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किस्सा: ब्रिटिश अधिकारी का काम तमाम करके भी उदास हो गए थे देशभक्त राजगुरू

किस्सा: ब्रिटिश अधिकारी का काम तमाम करके भी उदास हो गए थे देशभक्त राजगुरू Shivaram Rajguru 114th Anniversary Rajguru was sad after killing the British officer vkj

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Bansal News
किस्सा: ब्रिटिश अधिकारी का काम तमाम करके भी उदास हो गए थे देशभक्त राजगुरू

Shivaram Rajguru 114th Anniversary: हमारे भारत देश ने आजादी के 75 साल पूरे कर लिए है। पूरे देश में आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है। भारत को आजादी दिलाने में देश के कई वीर सपूतों ने अपने प्राणों को न्यौछावर कर दिया था। भगत सिंह से लेकर चंद्रशेखर आजाद ने अपना बलिदान दिया था। इन्ही में से एक ऐसा भी वीर सपूत शिवराम राजगुरू (Shivaram Rajguru 114th Anniversary) भी था जिन्होंने ब्रिटिस सरकार की नाक में दम कर रखा था। राजगुरू वही थे जिन्होंने ब्रिटिश सरकार के असिस्टेंट सुपरिटेंडेट ऑफ पुलिस जॉन सॉन्डर्स को जान से मार दिया था। राजगुरू को जॉन सॉन्डर्स की हत्या के जुर्म में फांसी दे दी गई थी। जब राजगुरू (Shivaram Rajguru 114th Anniversary) को फांसी दी गई थी तब वह महत 22 साल के थे। राजगुरू ने भले ही जॉन सॉन्डर्स की हत्या कर दी थी, लेकिन वह इस कांड से उदास हो गए थे जबकि जॉन सॉन्डर्स की हत्या को लेकर देशभर में जश्न मनाया जा रहा था।

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क्यों उदास थे राजगुरू?

देशभक्त और स्वतंत्रता सेनानी शिवराज राजगुरू (Shivaram Rajguru 114th Anniversary) ने जॉन सॉन्डर्स को एक ही गोली से ढेर कर दिया था। शिवराज राजगुरू महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले के रहने वाले थे। उनका जन्म 24 अगस्त 1908 को हुआ था। उनके पिता का नाम हरिनारायण राजगुरू था। जॉन सॉन्डर्स के जुर्म में न सिर्फ राजगुरू को फांसी हुई थी बल्कि भगतसिंह ओर सुखदेव को लाहौर की जेल में फांसी दी गई थी। लेकिन राजगुरू (Shivaram Rajguru 114th Anniversary) जॉन सॉन्डर्स की हत्या से उदास हो गए थे। क्योंकि वह सॉन्डर्स के परिवार और अनाथ हुए बच्चों के बारे में सोच रहे थे।

एक ही गोली में कर दिया था ढेर

लेखक प्रवीन भल्ला की कीताब शहीद ए वतन के अनुसार बात 17 दिसंबर, 1927 की है, जब भगत सिंह और राजगुरु ने सहायक पुलिस अधीक्षक जॉन सॉन्डर्स को एक ही गोली में ढेर कर दिया था। जॉन सॉन्डर्स की हत्या को लेकर देशभर में जश्न का माहौल था। हर देशभक्त इस कांड से खुश था। लेकिन उस वक्त राजगुरू (Shivaram Rajguru 114th Anniversary) के चेहरे पर उदासी के बादल छाए हुए थे। राजगुरू की उदासी को देखकर भगवानदास ने जब उनसे उदासी का करण पूछा तो राजगुरू (Shivaram Rajguru 114th Anniversary) ने कहा कि अगर आप मेरी जगह होते तो आप भी परेशान होते। बेचार पुलिसकर्मी बेकार में मारा गया। उसकी मौत से उसका परिवार दुखी है, उसके बच्चे अनाथ हो गए है।

भगवानदास ने राजगुरू को समझाया

राजगुरू (Shivaram Rajguru 114th Anniversary) की इस बात को सुनकर पंडित भगवानदास ने राजगुरू को समझाया और कहा कि जब तुमने से मारा तब वह ड्यूटी पर था, उसे मारने में तुमने कोई गलती नहीं की है। अगर ऐसा नहीं होता तो हम सब मारे जाते। वैसे भी कई लोगों को बचाने के लिए एक को मारना गलत नहीं है। पंडित भगवानदास की इस बात पर राजगुरू (Shivaram Rajguru 114th Anniversary) का चेहरा कुछ हल्का हुआ। हालांकि, आपको बता दें कि उस समय टारगेट सॉन्डर्स नहीं बल्कि पुलिस अधीक्षक जेम्स स्कॉट था। जिस पर लाला लाजपत राय की मौत का आरोप था। क्योंकि जेम्स स्कॉट ने लाठीचार्ज का ओदश दिया था। जिसमें लाला जी शहीद हो गए थे।

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