Shardiya Navratri 2024 Ghat Sthapna Vidhi: 3 अक्टूबर यानी आज से शारदीय नवरात्रि शुरू हो गई हैं। इस बार पूरे नौ दिन मां दुर्गा की उपासना होगी। ऐसे में यदि आप भी जानना चाहते हैं कि घर पर घट स्थापना का शुभ मुहूर्त (Navratri me Ghat Sthapna Muhurat kya Hai) क्या है।
इस दिन कौन से मंत्र करने से मां प्रसन्न होती हैं। इस पूजा में किन बातों का ध्यान रखना चाहिए। इन सब सवालों के जबाव जानते हैं पंडित रामगोविंद शास्त्री से।
दुर्गा पूजा में भूलकर भी न करें ये गलती, रूठ करती हैं मां दुर्गा
यदि आप भी दुर्गा पूजा के लिए घट स्थापना करने जा रहे हैं तो चलिए हम आपको बताते हैं कि दुर्गा पूजा में कौन सी गलती हैं जो आपको नहीं करनी हैं।
घर पर कब क्या है घट स्थापना का शुभ मुहूर्त
ज्योतिषाचार्य पंडित रामगोविंद शास्त्री के अनुसार घर पर घट स्थापना का पहला सबसे शुभ मुहूर्त 6 से 7:30 तक और दूसरा मुहूर्त 9:25 से 11:41 तक रहेगा।
घट स्थापना का सबसे शुभ मुहूर्त (Navratri 2024 Ghat Sthapna Muhurat)
घर के लिए
सुबह का चौघड़िया लग्न: 6 बजे से 07:30
सुबह का पहला स्थिर लग्न मुहूर्त: 9:25 से 11:41 तक
पंडालों के लिए घट स्थापना का सबसे शुभ मुहूर्त
दोपहर का दूसरा स्थिर लग्न: 03:35 से 05:05 तक
रात का तीसरा स्थिर लग्न: रात 8:15 से 10:00 तक
शारदीय नवरात्रि में कब कौन सी तिथि
प्रतिपदा तिथि: 3 अक्टूबर
द्वितीया तिथि: 4 अक्टूबर
तृतीया तिथि: 5 अक्टूबर
चतुर्थी तिथि: 6 अक्टूबर
पंचमी तिथि: 7 अक्टूबर
पंचमी तिथि: 8 अक्टूबर
छठवी तिथि: 9 अक्टूबर
सातवीं तिथि: 10 अक्टूबर
अष्टमी तिथि: 11 अक्टूबर
नवमीं तिथि: 11 अक्टूबर
दशहरा तिथि: 12 अक्टूबर
नवरात्रि में जरूर करें मां दुर्गा सप्तशती का पाठ
ज्योतिषाचार्य पंडित रामगोविंद शास्त्री के अनुसार नौरात्रि के नौ दिनों में मां दुर्गा सप्तशति का पाठ जरूर करना चाहिए। इस पाठ को यदि न कर पाएं तो मां दुर्गा सप्तशति पाठ (Maa Durga Saptsati Mantra ki Vidhi) में दिया हुआ देवी कवच करने से भी उतना ही फल मिलता है।
मां दुर्गा के कुछ शक्तिशाली मंत्र (Maa Durga Powerfull Mantra)
ॐ जयन्ती मंगला काली भद्र काली कपालिनी
दुर्गा क्षमा शिवाधात्री स्वाहा स्वधा नमोस्तुते
ऊं ह्रीं दुं दुर्गाय नम:
सृष्टिस्थितिविनाशानं शक्तिभूते सनातनि। गुणाश्रये गुणमये नारायणि नमोऽस्तु ते
पत्नीं मनोरमां देहि नोवृत्तानुसारिणीम्। तारिणीं दुर्गसंसारसागरस्य कुलोद्भवाम्
या देवी सर्वभूतेषु लक्ष्मीरूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु दयारूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
ह्रीं श्री अम्बिकायै नम:
मां दुर्गा के मंत्रों के लाभ ()
मां दुर्गा के इन मंत्रों का जाप करने से कई लाभ मिलते हैं। इन मंत्रों का जाप करने से मन, शरीर, और आत्मा शुद्ध होती है।
इन मंत्रों के जाप से एकाग्रता बढ़ती है। इन मंत्रों के जाप से गुप्त शत्रु शांत होते हैं और नकारात्मक शक्तियों से छुटकारा मिलता है।
इन मंत्रों के जाप से स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं दूर होती हैं।