकार नहीं किया जाएगा। अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण जोरों पर है और जनवरी 2024
में इसे लोगों के लिए खोले जाने की संभावना है।
आइए जानते हैं एफसीआरए (FCRA ) क्या है?
एफसीआरए (FCRA ) का पूरा नाम फॉरेन कंट्रीब्यूशन रेगुलेशन एक्ट है। जिसे हिंदी में विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम कहा जाता है। इसे साल 1976 में बनाया गया था और 2010 में इसमें संशोधन किया गया। कोई भी ऐसी गैर सरकारी (non-governmental
organization) स्वयंसेवी संगठन जो सामाजिक या सांस्कृतिक कामों के लिए विदेश से चंदा लेना चाहती है उसे एफसीआरए के तहत रजिस्ट्रेशन कराना होता है।
एफसीआरए विदेशी चंदा लेने के लिए इजाजत तो देती ही है साथ ही विदेश से मिल रहे फंडिंग पर नजर भी रखती है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि जो फंडिंग मिल रही है उसका उद्देश्य क्या है और क्या वह किसी तरह की आतंकी फंडिंग तो नहीं है।
इसके अलावा सुरक्षा संबंधी जानकारी भी रखना FCR का काम है। अगर एफसीआरए ने किसी तरह की गलत फंडिंग पाई या तो उस पर्टिकुलर एनजीओ का रजिस्ट्रेशन रद्द भी कर सकती है।
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