CG Teachers Bad news
प्रदेश के कुछ शिक्षकों के लिए बुरी खबर है। शिक्षकों की पदोन्नती को लेकर हाईकोर्ट में चल रहे मामले में बड़ा फैसला सुनाया गया है। बता दें कि शिक्षकों की पदोन्नती के मामले में प्रदेश के कुछ शिक्षकों ने प्रदेश सरकार के खिलाफ एक याचिका लगाई गई थी, जिसमें शिक्षकों की पदोन्नती पांच साल के बजाए तीन साल में किए जाने के फैसले को चुनौती दी गई थी। लेकिन इस याचिका पर फैसला शासन के पक्ष में दिया गया है।
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दरअसल, छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा सेवा संवर्ग 2019 के नियम 15 को लेकर वरिष्ठ शिक्षकों ने अधिवक्ता अजय श्रीवास्तव के जरिए हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा सेवा भर्ती और पदोन्नति नियम 2019 के तहत शिक्षकों के लिए दिए जाने वाले प्रमोशन के लिए उन्हें तीन साल का ही अनुभव होना जरूरी थी। लेकिन इस नए नियम के खिलाफ लिए हाईकोर्ट में कुछ शिक्षकों ने याचिकाएं दायर की थीं।
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अब इस मामले में फैसला सुनाते हुए छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस अरूप कुमार गोस्वामी और जस्टिस पीपी साहू की डिवीजन बेंच ने सरकार द्वारा बदले गए नियम को सही करार दिया है। इसके साथ ही इस नियम के खिलाफ में लगी सभी याचिकाओं के लिए भी खारिज कर दिया गया है। हालांकि, इस फैसले की खास बात यह है कि अब प्रमोशन की राह देख रहे शिक्षकों का इंतजार खत्म हो गया है।
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हाई कोर्ट द्वारा सुनाए गए इस फैसले के बाद से शिक्षकों के पर पदोन्नति के लिए सरकार द्वारा बनाए गए नियम के लिए सही ठहराया गया है। इसके साथ ही यचिका दायर करने वाले शिक्षकों का पक्ष सुनते हुए एलबी संवर्ग और रेगुलर टीचर दोनों को ही प्राचार्य पद के लिए पदोन्नत किए जाने का भी आदेश जारी किया गया है। इसका मतलब अब इन दोनों संवर्गों के शिक्षकों के लिए प्राचार्य के पद पर पदोन्नती मिलेगी।