नई दिल्ली। आज से ठीक एक महीने Shardiya Navratri Date 2022 बाद मां की शक्ति का पर्व यानि शारदीय नवरात्रि religion news शुरू होने वाली हैं। इस बार की नवरात्रि खास होने वाली हैं। navratri 2022 puja niyam क्योंकि इस बार मैया गजराज पर सवार होेकर आएंगी। यानि मां लक्ष्मी के hindi news रूप में इस बार उनका आगमन हो रहा है। इतना ही नहीं इस बार कोई भी तिथि घट बढ़ नहीं रही हैं इसलिए पूरे नौ दिन की नवरात्रि मनाई जाएगी। ज्योतिषाचार्य पंडित राम गोविंद शास्त्री के अनुसार इस बार मां शारदा के दिन बेहद खास होने वाले हैं इतना ही नहीं इस दिन ग्रहों की स्थिति भी बेहद खास होगी।
शुरूआत होगी मां शैलपुत्री के पूजन से –
पंडित राम गोविंद शास्त्री के अनुसार इस बार की मां दुर्गा की सवारी गजराज होंगे। गज यानि हाथी पर बैठी मां लक्ष्मी का प्रतीक होती हैं। इसलिए
ग्रहों की स्थिति बेहद खास, केंद्र में होंगे गुरू
आपको बता दें जिस दिन मां आ रही हैं उस दिन सोमवार है। साथ ही इस दिन गुरू अपनी स्वराशि यानि केंद्र में और शुक्र के नीच राशि में होने के कारण तंत्र साधना के लिए ये समय बेहद खास माना जा रहा हैै। केंद्र यानि गुरू अपने घर में होने से धार्मिक कार्यों में वृद्धि कराएंगे।
पूरे नौ दिन की होगी नवरात्रि –
इस बार की नवरात्रि की खासियत है कि पूरे नौ दिन शारदीय नवरात्रि की पर्व मनाया जाएगा। तिथियों का घटबढ़ नहीं होगा। बस दसवीं तिथि नवमीं तिथि की दोपहर 1ः20 से लग जाएगी। जो 5 अक्टूबर की सुबह 10ः57 तक रहेगी। जिसके चलते दशहरा पूजन 4 अक्टूबर की रात को हो सकेगा। तो वहीं प्रतिमा विसर्जन 5 अक्टूबर को होगा।
यहां जानें घट स्थापना के शुभ मुहूर्त –
चौघड़िया के अनुसार शुभ मुहूर्त –
- सिंह लग्न – सुबह 6ः00-7ः30 बजे तक
- वृश्चिक लग्न – 9ः53-12ः09 बजे तक
- कुंभ लग्न – 4ः05 – 5ः30 बजे तक
- वृषभ लग्न – 8ः38 – 10ः34 बजे तक
- अभिजीत मुहूर्त – 11ः30 से 12ः15 बजे तक
ऐसे करे कलश स्थापना –
जहां मैया की स्थापना करनी है उस स्थान को अच्छी तरह से साफ करके वहां आटे से चौक बनाएं। उस पर एक लकड़ी पटा या चौकी रखकर उस पर साफ लाल रंग का कपड़ा बिछाएं। इस पर चावल की ढेरी लगाकर एक तांबे का लोटा रखें। लोटे के ऊपर आम के पत्ते रखकर उसमें कलावा बांधने लोटे में हल्दी की गांठ सुपारी और पैसा डालें। अब उस लौटे के ऊपर एक और पात्र रखकर उस पर चावल की कटोरी रखें। फिर इसमें कटोरी पर नारियल रखें। अंदर का लाल रंग का कपड़ा दिखाएं। उस पर एक लाल चमकीला कपड़ा बिछाएं।
क्या हैं दीपक जलाने के नियम –
- आपको बता दें जब भी पूजन में दीपक जलाएं तो इसके लिए एक नियम होता है। मां की पूजा में आपको इस बात का विशेष ध्यान रखना है कि आप जब भी दीपक जलाए वह हमेशा भगवान के दांयी ओर यानि हमारे बांई ओर होना चाहिए।
- दूसरा नियम ये है कि जब भी दीपक जलाएं उसमें हमेशा दो या चार बाती होनी चाहिए।
- पूजन में कभी भी कलश में एक बाती वाले वाला दीपक अशुभता का सूचक होता है। ये दीपक अशुभ कामों में जलाया जाता है।
- दीपक हमेशा पूर्व दिशा की ओर जलाया चाहिए।
- दीपक दो बाती वाला होना चाहिए।
पूरे दिन होगी मां की आराधना –
- 26 सितंबर पहला दिन – सोमवार मां शैलपुत्री
- 27 सितंबर दूसरा दिन – मंगलवार मां ब्रह्मचारिणी
- 28 सितंबर तीसरा दिन – मां चंद्रघंटा
- 29 सितंबर चौथा दिन – मां कूष्ठमांडा
- 30 सितंबर पांचवा दिन – मां स्कंदमाता ‘
- 1 अक्टूबर छटवां दिन – मां कात्यायनी
- 2 अक्टूबर सातवां दिन – मां कालरात्रि
- 3 अक्टूबर आठवां दिन – मां महागौरी
- 4 अक्टूबर नवमां दिन – मां सिद्धिदात्री
- 5 अक्टूबर दशहरा
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