नई दिल्ली। Sheetala Ashtami 2023 Mantra, Puja Vidhi, Muhurta इस संसार में सभी प्रकार Sheetala Ashtami 2023 mantra, puja vidhi, muhurta के कष्टों और मनोकामनाओं की पूर्ति basoda puja 2022 के लिए भगवान के अलग—अलग रूपों की पूजा की जाती है। उसी में से एक हैं मां शीतला माता। जी हां कहते हैं शरीर में माता के प्रकोप से बचने के लिए मां शीतला की पूजा की जाती है। ज्योतिषाचार्य पंडित रामगोविंद शास्त्री के अनुसार इस साल शीतला अष्टमी की पूजा 15 मार्च यानि कल आ रही है। तिथि के अनुसार यह व्रत चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को आता है। निरोधी रहने के लिए मां शीतला अष्टमी की पूजा अवश्य करनी चाहिए। आइए जानते हैं इसे कैसे मनाते हैं और इसकी कथा विधि क्या है।
इसलिए लगता है बासी भोजन का भोग — Sheetala Ashtami 2023 Mantra, Puja Vidhi, Muhurat
जैसा की मां के नाम से ही स्पष्ट हैं माता शीतला। यानि शीतलता प्रदान करने वाली। ऐसी मान्यता है इनके प्रकोप को शांत करने के लिए मां को बासी खाने का भोग लगता है। इतना ही नहीं इनकी पूजा करने से शरीर में निकलने वाली बड़ी माता की शांति होती है। अष्टमी के एक दिन पूर्व विभिन्न प्रकार के पकवानों के साथ अठवाई और लप्सी बनाकर दूसरी दिन यानि अष्टमी पर मां शीतला को इसका भोग लगता है। यही प्रसाद सभी ग्रहण भी करते हैं। इस दिन घरों में अग्नि नहीं जलती है। यानि चूल्हा नहीं जलाया जाता।
शीतल अष्टमी का महत्व — Sheetala Ashtami 2023 Mantra, Puja Vidhi, Muhurat
कहते हैं शीतला अष्टमी के दिन से बसंत ऋतु की विदाई हो जाती है। इसके साथ ही गर्मी की शुरुआत हो जाती है। इसलिए इस दिन बासा भोजन करने के साथ मौसम की विदाई कर दी जाती है। साथ ही इसके बाद गर्मी भर बासा खाना नहीं खाना चाहिए।
पूजन की खास बात — Sheetala Ashtami 2023 Mantra, Puja Vidhi, Muhurat
कहते हैं पूजन और भोग लगाने के बाद मां शीतला के पूजन वाले जल से आंखे धोई जाती है। जो इस बात का प्रतीक या संकेत है। कि गर्मियों में आंखों का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए। मंदिर में पूजन करके घर आने के बाद मुख्य द्वार पर हल्दी से स्वास्तिक जरूर बनाएं। आपको बता दें हल्दी का पीला प्रसन्नता, सकारात्मकता और आरोग्यता का प्रतीक माना जाता है। ऐसा करना आपके घर के वास्तु दोष को भी समाप्त करता है।
माँ का पौराणिक मंत्र – ‘ॐ ह्रीं श्रीं शीतलायै नमः’
ध्यान मंत्र —
‘वन्देऽहंशीतलांदेवीं रासभस्थांदिगम्बराम्।मार्जनीकलशोपेतां सूर्पालंकृतमस्तकाम् ||
अर्थ —
मैं गर्दभ पर विराजमान, दिगम्बरा, हाथ में झाडू तथा कलश धारण करने वाली,सूप से अलंकृत मस्तक वाली भगवती शीतला की वंदना करता हूं। जिससे स्पष्ट हो जाता है कि मां स्वच्छता की अधिष्ठात्री हैं।
ऋषि-मुनि-योगी द्वारा किया जाने वाला स्तवन – Sheetala Ashtami 2023 Mantra, Puja Vidhi, Muhurat
”शीतले त्वं जगन्माता शीतले त्वं जगत्पिता। शीतले त्वं जगद्धात्री शीतलायै नमो नमः
अर्थ —
हे माँ शीतला! आप ही इस संसार की आदि माता हैं, आप ही पिता हैं और आप ही इस चराचर जगत को धारण करतीं हैं अतः आप को बारम्बार नमस्कार है।
शीतला सप्तमी और अष्टमी तिथि Sheetala Ashtami 2023 Mantra, Puja Vidhi, Muhurat
शीतला सप्तमी तिथि 13 मार्च की रात 09.27 मिनट से शुरू होगी। इसका समापन 14 मार्च की रात 08.22 मिनट पर होगा। उदयातिथि के अनुसार, शीतला सप्तमी 14 मार्च को मनाई जाएगी। पूजा का समय सुबह 06.31 मिनट से शाम 06.29 मिनट तक रहेगा। वहीं, शीतला अष्टमी 14 मार्च की रात 08.22 मिनट से शुरू होगी। इसका समापन 15 मार्च की शाम 06.45 मिनट पर होगा।
नोट : इस लेख में दी गई सूचनाएं सामान्य जानकारियों पर आधारित है। बंसल न्यूज इसकी पुष्टि नहीं करता। अमल में लाने से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।