Shani Vakri 2024: जून का अंतिम सप्ताह ग्रहों को लेकर बड़ा फेरबदल करने वाला होगा।
दो दिन बाद शनि अपनी उल्टी चाल शुरू करेंगे तो वहीं बुध (Budh Gochar 2024) अपनी राशि बदलकर दूसरी राशि में प्रवेश (Shani Gochar 2024) करेंगे। नवग्रहों के दोनों ग्रहों को ज्योतिष (Jyotish) की नजर से बेहद खास माना जाता है।
शनि इस दिन होंगे वक्री
ज्योतिषाचार्य पंडित राम गोविंद शास्त्री के अनुसार 30 जून को शनि देव वक्री (Shani Vakri 2024) होने जा रहे हैं। शनि की उल्टी (Shani ki Ulti Chal) चाल कुछ लोगों पर बेहद भारी पड़ने वाली है। इस दौरान जिन जातकों पर शनि की साढ़ेसाती (Shani Sade Sati) और ढैय्या (Shani Daiya) चल रही है उन्हें सावधान रहने की जरूरत है।
शनि इस दिन होंगे वक्री
हिन्दू पंचांगों में हर ग्रह के गोचर (Grah Gochar july 2024) में एक दो दिन का अंतर होता है। ज्योतिषाचार्य पंडित रामगोविंद शास्त्री के अनुसार शनि 1 जुलाई को कुंभ राशि में वक्री होने जा रहे हैं।
किसे रहना होगा शनि से सतर्क
उन्हें शनि की वक्री चाल से सावधान रहना होगा। जिन जातकों को शनि की साढ़े साती और अढ़ैया चल रही है
2025 में इन पर शुरू होगी शनि की साढ़ेसाती
ज्योतिषाचार्य पंडित राम गोविंद शास्त्री के अनुसार शनि अगले साल 2025 में कुंभ से निकलकर मीन में प्रवेश (Meen me Shani) कर जाएंगे। शनि के राशि परिवर्तन से ये कुंभ राशि (Kumbh) के पैर पर पहुंच जाएंगे। मीन (Meen) राशि के पेट पर रहेंगे। जबकि मेष राशि पर शनि की साढ़ेसाती शुरू हो जाएगी।
अभी इन पर चल रही, शनि की साढ़े साती-ढैय्या
आपको बता दें वर्तमान में मकर, कुंभ और मीन राशि पर शनि की साढ़ेसाती चल रही है। शनि की ढैय्या की बात करें तो ये वृश्चिक और कर्क राशि पर चल रही है। इसलिए शनि की वक्री चाल (Shani ki Vakri Chal) से इन जातकों को बेहद सतर्क रहना होगा।
किस पर चल रही है शनि की साढ़ेसाती-ढैय्या
आपको बता दें सभी नवग्रहों में शनि ऐसे ग्रह हैं जो सबसे मंद गति से चलते हैं। शनि ने इसी साल जनवरी 2024 से कुंभ राशि में गोचर किया था। जिसके बाद से मकर, कुंभ और मीन राशि पर शनि की साढ़ेसाती शुरू हो गई थी जो अभी भी चल रही है। तो वहीं कर्क और वृश्चिक राशि वालों पर शनि की ढैय्या चल रही है।
आपको बता दें वे अगले साल 29 मार्च 2025 तक कुंभ राशि में ही रहेंगे। इसके बाद शनि मार्च में कुंभ से मीन में प्रवेश (Shani Gochar in Meen 2025) कर जाएंगे।
साढ़ेसाती की राशि और समय
मेष राशि पर साढ़ेसाती
29 मार्च 2025 से शुरू होकर 31 मई 2032 तक चलेगी।
वृषभ राशि पर साढ़ेसाती
03 जून 2027 से शुरू होकर 13 जुलाई 2034 तक चलेगी।
मिथुन राशि पर साढ़ेसाती
08 अगस्त 2029 से शुरू होकर 27 अगस्त 2036 तक चलेगी।
कर्क राशि पर साढ़ेसाती
31 मई 2032 से शुरू होकर 22 अक्तूबर 2038 तक चलेगी।
सिंह राशि पर साढ़ेसाती
13 जुलाई 2034 से शुरू होकर 29 जनवरी 2041 तक चलेगी।
कन्या राशि पर साढ़ेसाती
27 अगस्त 2036 से शुरू होकर 12 दिसंबर 2043 तक चलेगा।
तुला राशि पर साढ़ेसाती
22 अक्तूबर 2038 से शुरू होकर 08 दिसंबर 2046 तक चलेगा।
वृश्चिक राशि पर साढ़ेसाती
28 जनवरी 2041 से शुरू होकर 3 दिसंबर 2049 तक चलेगी।
धनु राशि पर साढ़ेसाती
12 दिसंबर 2043 से शुरू होकर 3 दिसंबर 2049 तक चलेगी।
कब खत्म होगी साढ़ेसाती
मकर राशि पर साढ़ेसाती कब खत्म होगी
ज्योतिष के अनुसार वर्तमान में में मकर राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती का आखिरी चरण चल रहा है। इन पर साढ़ेसाती 26 जनवरी 2017 से शुरू हुई थी जो 29 मार्च 2025 पर समाप्त हो जाएगी।
कुंभ राशि पर शनि की साढ़ेसाती कब खत्म होगी
कुंभ राशि पर शनि की साढ़ेसाती का दूसरा चरण चल रहा है। 23 फरवरी 2028 तक इस राशि के जातकों को साढ़ेसाती से छुटकारा मिल जाएगा।
मीन राशि पर शनि की साढ़ेसाती कब खत्म होगी
मीन राशि के जातकों पर शनि की साढ़ेसाती का पहला चरण अभी जारी है। जो 7 अप्रैल 2030 तक रहेगी।
इन्हें मिलेगी शनि की ढैय्या से छुटकारा
आपको बता दें शनि अभी अपनी मूल त्रिकोण राशि कुंभ में विराजमान हैं। जिसके चलते अभी कर्क और वृश्चिक राशि के जातकों पर शनि की ढैय्या चल रही है, लेकिन इन दोनों जातकों को अगले साल मार्च 2025 में शनि के मीन राशि में गोचर करते ही शनि की ढैय्या से मुक्ति मिल जाएगी।
कब तक वक्री रहेंगे शनि
शनि 1 जुलाई 2024 को कुंभ राशि में ही वक्री (Shani Vakri Effect 2024) हो जाएंगे। जो 126 दिन तक इसी राशि में वक्री रहने के बाद मार्च 2025 में अपनी राशि बदलकर मीन में गोचर करेंगे।
शनि के उपाय
जिन जातकों पर शनि की साढ़े साती (Shani sade sati) और अढ़ैया (Adhaiya) चल रही है उन्हें शनि की वक्री चाल के दौरान शनि के उपाय (Shani ke Upay) जरूर करना चाहिए। जिसमें शनिवार को शनि के मंदिर में जाकर शनि देव की पूजा जरूर करने से लाभ होगा। उन्हें शनिवार को शनि चालीसा का पाठ जरूर करना चाहिए।
शनिवार को श्रीहनुमान मंदिर में जाकर हनुमानजी के दर्शन करें। शनिवार को पीपल के पेड़ के नीचे सूर्यास्त के बाद सरसों के तेल का दीपक जरूर जलाएं। श्रीहनुमान चालीसा का पाठ (Hanuman Chalisa ke Upay) हर शनिवार को करें।
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