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Bombay High Court ने दी इजाजत: शिरडी के सांई बाबा को फिर से चढ़ सकेंगे फूल, इस वजह से तीन साल से लगी थी रोक

Shirdi Sai Baba Temple Flower Ban Lifted; देशभर के सांई भक्तों के लिये ये अच्छी खबर है। तीन साल बाद अब दोबारा शिरडी के सांई बाबा को फूल चढ़ सकेंगे।

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Rahul Sharma
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Shirdi Sai Baba Temple: देशभर के सांई भक्तों के लिये ये अच्छी खबर है। तीन साल बाद अब दोबारा शिरडी के सांई बाबा को फूल चढ़ सकेंगे। इसे लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट ने इजाजत दे दी है। इसके साथ ही अब शिरडी में फिर रंग बिरंगे फूलों से सजी दुकानें दिखाई देने लगेंगी।  शिरडी के मंदिर में साईं बाबा को फूल चढ़ाने की प्रथा को फिर से शुरू करने की अनुमति बॉम्बे हाईकोर्ट की औरंगाबाद पीठ के जस्टिस मंगेश पाटिल और जस्टिस शैलेश ब्रह्मे की बेंच ने दे दी है।
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2020 से लगी थी रोक
फूल चढ़ाने पर प्रतिबंध 2020 में कोरोना महामारी के दौरान एहतियात और मंदिर परिसर की सफाई तथा कचरा प्रबंधन की चिंताओं के कारण लगाया गया था। वहीं सांई मंदिर समिति ने ये भी पाया कि फूल के इस धंधे में कई बदमाशों ने प्रवेश किया था। यहां तक ​​कि अपराध भी दर्ज किए गए। जिसके बाद इस प्रथा को बंद करना ही मुनासिब समझा गया।
प्रथा शुरु करने आंदोलन तक हुए
भक्तों द्वारा फूल चढ़ाने की प्रथा को फिर से शुरू करने के लिए आंदोलन भी किये गए। इनमें वो दुकानदार भी शामिल थे, जिनकी रोजी रोटी फूलों की दुकान पर निर्भर थी। तदर्थ समिति ने इस मुद्दे के विभिन्न पहलुओं पर विचार किया और फूल और माला चढ़ाने का काम फिर से शुरू करने का प्रस्ताव पारित किया। इसके बाद आवश्यक अनुमति के लिए हाईकोर्ट की पीठ का रुख किया।
फैसले को लेकर सब नहीं थे सहमत
हालांकि, सभी इस फैसले से सहमत नहीं थे। अधिवक्ता पीएस तलेकर ने भक्तों के शोषण और अनधिकृत फूल विक्रेताओं के फिर से सक्रिय होने की संभावना को लेकर चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि अगर कुछ सुरक्षा उपाय नहीं किए गए तो इससे भक्तों के साथ जबरन पैसा वसूली होगी। राज्य सरकार की ओर से पेश हुए सरकारी वकील एबी गिरासे ने भी इसी तरह की चिंताओं को उठाया। उन्होंने तर्क दिया, “पहले लगाया गया प्रतिबंध भक्तों के शोषण  से बचाने और मंदिर की स्वच्छता बनाए रखने के उद्देश्य से था।”
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कोर्ट की चेतावनी
फूल चढ़ाने की अनुमति देते हुए कोर्ट ने संस्थान की कचरा प्रबंधन योजना पर चिंता जाहिर की। कोर्ट ने कहा, “अगर फूलों का ई-ऑक्शन या ई-टेंडर के जरिए निपटान होगा तो यह कैसे सुनिश्चित होगा कि इनका इस्तेमाल अगरबत्ती बनाने में ही हो रहा है। कोर्ट ने एड-हॉक कमेटी से जल्द से जल्द एक ठोस योजना बनाने का आग्रह किया ताकि किसी भी तरह की व्यवस्थागत और पर्यावरणीय चुनौती से बचा जा सके।
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