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Shaktishali Shiv Mantra: सावन में जरूर करें शिव के 10 सबसे शक्तिशाली मंत्रों का जाप, दूर होंगे हर कष्ट

Shaktishali Shiv Mantra: सावन में जरूर करें शिव के 10 सबसे शक्तिशाली मंत्रों का जाप, दूर होंगे हर कष्ट: shiv shaktishali mantra top 10 powerfull lord shiv worship mantra sawan 2025 astrology hindi news pds

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Preeti Dwivedi
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Shaktishali Shiv Mantra:  सावन का महीना शिवजी के लिए खास होता है। 21 जुलाई को आज सावन का दूसरा सोमवार है। श्रावण सोमवार के साथ ही आज श्रावणी नक्षत्र, एकादशी का खास संयोग है। पवित्र सावन मास के सोमवार को देवाधिदेव भगवान महादेव की पूजा और भक्ति का हिन्दू सनातन धर्म में विशेष महत्व होता है।

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इस विशेष दिन को शक्तिशाली शिवमंत्रों का जाप करने से न केवल भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है, बल्कि साधक-साधिका की आत्मिक और मानसिक उन्नति होती है और शारीरिक ऊर्जा में वृद्धि होती है।

चलिए जानते हैं सावन में भगवान शिव की भक्ति के 10 सबसे शक्तिशाली मंत्र कौन से हैं। जिनके जाप से आप आशुतोष को प्रसन्न कर सकते हैं।

भगवान शिव को प्रसन्न करने वाले शक्तिशाली शिवमंत्र

यहां जो शिवमंत्र बताए गए है, वे विशेष जप-मंत्र हैं, जिनके जाप से व्यक्ति का चित्त शांत होता है और उनमें आध्यात्मिक चेतना विकसित होती है। प्रस्तुत है महत्वपूर्ण और उपयोगी शिवमंत्रों की सूची और उनसे प्राप्त होने वाले लाभ:

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1. अति-शक्तिशाली और प्रसिद्ध शिवमंत्र

“ॐ नमः शिवाय”
“Om Namah Shivaya”

यह महादेव शिव का सबसे सरल लेकिन अति-शक्तिशाली और प्रसिद्ध मंत्र है। इसका समुचित जाप करने से भक्त को शिवजी की कृपा और मानसिक शांति प्राप्त होती और साधक को हर क्षेत्र में उन्नति प्राप्त होती है।

2. दीर्घायु और उत्तम स्वास्थ्य प्राप्ति शिवमंत्र

“ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥”

“Om Tryambakam Yajamahe, Sugandhim Pushti Vardhanam.
Urvarukamiva Bandhanan, Mrityor Mukshiya Maamritat.”

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यह महामृत्युंजय मंत्र है। इस सर्वकालिक सिद्ध मंत्र के नियमपूर्वक जाप से महादेव शिव अपने भक्त को असमय मृत्यु, हर प्रकार के रोग से रक्षा, अस्वस्थता और कष्टों से मुक्ति प्रदान करते हैं।

3. आत्मिक उन्नति और सर्व-शक्ति प्राप्ति शिवमंत्र

“ॐ नमः शिवाय व्योमकेश्वराय”
“Om Namah Shivaya Vyomakeshvaraya”

इस मंत्र का जाप करने से साधक की मानसिक और आत्मिक उन्नति होती है। विशेष अनुष्ठान के साथ इस मंत्र का जाप व्यक्तिमात्र को सर्वशक्तिमान बनाता है। सुख-शांति और अक्षय समृद्धि की प्राप्ति होती है।

4. हर प्रकार के भय से मुक्ति का शिवमंत्र

“ॐ नमो भगवते रुद्राय”
“Om Namo Bhagavate Rudraya”

इस मंत्र का जाप जगत-संहारक भगवान शंकर के रुद्र रूप को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है। इसका जाप करने से व्यक्ति को किसी प्रकार का भय नहीं होता है यानी उसे अभय होने का वरदान मिलता है। उसे हर प्रकार का सुख और इंद्र के समान ऐश्वर्य और समृद्धि प्राप्त होती है।

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5सौभाग्य-प्राप्ति शक्तिशाली बीज शिवमंत्र

“ॐ हं हं सह:”
“Om Ham Ham Sah”

यह सौभाग्य की प्राप्ति के लिए बहुत ही शक्तिशाली बीज शिवमंत्र है। इस मंत्र के विधानपूर्वक जाप करने से भगवान शिव की कृपा तो प्राप्त होती ही है, साथ ही शक्ति और प्रसिद्धि भी प्राप्त होती है।

6. सर्वसुरक्षा और धैर्य वृद्धि शिवमंत्र

“ॐ नमः शिवाय गङ्गाधराय”
“Om Namah Shivaya Gangadharaya”

यह भगवान शिव की आराधना का विशेष मंत्र है। इस मंत्र का जाप करने से परम वंदनीय शिवजी की कृपा से जीवन में धैर्य और सहनशीलता आती है। हर प्रकार की सुरक्षा और धन-प्राप्ति होती है।

