हाइलाइट्स
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अमलेश्वर में 26 मई से 2 जून तक होगी कथा
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पुलिस ने ट्रैफिक प्लान का रोडमैप किया जारी
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श्रद्धालुओं के लिए बनाई जाएगी हेल्प डेस्क
Pandit Pradeep Mishra Katha: प्रसिद्ध कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा की कथा छत्तीसगढ़ में होने जा रही है। शिव पुराण कथा दुर्ग के अमलेश्वर में आयोजित की जाएगी।
Pandit Pradeep Mishra Katha: Shiv Puran Katha दुर्ग में 26 मई से, आप जा रहे हैं तो समझें ये ट्रैफिक प्लान
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जहां कथा 26 मई से 2 जून तक जारी रहेगी। इस कथा में लाखों लोगों के आने की संभावना है। इसको देखते हुए पुलिस ट्रैफिक विभाग ने कथा के आयोजन को लेकर ट्रैफिक प्लान और रोडमैप जारी किया है।
इस रोडमैप के आधार पर लोगों को कथा श्रवण करने आने जाने में परेशानी नहीं होगी और न ही कहीं पर ट्रैफिक जाम जैसी समस्या उत्पन्न होगी, ऐसा प्रयास ट्रैफिक विभाग के द्वारा किया जा रहा है।
भारी वाहनों पर रहेगा प्रतिबंध
दुर्ग के अमलेश्वर में 26 मई से 2 जून तक चलने वाली शिव पुराण कथा (Pandit Pradeep Mishra Katha) के दौरान ट्रैफिक डायवर्ट किया जाएगा।
कथा के दौरान भारी वाहनों पर प्रतिबंध रहेगा। इसके साथ ही कथा स्थल के पास VVIP और VIP समेत 9 जगह पार्किंग की व्यवस्था की गई है। इसकी तैयारियां लगभग पूरी कर ली गई है।
पुलिस ने की अपील, इस रास्ते से जाएं
ट्रैफिक पुलिस ने रोडमैप तैयार किया है। इसके अनुसार ही लोगों से कथा स्थल तक पहुंचने की अपील की गई है।
पुलिस ने श्रद्धालुओं से अपील है कि रायपुरा चौक से कथा स्थल तक जाने के लिए भाठागांव चौक से काठाडीह मार्ग और खुड़मुड़ा नदी पुल से होते हुए अमलेश्वर कथा स्थल पर जाएं।
इसी तरह टाटीबंध से कुम्हारी चौक, परसदा, मगरघटा होते हुए ग्राम भोथली और एम.टी. वर्कशॉप रोड का इस्तेमाल करते हुए कथा स्थल पर पहुंचे।
रायपुरा चौक इलाके में रहता है जाम
ट्रैफिक पुलिस के अनुसार कथा (Pandit Pradeep Mishra Katha) स्थल थाना अमलेश्वर के सामने मेन रोड से लगा हुआ है। यहां सामान्य दिनों में रायपुरा चौक से महादेव घाट के बीच ट्रैफिक ज्यादा रहता है।
इसलिए भक्तों को कोई परेशानी न हो, इसको ध्यान में रखते हुए रायपुर शहर की ओर से कथा स्थल तक पहुंचने के लिए बताए गए रास्ते का इस्तेमाल करें।
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श्रद्धालुओं की मदद करेगी हेल्प डेस्क
आयोजकों ने कथा (Pandit Pradeep Mishra Katha) सुनने के लिए पहुंच रहे लोगों की मदद के लिए हेल्प डेस्क बनाई है। भक्तों को दिक्कत ना हो, इसके लिए आयोजन समिति के लोग कई जगहों पर कथा स्थल तक पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को गाइड करेंगे।