मुंबई। रूस के यूक्रेन पर सैन्य हमले के बाद वैश्विक बाजारों में भारी बिकवाली के बीच घरेलू शेयर बाजारों में बड़ी गिरावट आयी और बीएसई सेंसेक्स बृहस्पतिवार को 2,700 अंक से अधिक लुढ़क गया। करीब दो साल में एक दिन की यह सबसे बड़ी गिरावट है। तीस शेयरों पर आधारित सेंसेक्स कारोबार के दौरान एक समय करीब 2,850 अंक तक नीचे चला गया था। अंत में यह 2,702.15 अंक यानी 4.72 प्रतिशत का गोता लगाकर 54,529.91 अंक पर बंद हुआ। यह 23 मार्च, 2020 के बाद एक दिन का सबसे बड़ा नुकसान है जबकि अबतक की चौथी सबसे बड़ी गिरावट है। इसी प्रकार, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 815.30 अंक यानी 4.78 प्रतिशत टूटकर 16,247.95 अंक पर बंद हुआ। यह लगातार सातवां कारोबारी सत्र है जब दोनों मानक सूचकांक-बीएसई सेंसेक्स और निफ्टी नुकसान में रहे।
करीब 13 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ
सेंसेक्स के सभी 30 शेयर काफी नुकसान में रहे। इसमें इंडसइंड बैंक को सबसे ज्यादा 7.88 प्रतिशत का नुकसान हुआ। इसके अलावा महिंद्रा एंड महिंद्रा, बजाज फाइनेंस, एक्सिस बैंक, टेक महिंद्रा और मारुति भी प्रमुख रूप से नुकसान में रहे। इस गिरावट से निवेशकों को करीब 13 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। बीएसई में सूचीबद्ध कंपपनियों का बाजार पूंजीकरण 2,42,24,179.79 करोड़ रुपये पर आ गया। रूसी सैनिकों ने बृहस्पतिवार को यूक्रेन पर हमला किया। इस हमले की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निंदा एवं प्रतिबंधों को नजरंदाज करते हुए रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अन्य देशों को चेतावनी दी कि कार्रवाई में किसी प्रकार के हस्तक्षेप के प्रयास के ‘ऐसे परिणाम होंगे, जो उन्होंने पहले कभी नहीं देखे होंगे।’यूक्रेन संकट बढ़ने के बीच वैश्विक स्तर पर शेयर बाजारों में गिरावट रही और सोना तथा जापानी मुद्रा येन जैसे सुरक्षित मानी जाने वाली संपत्तियों में तेजी आयी।
वैश्विक स्तर पर शेयर बाजारों में गिरावट आई
विशेषज्ञों का मानना है कि इस संकट से वैश्विक अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल असर पड़ेगा।यूरोप और एशिया के प्रमुख बाजारों में चार प्रतिशत तक की गिरावट रही। रूस से आपूर्ति संबंधी बाधाओं के कारण वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 2014 के बाद पहली बार 100 डॉलर प्रति बैरल के ऊपर पहुंच गया। जूलियस बेयर के इक्विटी रणनीतिकार लियोनार्डो पेलैन्डिनी ने कहा, ‘‘यूक्रेन पर रूसी सेना का हमला हो रहा है। मॉस्को पर गंभीर प्रतिबंधों का खतरा अब अपने उच्चस्तर पर है। इससे वैश्विक स्तर पर शेयर बाजारों में गिरावट आई है। बाजार धारणा प्रभावित होने से बड़े स्तर पर बिकवाली हुई।’’
इससे मुद्रास्फीति का जोखिम बढ़ा है
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘यह विश्व बाजार के लिये अचंभित करने वाला कदम रहा क्योंकि कोई भी युद्ध की अपेक्षा नहीं कर रहा था। यह उम्मीद की जा रही थी कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और रूस के राष्ट्रपति पुतिन के बीच कूटनीतिक स्तर पर बैठक होगी। रूस के यूक्रेन पर हमले के बाद संकट बढ़ने से दुनियाभर के बाजार में तेज गिरावट आयी। कच्चे तेल के दाम 100 डॉलर को पार कर गये हैं, इससे मुद्रास्फीति का जोखिम बढ़ा है।’’ घरेलू शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार विदेशी संस्थागत निवेशक बिकवाल बने हुए हैं और उन्होंने बुधवार को 3,417.16 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे। अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये की विनिमय दर 102 पैसे लुढ़ककर 75.63 पर आ गयी।