नई दिल्ली। आज जन्माष्टमी है। Shri Krishna janastmi August 2021 क्या आपको पता है द्वापर युग में श्रीकृष्ण के जनम के समय जो योग बने थे वही योग आज के दिन भी बन रहे हैं। जो इस बार की जन्माष्टमी को खास बना रहे हैं। सुबह 6.20 बजे के बाद रोहिणी नक्षत्र प्रारंभ हो रहा है। रात्रि में भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनेगा। स्मार्त और वैष्णव दोनों संप्रदाय के लोग इस बार 30 अगस्त को ही जन्माष्टमी मनाएंगे।
आज वृष राशि का चंद्रमा भी रहेगा। इस राशि में चंद्र उच्च के होते हैं। सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है। पंडितों की माने तो ये सभी योग बड़े काम की शुरुआत के लिए बहुत शुभ माने गए हैं। कई लोग इस दिन निराहार रह कर व्रत करते हैं। अपनी क्षमता अनुसार भी व्रत का पालन किया जा सकता है।
द्वापर युग में भी यही थे योग
द्वापर युग में भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि, रोहिणी नक्षत्र में बुधवार के दिन श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था। उस दिन भी वृष राशि में चंद्र विराजमान थे। यही संयोग इस साल भी बन रहे हैं। बस इस बार दिन भी सोमवार है। इस दिन तुलसी की माला से मंत्र कृं कृष्णाय नम: मंत्र का जाप करने से विशेष लाभ होता है। इस दिन Shri Krishna janastmi August 2021 यमुना जी में स्नान करते हैं। अपने घर पर भी बाल गोपाल का अभिषेक करके विशेष पूजा अर्चना करनी चाहिए।
ये चीजों जरूर करें पूजन में शामिल
— बाल गोपाल की मूर्ति को स्नान कराने के लिए बड़ा बर्तन।
— तांबे का लोटा। दूध ,वस्त्र, आभूषण, चावल, कुमकुम, दीपक, तेल, रेवती, फूल, अष्टगंध, तुलसी, मिठाई।
ऐसे करें पूजन —
— जन्माष्टमी का व्रत रखने वाले भक्त आज प्रातःकाल उठकर सूर्योदय के पहले स्नान आदि से निवृत होकर साफ़ व स्वच्छ कपड़ा पहन लें।
— अब सूर्य को नमस्कार कर पूर्व या उत्तर दिशा में मुंह कर बैठें। हाथ में जल, पुष्प और सुगंध लेकर भगवान श्री कृष्ण के व्रत रहने का संकल्प लें।
— मध्याह्न के समय पानी में काले तिल डाल कर स्नान करें।
— देवकी जी के लिए प्रसूति-गृह का निर्माण करें। इसके बाद श्रीकृष्ण मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
— घर के मंदिर में ठाकुर जी की मूर्ति को पहले गंगा जल से स्नान कराएं।
— इसके बाद मूर्ति को दूध, दही, घी, शक्कर, शहद और केसर के पंचामृत से स्नान कराएं।
— अब शुद्ध जल से स्नान कराएं।
— रात 12 बजे भोग लगाकर लड्डू गोपाल की आरती करें। पूजा प्रारंभ करने के पहले खीरा जरूर काटें।
इन मंत्रों का करें जाप।
- हरे कृष्ण हरे कृष्ण, कृष्ण-कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम, राम-राम हरे हरे।।
- कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने। प्रणत क्लेशनाशाय गोविंदाय नमो नम:।।
- ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय नमः।
- ऊँ श्री कृष्णाय गोविंदाय गोपीजन वल्लभाय नमः।
- ऊँ श्री कृष्णाय नमः।
- ऊँ नमो भगवते श्रीगोविन्दाय नम:।
- ऊँ नमः भगवते वासुदेवाय कृष्णाय क्लेशनाशाय गोविंदाय नमो नमः।
- गोकुल नाथाय नमः।
- कृं कृष्णाय नमः।
- जय श्रीकृष्ण।