शिमला। Shimla Municipal Corporation Election 2023 शिमला नगर निगम चुनाव के लिए मंगलवार अपराह्न दो बजे तक 43 प्रतिशत से अधिक मतदान हुआ। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। शिमला के 34 नगर निगम वार्ड के लिए सुबह आठ बजे मतदान शुरू हुआ। सुबह बारिश होने के कारण मतदान के लिए कम लोग पहुंचे, लेकिन दिन बढ़ने के साथ मौसम में सुधार होने से मतदान में तेजी आई और अपराह्न दो बजे तक 43.60 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने वोट डाले। परिणामों की घोषणा बृहस्पतिवार को की जाएगी।
चुनाव कराने में हुई 11 माह की देरी
नगर निगम के पांच वर्ष का कार्यकाल जून 2022 में समाप्त हो गया था, लेकिन चुनाव कराने में 11 माह की देरी हुई। इन चुनावों में मुख्य मुकाबला भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस के बीच है । भाजपा ने कांग्रेस पर चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित करने का आरोप लगाया, साथ ही उसने दो वार्ड में इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन में नामों के क्रम में बदलाव की शिकायत राज्य निर्वाचन आयोग के समक्ष दर्ज कराई है। वहीं कांग्रेस ने इन आरोपों को ‘‘बकवास’’ करार दिया। भाजपा की राज्य इकाई के अध्यक्ष राजीव बिंदल ने कहा कि दो वार्ड-छोटा शिमला (वार्ड संख्या 28) और कंगनाधार (वार्ड संख्या 30) में ईवीएम में भाजपा के उम्मीदवारों के नामों के क्रम को बदल दिया गया है,जिससे मतदाताओं में भ्रम पैदा हुआ है। अपने आरोप में उन्होंने कहा कि टिकट आवंटन के वक्त भाजपा उम्मीदवार संजीव चौहान(छोटा शिमला) और रेनू चौहान(कंगनाधार) के नाम क्रम संख्या एक और तीन में थे,लेकिन मतदान वाले दिन इनके नाम क्रम संख्या दो और चार में दिखाई दे रहे हैं।
अनियमितताओं का लगाया आरोप
वरिष्ठ भाजपा नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने चुनाव प्रक्रिया में अनियमितताओं का आरोप लगाया और कहा कि उन्होंने इस मुद्दे को राज्य निर्वाचन आयोग के समक्ष उठाया है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने छोटा शिमला वार्ड से मतदान के बाद संवाददाताओं से बातचीत में भाजपा के आरोपों को फिजूल बताया। उन्होंने कहा कि पार्टी के चुनाव चिह्न ईवीएम में दिखाई दे रहे हैं और शिमला के लोग शिक्षित हैं तथा जानते हैं कि वोट कहां देना है। राज्य निर्वाचन आयोग के आंकड़ों के अनुसार चुनाव में 93,920 मतदाता मतदान के लिए पात्र हैं। इनमें 49,759 पुरुष और 44,161 महिलाएं हैं। यह चुनाव कांग्रेस और भाजपा दोनों के लिए ही अहम है।
कार्यो के बल पर भरोसा
पिछले वर्ष दिसंबर में हुए राज्य विधानसभा चुनाव में जीत से उत्साहित कांग्रेस को कुछ माह में किए गए कार्यों के बल पर अपनी जीत का भरोसा है। कांग्रेस के प्रचार की अगुवाई कर रहे मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू छोटा शिमला वार्ड से दो बार पार्षद रह चुके हैं। वहीं दूसरी ओर भाजपा को निवर्तमान शिमला नगर निगम बोर्ड के कामकाज के आधार पर वोट मिलने की उम्मीद है। इस बोर्ड की कमान 2017 से 2022 तक भाजपा के पास थी। भाजपा और कांग्रेस ने सभी 34 वार्ड में उम्मीदवार खड़े किए हैं, वहीं आम आदमी पार्टी ने 21 और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने चार सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं।