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Shardiya Navratri 2024: नवरात्रि की कलश स्थापना में दीपक की बाती एक होना चाहिए या दो, क्या कहता है वास्तु नियम

Shardiya Navratri: नवरात्रि की कलश स्थापना में दीपक की बाती एक होना चाहिए या दो, क्या कहता है वास्तु नियम

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Preeti Dwivedi
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Shardiya Navratri 2024 Kalash ki Bati : 3 अक्टूबर से शारदीय नवरात्रि शुरू हो रही हैं। इस बार मां दुर्गा पालकी (Maa Durga ki Sawari) पर सवार होकर आ रही हैं। ज्योतिषाचार्य के अनुसार इस बार मां दुर्गा की सवारी देश के लिए अच्छे संकेत नहीं है।

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अगर आप भी मां दुर्गा की पूजा के लिए घर पर कलश स्थापना (Durga Puja ke Liya Kalash Sthapna) करने जा रहे हैं तो चलिए आज हम जानते हैं, कि शारदीय नवरात्रि में वास्तु के अनुसार घर पर कलश स्थापना के नियम (kaise kare kalash Sthapna) क्या हैं। साथ ही जानेंगे कि कलश के बाती (Kalash ki Bati Kaisi honi chahiye)  कैसी होनी चाहिए.

शारदीय नवरात्रि कब से हैं

ज्योतिषाचार्य पंडित रामगोविंद शास्त्री के अनुसार इस साल शारदीय नवरात्रि 3 अक्टूबर से प्रारंभ (Shardiya Navrtari 2024 Starting Date) हो रही हैं। इस बार पंचमी तिथि (Panchami Tithi) बार आएगी। साथ ही अष्टमी और नवमीं तिथि (Maha Ashtmi Tithi in Hindi) एक ही दिन आएगी।

कलश स्थापना के नियम

1 -घर की पूर्व दिशा में आटे से चौक पूर कर उस पर पाटा रखें।

2- फिर इस पर लाल कपड़रा बिछाकर मां की फोटो रखें।

3- कलश स्थापना चौकी के ठीक सामनें करें।

4- जिसके लिए एक तांबे के लोटे में जल भरकर उसमें हल्दी की गांठ, सुपारी, सिक्का और चावल जरूर डालें।

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5 – इस पर पांच पत्ते आम के डालकर उस पर नारियल रखें।

किस दिशा में रखें दीपक (Kalash Sthapna Niyam) 

कलश स्थापना के बाद देवी जी के बायीं ओर शक्ति यानि तेल का और दाईं ओर शिव यानि घी का दीपक जलाना चाहिए। पंडित रामगोविंद शास्त्री के अनुसार देवी जी की शक्ति वामांग होती हैं। इसलिए इस दिशा में तेल का दीपक जलाना चाहिए।

भूलकर भी न करें ये काम

पंडित रामगोविंद शास्त्री के अनुसार किसी भी पूजन में शुभ काम के लिए एक बाती के उपयोग नहीं किया जाना चाहिए।

फूल बाती के लिए ये नियम चल सकता है, लेकिन जब लंबी वाली बाती का उपयोग (Kalash ki Bati Kaisi honi chahiye)  पूजन में करते हैं तो भूलकर भी एक बाती का उपयोग नहीं करना चाहिए।

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एक बाती का उपयोग अशुभ कार्यों में होता है। शुभ कार्य हमेशा दो बाती वाले दीपक के साथ करना चाहिए।

इस बार दो पंचमी तिथि

इस बार पंचमी तिथि दो दिन रहेगी। ऐसा इसलिए होगा क्योंकि पंचमी सूर्योदय पर आएगी और सूर्योदय पर ही समाप्त होगी। ऐसे में पंचमी तिथि 7 और 8 अक्टूबर दोनों दिन रहेगी।

इस बार 10 दिन की शारदीय नवरात्रि

आपको बता दें इस बार शारदीय नवरात्रि की शुरुआत 3 अक्टूबर से हो रही है जिनकी समाप्ति 12 अक्टूबर (Shardiya Navratri End Date) शनिवार को होगी।

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इस बार की दसों तिथियों में दो तिथियों के घटने बढ़ने के कारण ऐसा हो रहा है।

घर पर घट स्थापना का सबसे शुभ मुहूर्त (Navratri 2024 Ghat Sthapna Muhurat)

सुबह का चौघड़िया लग्न: 6 बजे से 07:30

सुबह का पहला स्थिर लग्न मुहूर्त: 9:25 से 11:41 तक

पंडालों के लिए घट स्थापना का सबसे शुभ मुहूर्त

दोपहर का दूसरा स्थिर लग्न: 03:35 से 05:05 तक

रात का तीसरा स्थिर लग्न: रात 8:15 से 10:0 तक

शारदीय नवरात्रि में कब कौन सी तिथि

प्रतिपदा तिथि: 3 अक्टूबर

द्वितीया तिथि: 4 अक्टूबर

तृतीया तिथि: 5 अक्टूबर

चतुर्थी तिथि: 6 अक्टूबर

पंचमी तिथि: 7 अक्टूबर

पंचमी तिथि: 8 अक्टूबर

छठवी तिथि: 9 अक्टूबर

सातवीं तिथि: 10 अक्टूबर

अष्टमी तिथि: 11 अक्टूबर

नवमीं तिथि: 11 अक्टूबर

दशहरा तिथि: 12 अक्टूबर

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