7. चिंता से मुक्ति और शांति प्राप्ति शिवमंत्र

“ॐ नमः शिवाय शान्ताय”
“Om Namah Shivaya Shantaya”

भगवान शिव को समर्पित इस विशेष इस मंत्र का जाप करने से व्यक्ति की सभी सांसारिक और आधिभौतिक चिंताएं और परेशानियां दूर हो जाती हैं। मन को शांति मिलती है। जीवन सुकून से भर जाता है।

8. शिव-कृपा प्राप्ति विशेष मंत्र/सर्व अभीष्ट प्राप्ति मंत्र

“ॐ शंकराय नमः”
“Om Shankaraya Namah”

‘ॐ नमः शिवाय” की भांति यह मंत्र भी भगवान शिव की आराधना का अति-लाभकारी मंत्र है। अघोरी और तांत्रिक साधना के साधक भी इस मंत्र का जाप करते हैं। इसके जाप से शिवकृपा तुरंत प्राप्त होती है।

देश में एकमात्र यहां होती है खंडित शिवलिंग की पूजा, गैविनाथ के नाम से प्रसिद्ध है ये शिवधाम
देश में एकमात्र यहां होती है खंडित शिवलिंग की पूजा, गैविनाथ के नाम से प्रसिद्ध है ये शिवधाम

9. सर्व-बाधा मुक्ति शिवमंत्र

“ॐ हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट्”
“Om Ham Hanumate Rudratmakaya Hum Phat”

इस विशेष मंत्र में भगवान शिव का उनके अवतार हनुमानजी की एकसाथ स्तुति की गई है। यह बहुत फलदायी मंत्र है। इस मंत्र का श्रद्धापूर्वक जप करने से साधक को सभी बाधाओं और दुःखों से मुक्ति मिल जाती है। यह मंत्र कलियुग में विशेष प्रभावशाली है।

10. मनोवांछित फलप्राप्ति शिवमंत्र

“ॐ पार्वतीपतये नमः”
“Om Parvatipataye Namah”

शक्ति-स्वरूपा देवी पार्वती के पति होने के कारण भगवान शिव का एक प्रसिद्ध नाम ‘पार्वतीपतये’ है। देवी पार्वती के नाम से युक्त इस मंत्र के जाप भगवान शिव शीघ्र प्रसन्न होते हैं और मनोवांछित फल प्रदान करते हैं।

सनातन धर्मग्रंथों से लिए गए इन चुनींदा शिवमंत्रों के नियमित और समुचित जप करने से मन की शुद्धि होती है। साधक-साधिका को सर्वपूज्य भगवान शिव की अनुकंपा से परम आत्मिक और सांसारिक उन्नति की प्राप्ति होती है।

 

लेकिन स्मरण रहे कि इन सभी शिवमंत्रों का जाप पूरे विश्वास, सच्ची निष्ठा, पूर्ण एकाग्रता और असीम समर्पण के साथ करने से ही लाभ होता है। सनातन धर्म के ग्रंथों अनुसार, इन शिवमंत्रों का नियमित रूप से जाप करने से मानसिक, शारीरिक और आध्यात्मिक लाभ सिद्ध होते हैं, इसमें कोई संदेह नहीं है।

 

दो महीने का सावन, 8 सोमवार व्रत

बता दें, साल 2023 में देवों के देव महादेव का महीना यानी सावन 4 जुलाई से शुरू चुका है। इस साल अधिक मास होने के कारण पंचांग के अनुसार सावन दो महीने का होगा। इसमें कुल 8 सोमवार व्रत रखे जाएंगे। सावन 2023 का पहला सोमवार 10 जुलाई को है। सावन 2025 के सोमवार की सभी तिथि देखने के लिए यहां क्लिक करें

सावन 2025 के सोमवार की सभी तिथि

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भगवान शिव को प्रसन्न करने वाले शक्तिशाली शिवमंत्र

यहां जो शिवमंत्र बताए गए है, वे विशेष जप-मंत्र हैं, जिनके जाप से व्यक्ति का चित्त शांत होता है और उनमें आध्यात्मिक चेतना विकसित होती है। प्रस्तुत है महत्वपूर्ण और उपयोगी शिवमंत्रों की सूची और उनसे प्राप्त होने वाले लाभ:

1. अति-शक्तिशाली और प्रसिद्ध शिवमंत्र

“ॐ नमः शिवाय”
“Om Namah Shivaya”

यह महादेव शिव का सबसे सरल लेकिन अति-शक्तिशाली और प्रसिद्ध मंत्र है। इसका समुचित जाप करने से भक्त को शिवजी की कृपा और मानसिक शांति प्राप्त होती और साधक को हर क्षेत्र में उन्नति प्राप्त होती है।

2. दीर्घायु और उत्तम स्वास्थ्य प्राप्ति शिवमंत्र

“ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥”

“Om Tryambakam Yajamahe, Sugandhim Pushti Vardhanam.
Urvarukamiva Bandhanan, Mrityor Mukshiya Maamritat.”

