Shardiya Navratri 2023 Kalash Sthapna Niyam: 15 अक्टूबर से शारदीय नवरात्रि शुरुआत हो रही है। इसी के साथ मां की आराधना शुरु हो जाएंगी। कई लोग घरों में जवारे बोते हैं। तो कई मां पूजन में कलश स्थापना भी की जाती है। पर क्या आप जानते हैं कि मां दुर्गा की पूजा में कलश स्थापना का सही मुहूर्त और नियम क्या हैं। यदि नहीं तो चलिए जानते हैं कि कलश की स्थापना की सही दिशा क्या है।
कलश स्थापना के नियम
1 -घर की पूर्व दिशा में आटे से चौक पूर कर उस पर पाटा रखें।
2- फिर इस पर लाल कपड़रा बिछाकर मां की फोटो रखें।
3- कलश स्थापना चौकी के ठीक सामनें करें।
4- जिसके लिए एक तांबे के लोटे में जल भरकर उसमें हल्दी की गांठ, सुपारी, सिक्का और चावल जरूर डालें।
5 – इस पर पांच पत्ते आम के डालकर उस पर नारियल रखें।
किस दिशा में रखें दीपक
कलश स्थापना के बाद देवी जी के बायीं ओर शक्ति यानि तेल का और दाईं ओर शिव यानि घी का दीपक जलाना चाहिए। पंडित रामगोविंद शास्त्री के अनुसार देवी जी की शक्ति वामांग होती हैं। इसलिए इस दिशा में तेल का दीपक जलाना चाहिए।
भूलकर भी न करें ये काम
पंडित रामगोविंद शास्त्री के अनुसार किसी भी पूजन में शुभ काम के लिए एक बाती के उपयोग नहीं किया जाना चाहिए। फूल बाती के लिए ये नियम चल सकता है। लेकिन जब लंबी वाली बाती का उपयोग पूजन में करते हैं तो भूलकर भी एक बाती का उपयोग नहीं करना चाहिए। एक बाती का उपयोग अशुभ कार्यों में होता है। शुभ कार्य हमेशा दो बाती वाले दीपक के साथ करना चाहिए।
शारदीय नवरात्रि के नौ दिनों की नौ तिथियां
15 अक्टूबर : प्रतिपदा
16 अक्टूबर : द्वितीय तिथि
17 अक्टूबर : तृतीया तिथि
18 अक्टूबर : चुर्तथी तिथि
19 अक्टूबर : पंचमी तिथि
20 अक्टूबर : छठवीं तिथि
21 अक्टूबर : सप्तमी तिथि
22 अक्टूबर : अष्टमी तिथि
23 अक्टूबर : नवमी व दशमीं तिथि, दशहरा
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