Aaj Ka Mudda: मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार ने लाड़ली लक्ष्मियों और बहनों के बाद अब भैया यानी युवाओं को सौगात देते हुए सीखो कमाओ योजना लॉन्च की। चुनाव से पहले आई योजना को गेमचेंजर बताया जा रहा है तो कांग्रेस इसे चुनावी योजना बता रही है।
यह भी पढ़ें… Pakistan: अपने घर से 30-40 आतंकवादियों को बाहर निकाले इमरान खान, पंजाब प्रांत सरकार ने जारी किया आदेश
लाड़ली लक्ष्मी से लेकर लाड़ली बहना तक सीएम शिवराज सिंह चौहान को मामा यूं ही नहीं कहा जाता है। महिलाओं को लेकर उनकी योजनाएं उन्हें नेताओं की भीड़ से अलग खड़ा करती हैं, लेकिन अब भैयाओं के भी मामा बनने की बारी है। एमपी में अब मुख्यमंत्री सीखों कमाओं योजना लॉन्च की गई है इसके केंद्र में वो युवा हैं जो रोजगार की तलाश में हैं। योजना लक्ष्य युवाओं को कार्यकुशल बनाने के साथ ही आर्थिक मदद भी उपलब्ध कराना है।
मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना के तहत दसवीं से लेकर पोस्ट ग्रेजुएट तक के युवाओं को ट्रैनिंग देकर 8-10 रुपए स्टाइफंड दिया जाएगा। 7 जून से ये योजना शुरू हो रही है। इसके लिए एक हजार करोड़ का बजट रखा गया है। इसमें 1 लाख युवाओ रोजगार देने का लक्ष्य है। हालांकि, नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ इस योजना को चुनावी योजना बता रहे हैं।
यह भी पढ़ें… DK Shivkumar on karnataka CM: अब कौन बनेगा कर्नाटक का असली सीएम ! डीके ने फैसला किया नामंजूर
जहां तक सियासत का सवाल है। जितना महत्व महिलाओं का है उतना ही युवाओं का भी है। यदि आंकड़ों की बात की जाए तो प्रदेश में करीब 30 लाख युवा पहली बार वोट डालेंगे। जाहिर है, एक रोजगार पाए युवा के साथ पूरा परिवार का भी वोट जुड़ा होता है। कुल मिलाकर 2023 में ये युवा गेमचेंजर साबित हो सकते है।