नई दिल्ली। 7 अक्टूबर से शुरू हुए नवरात्र का Shardiya Navratri 2021 Day 2 आज दूसरा दिन है। इस दिन मां ब्रहृमचारिणी का पूजन किया जाता है। तप का आचरण करने वाली मां ब्रहृमचारिणी का पूजन कैसे करना चाहिए। इनके लिए कौन से मंत्र का जाप करना चाहिए। आइए हम आपको बताते हैं।
ऐसा है मां ब्रहृमचारिणी का स्वरूप
जैसा कि नाम से स्पष्ट है मां ब्रहृमचारिणी। यानि जो तप और आचरण की देवी हैं। मां एक हाथ में जप की माला व दूसरे में कमण्डल धारण किए हैं। अगर आप अपने जीवन में सफलता पाना चाहते हैं तो मां के इस रूप की उपासना आपको जरूर करनी चाहिए। ऐसी मान्यता है कि मां के इस रूप की पूजा करने से व्यक्ति में संयम, त्याग और वैराग्य के साथ—साथ सदाचार के भाव भी विकसित होते हैं।
पूजा विधि —
पूजा की शुरूआत हाथोंं में फूल लेकर मां के ध्यान से करें। फिर देवी को पंचामृत स्नान कराकर तरह के फूल, अक्षत, कुमकुम, सिन्दुर लगाएं। चूंकि मां को सुगंधिव व श्वेत फूल पसंद हैं अत: इस तरह के फूलों से मां का श्रृगांर करें। अगर कमल का फूल मिल जाए तो अति उत्तम होगा।
मां ब्रह्मचारिणी को है पिस्ता पसंद
ऐसा माना जाता है कि मां को पिस्ते की मिठाई बेहद पसंद है। इसलिए जहां तक संभव हो उन्हें इसी का भोग लगाएं। गुड़हल और कमल का फूल बेहद पसंद है। पूजा करने समय इन फूलों से बनी माला मां को अर्पित करें। चूंकि मां को शकर, मिश्री भी पसंद है। अत: इसका भी भोग लगाएं। इससे मां जल्दी प्रसन्न होती हैं।
मां ब्रह्मचारिणी की पूजा के मंत्र —
या देवी सर्वभूतेषु माँ ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।
दधाना कर पद्माभ्याम अक्षमाला कमण्डलू।
देवी प्रसीदतु मई ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा।।
ॐ देवी ब्रह्मचारिण्यै नमः॥
मां ब्रह्मचारिणी की आरती —
जय अंबे ब्रह्माचारिणी माता।
जय चतुरानन प्रिय सुख दाता।
ब्रह्मा जी के मन भाती हो।
ज्ञान सभी को सिखलाती हो।
ब्रह्मा मंत्र है जाप तुम्हारा।
जिसको जपे सकल संसारा।
जय गायत्री वेद की माता।
जो मन निस दिन तुम्हें ध्याता।
कमी कोई रहने न पाए।
कोई भी दुख सहने न पाए।
उसकी विरति रहे ठिकाने।
जो तेरी महिमा को जाने।
रुद्राक्ष की माला ले कर।
जपे जो मंत्र श्रद्धा दे कर।
आलस छोड़ करे गुणगाना।
मां तुम उसको सुख पहुंचाना।
ब्रह्माचारिणी तेरो नाम।
पूर्ण करो सब मेरे काम।
भक्त तेरे चरणों का पुजारी।
रखना लाज मेरी महतारी।