 

 

यह महामृत्युंजय मंत्र है। इस सर्वकालिक सिद्ध मंत्र के नियमपूर्वक जाप से महादेव शिव अपने भक्त को असमय मृत्यु, हर प्रकार के रोग से रक्षा, अस्वस्थता और कष्टों से मुक्ति प्रदान करते हैं।

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3. आत्मिक उन्नति और सर्व-शक्ति प्राप्ति शिवमंत्र

“ॐ नमः शिवाय व्योमकेश्वराय”
“Om Namah Shivaya Vyomakeshvaraya”

इस मंत्र का जाप करने से साधक की मानसिक और आत्मिक उन्नति होती है। विशेष अनुष्ठान के साथ इस मंत्र का जाप व्यक्तिमात्र को सर्वशक्तिमान बनाता है। सुख-शांति और अक्षय समृद्धि की प्राप्ति होती है।

4. हर प्रकार के भय से मुक्ति का शिवमंत्र

“ॐ नमो भगवते रुद्राय”
“Om Namo Bhagavate Rudraya”

इस मंत्र का जाप जगत-संहारक भगवान शंकर के रुद्र रूप को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है। इसका जाप करने से व्यक्ति को किसी प्रकार का भय नहीं होता है यानी उसे अभय होने का वरदान मिलता है। उसे हर प्रकार का सुख और इंद्र के समान ऐश्वर्य और समृद्धि प्राप्त होती है।

5सौभाग्य-प्राप्ति शक्तिशाली बीज शिवमंत्र

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“ॐ हं हं सह:”
“Om Ham Ham Sah”

यह सौभाग्य की प्राप्ति के लिए बहुत ही शक्तिशाली बीज शिवमंत्र है। इस मंत्र के विधानपूर्वक जाप करने से भगवान शिव की कृपा तो प्राप्त होती ही है, साथ ही शक्ति और प्रसिद्धि भी प्राप्त होती है।

6. सर्वसुरक्षा और धैर्य वृद्धि शिवमंत्र

“ॐ नमः शिवाय गङ्गाधराय”
“Om Namah Shivaya Gangadharaya”

यह भगवान शिव की आराधना का विशेष मंत्र है। इस मंत्र का जाप करने से परम वंदनीय शिवजी की कृपा से जीवन में धैर्य और सहनशीलता आती है। हर प्रकार की सुरक्षा और धन-प्राप्ति होती है।

7. चिंता से मुक्ति और शांति प्राप्ति शिवमंत्र

“ॐ नमः शिवाय शान्ताय”
“Om Namah Shivaya Shantaya”

भगवान शिव को समर्पित इस विशेष इस मंत्र का जाप करने से व्यक्ति की सभी सांसारिक और आधिभौतिक चिंताएं और परेशानियां दूर हो जाती हैं। मन को शांति मिलती है। जीवन सुकून से भर जाता है।

8. शिव-कृपा प्राप्ति विशेष मंत्र/सर्व अभीष्ट प्राप्ति मंत्र

“ॐ शंकराय नमः”
“Om Shankaraya Namah”

‘ॐ नमः शिवाय” की भांति यह मंत्र भी भगवान शिव की आराधना का अति-लाभकारी मंत्र है। अघोरी और तांत्रिक साधना के साधक भी इस मंत्र का जाप करते हैं। इसके जाप से शिवकृपा तुरंत प्राप्त होती है।

9. सर्व-बाधा मुक्ति शिवमंत्र

“ॐ हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट्”
“Om Ham Hanumate Rudratmakaya Hum Phat”

इस विशेष मंत्र में भगवान शिव का उनके अवतार हनुमानजी की एकसाथ स्तुति की गई है। यह बहुत फलदायी मंत्र है। इस मंत्र का श्रद्धापूर्वक जप करने से साधक को सभी बाधाओं और दुःखों से मुक्ति मिल जाती है। यह मंत्र कलियुग में विशेष प्रभावशाली है।

10. मनोवांछित फलप्राप्ति शिवमंत्र

“ॐ पार्वतीपतये नमः”
“Om Parvatipataye Namah”

शक्ति-स्वरूपा देवी पार्वती के पति होने के कारण भगवान शिव का एक प्रसिद्ध नाम ‘पार्वतीपतये’ है। देवी पार्वती के नाम से युक्त इस मंत्र के जाप भगवान शिव शीघ्र प्रसन्न होते हैं और मनोवांछित फल प्रदान करते हैं।

सनातन धर्मग्रंथों से लिए गए इन चुनींदा शिवमंत्रों के नियमित और समुचित जप करने से मन की शुद्धि होती है। साधक-साधिका को सर्वपूज्य भगवान शिव की अनुकंपा से परम आत्मिक और सांसारिक उन्नति की प्राप्ति होती है।

 

 

लेकिन स्मरण रहे कि इन सभी शिवमंत्रों का जाप पूरे विश्वास, सच्ची निष्ठा, पूर्ण एकाग्रता और असीम समर्पण के साथ करने से ही लाभ होता है। सनातन धर्म के ग्रंथों अनुसार, इन शिवमंत्रों का नियमित रूप से जाप करने से मानसिक, शारीरिक और आध्यात्मिक लाभ सिद्ध होते हैं, इसमें कोई संदेह नहीं है।

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