Bilaspur High Court: बिलासपुर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से यह जानकारी मांगी है कि प्रदेश के स्कूलों में शिक्षकों की कमी दूर करने के लिए भर्ती प्रक्रिया कब तक पूरी होगी। अदालत ने इस संबंध में चल रही प्रक्रिया की जानकारी भी मांगी है, और अगली सुनवाई अक्टूबर में निर्धारित की गई है।
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छात्राओं से दुर्व्यवहार मामले में सुनवाई
मंगलवार को राजनांदगांव के डीईओ द्वारा छात्राओं से दुर्व्यवहार और उन्हें जेल भेजने की धमकी के मामले में चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस बीड़ी गुरु की डिवीजन बेंच (Bilaspur High Court) में सुनवाई हुई। चीफ जस्टिस ने शिक्षकों की कमी वाले स्कूलों में नियुक्ति की जानकारी मांगी थी।
इस पर राज्य शासन ने बताया कि प्रदेश में लगभग 267 स्कूल ऐसे हैं, जहां शिक्षकों की कमी है। इनमें से 60 स्कूलों में स्थानीय स्तर पर शिक्षक नियुक्त किए गए हैं, जबकि दूरस्थ अंचल के 55 स्कूलों में अन्य स्कूलों से शिक्षकों का समायोजन किया गया है। बाकी स्कूलों में नियुक्ति प्रक्रिया चल रही है।
डीईओ ने छात्राओं को जेल भेजने की दी थी धमकी
छात्राओं की मांग थी कि बिना शिक्षक के वे 12वीं की परीक्षा कैसे पास करेंगी। इस पर डीईओ ने छात्राओं से दुर्व्यवहार किया और कहा कि “जीवनभर जेल में रहोगी तो समझ में आएगा। चीफ जस्टिस ने इस घटना की गंभीरता को देखते हुए स्वतः संज्ञान लेते हुए जनहित याचिका के रूप में सुनवाई शुरू की है।
इस मामले में स्कूल शिक्षा सचिव, संचालक स्कूल शिक्षा, राजनांदगांव के कलेक्टर और डीईओ को जवाब देने के लिए मुख्य पक्षकार बनाया गया है।
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