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Sheikh Hasina ICT Verdict: बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को मानवता के खिलाफ 5 आरोपों में से 3 में दोषी पाया गया है। ढाका स्थित इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल ने शेख हसीना को फांसी की सजा सुनाई है। इसके अलावा तीन और लोगों को सजा-ए-मौत फरमान सुनाया गया है।
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तीन जजों की विशेष ट्रिब्यूनल ने उन्हें फांसी की सजा सुनाई है। यह पूरा फैसला छह हिस्सों में सुनाया गया, जो कुल 400 पेज का है। यह फैसला Bangladesh Political Crisis, Sheikh Hasina Verdict, War Crimes Trial Bangladesh और Dhaka Violence Update का सबसे बड़ा मोड़ माना जा रहा है।
400 पेज के फैसले में क्या कहा गया? — Sheikh Hasina War Crimes
जस्टिस गुलाम मुर्तजा की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ—
जस्टिस मोहम्मद शफीउल आलम महमूद
जस्टिस मोहम्मद मोहितुल हक एनाम चौधरी
ने मानवाधिकार संगठनों की कई रिपोर्टों, हिंसा के वीडियो, गवाही और दस्तावेज़ों का अध्ययन कर यह फैसला दिया। कोर्ट ने कहा कि— “शेख हसीना ने मानवता के खिलाफ अपराध किए और शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर सुनियोजित हिंसा कराई।”
फैसले में यह भी बताया गया कि बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारियों की हत्या हुई और हसीना ने छात्रों पर हेलीकॉप्टर से बम गिराने का आदेश दिया। यह Sheikh Hasina Crime Case का सबसे गंभीर हिस्सा माना गया।
ट्रिब्यूनल में पेश हुए सबूत— अवामी लीग की भूमिका भी उजागर
ICT ने खुलासा किया कि—
हसीना और उनके मंत्री हसनुल हक इनु के बीच फोन पर हुई कई बातचीत रिकॉर्ड में रखी गई।
यह बातचीत साबित करती है कि अवामी लीग का शीर्ष नेतृत्व सीधे हिंसा में शामिल था।
उन्होंने छात्र प्रदर्शन को आतंकी गतिविधि बताने की साजिश रची।
कोर्ट के अनुसार, ज्यादातर मौतें सेना और पुलिस द्वारा दागी गई घातक धातु वाले छर्रों की गोलियों से हुईं। Bangladesh ICT Verdict में कहा गया है कि “सेना, पुलिस और RAB ने कानून से हटकर हत्याएं कीं।”
1400 मौतें और 11,000 गिरफ्तार— Bangladesh Unrest Update
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फैसला आने के बाद सड़को पर उतरे सुरक्षाकर्मी[/caption]
ट्रिब्यूनल के अनुसार—
कुल 1400 प्रदर्शनकारियों की हत्या हुई।
11,000 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया।
इन कार्रवाइयों के पीछे हसीना और अन्य शीर्ष अधिकारियों की साजिश थी।
यह भी कहा गया कि यह ट्रिब्यूनल "इंटरनेशनल" नाम से संचालित है, पर इसकी कोई अंतरराष्ट्रीय मान्यता नहीं है।
शेख हसीना पर लगे 5 बड़े आरोप
आरोप नंबर 1- आरोपियों पर हत्या, हत्या की कोशिश, यातना देने का आरोप है। चार्जशीट में कहा गया है कि हसीना ने पुलिस और अवामी लीग से जुड़े हथियारबंद लोगों को आम नागरिकों पर हमला करने के लिए उकसाया। इसे बढावा दिया और हिंसा रोकने में नाकाम रहे।
आरोप नंबर 2- हसीना ने छात्र प्रदर्शनकारियों को दबाने के लिए घातक हथियार, हेलिकॉप्टर और ड्रोन इस्तेमाल करने का आदेश दिया।
आरोप नंबर 3- 16 जुलाई को बेगम रौकेया यूनिवर्सिटी के छात्र अबू सैयद की हत्या से जुड़ा है। आरोप में कहा गया है कि हसीना और अन्य ने इस हत्या के आदेश दिए, इसके लिए साजिश रची और अपराध में शामिल रहे।
आरोप नंबर 4- 5 अगस्त को ढाका के चांखारपुल में छह निहत्थे प्रदर्शनकारियों की हत्या कर दी गई। यह भी कहा गया है कि यह हत्या हसीना के सीधे आदेश, उकसावे, मदद, साजिश की वजह से हुई।
आरोप नंबर 5- इस आरोप में 5 प्रदर्शनकारियों को गोली मारकर हत्या करने और एक को घायल करने की बात है। आरोप है कि उन 5 मारे गए लोगों की लाशें जला दी गईं, और एक प्रदर्शनकारी को जिंदा जला दिया गया।
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