Sheopur MP News: मध्यप्रदेश के श्योपुर से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जहां एक युवक की मौत के बाद परिवार उसका अंतिम संस्कार कर चुका था। वही बेटा अचानक तेरहवीं के दिन वापस लौट आया।
बेटे को जिंदा देख परिवार वालों के पैरों तले जमीन खिसक गई। बेटे को जिंदा देख परिवार गद-गद हो गया। हालांकि इसके बाद सवाल खड़े होने लगे कि जब उनका बेटा जिंदा है तो जिसका उन्होंने अंतिम संस्कार फिर वो कौन था?
ये है पूरा मामला
हुआ यूं कि सोशल मीडिया पर एक दुर्घटना का फोटो वायरल हुआ। जिसमें राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले के पास सूरवाड़ में गंभीर हादसा बताकर मदद मांगी जा रही थी।
इस वायरल फोटो को देख श्योपुर के लहचौड़ा के रहने वाले दीनदयाल शर्मा ने एक युवक की पहचान अपने बेटे सुरेंद्र शर्मा के रूप में कर ली। इसके बाद जब वे जयपुर पहुंचे तो युवक की मौत हो गई।
इसके बाद पिता 29 मई को सुरेंद्र मानकर किसी युवक का शव अपने घर ले आए और अंतिम संस्कार कर दिया। परिजन रविवार को होने वाली तेरहवीं की तैयारी में जुटे थे कि इसी बीच शनिवार को नोएडा से सुरेंद्र ने भाई देवेंद्र को फोन किया।
कॉल पर बात करने के बाद पहले तो देवेंद्र को विश्वास नहीं हुआ। इसके बाद वीडियो कॉल किया तो अपने बेटे को जिंदा देख परिजन दंग रह गए। फिर खुद को संभाला और ईश्वर का धन्यवाद दिया। सभी की आंखें खुशी से भर आईं।
परिजनों के पास आया था कॉल
बता दें कि एमपी के श्योपुर के लहचौड़ा के रहने वाला सुरेंद्र शर्मा जयपुर में मजदूरी करता था। पिछले दिनों सवाई माधोपुर के सरवाड़ गांव के थाने से फोन आया कि सड़क हादसे में एक युवक की मौत हो गई है।
घटना की जानकारी मिलने के बाद परिजन शव की पहचान करने के लिए SMS हॉस्पिटल पहुंचे, परिजनों ने मृतक की पहचान सुरेंद्र के रूप में की। जिसके बाद पुलिस ने पंचनामा बनाकर शव सौंप दिया था।
परिजनों ने घर लाकर किया बेटे का अंतिम संस्कार
परिजन शव को घर लाए और उसका अंतिम संस्कार कर दिया। बता दें कि बेटे की मौत के बाद घर में पिछले 12 दिन से गमगीन माहौल था। इसके बाद शनिवार 8 जून को अचानक कॉल आया और खुशियां फिर से लौट आईं।
शनिवार 8 जून की शाम को अचानक सुरेंद्र शर्मा के नंबर से उसके भाई के पास फोन आया। भाई ने बात की तो बोला कि मैं सुरेंद्र बोल रहा हूं। पहले तो घरवालों को विश्वास नहीं हुआ, इसके बाद उन्होंने वीडियो कॉल पर देखा तो वह सुरेंद्र ही था।
इसके बाद भी घरवालों को विश्वास नहीं हुआ और उन्होंने सुरेंद्र को सुबह गांव आने के लिए कहा। सुरेंद्र रात की बस से ही जयपुर से गांव के लिए निकल आया। सुबह जब घरवालों ने उसे आंखों के सामने जिंदा देखा तो वे हैरान रह गए।
सबकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। सुरेंद्र की मौत से जिस घर में दुख माहौल बना हुआ था वो पलभर में खुशी में बदल गया। सुरेंद्र के जिंदा होने की खबर मिलते ही उसे देखने के लिए लोगों की भीड़ जमा हो गई।
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