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Shani Vakri 2023: आज से शनि की वक्री चाल शुरू, किन राशियों के लिए होगा शुभ और अशुभ, जानें उपाय

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Preeti Dwivedi
Shani Margi 2023: शनि की मार्गी चाल शुरू, ये राशियां होंगी मालामाल, ये रहें सतर्क

नई दिल्ली।  Shani Vakri 2023 Effect, upay: अभी तक सीधी चाल चल रहे शनि ने आज से उल्टी चाल शुरू कर दी है। जी हां 30 साल कुंभ में शनि वक्री हो गए हैं। 24 अक्टूबर तक शनि की य​ही स्थिति रहेगी। इसके बाद शनि फिर से मार्गी होकर कुंभ में सीधी चाल चलने लगेंगे। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार जानते हैं कि शनि की वक्री चाल किसे शुभ और किसे अशुभ रहने वाली है।

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वक्री शनि से किसे रहना होगा सावधान - Shani Vakri 2023 

ज्योतिषाचार्य के अनुसार पर शनि की अढ़ैया और साढ़ेसाती चल रही है। उन्हें इस दौरान यानि शनि वक्री होने के दौरान थोड़ा सावधान रहने की आवश्यका है। तो वहीं शेष राशियों को इसका सामान्य फल मिलेगा।

इन्हें चल रही साढ़े साती 

मकर, कुंभ और मीन

इन पर चल रही अढ़ैया

कर्क और तुला

शनि से जुड़ी खास बातें  - Shani Vakri 2023 Fact 

1 एक राशि में ढाई का साल समय

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सभी नवग्रहों में शनि एक ऐसा ग्रह है, जो सबसे धीमी गति से चलते हैं। ऐसा माना जाता है कि शनि एक राशि से दूसरी राशि में जाने में ढाई साल का समय लेते हैं। अभी शनि कुंभ राशि में ही उल्टी चाल चलकर व​क्री हो रहे हैं। इसके बाद वे 24 अक्टूबर को कुंभ राशि में ही मार्गी होकर सीधी चाल चलने लगेंगे।

2 शनि वक्री होने से क्या होता है?

शनि के गोचर काल के दौरान राजनीति के क्षेत्र में उत्पाद मचेगा। आपको बता दें इस दौरान चुनावी सरगर्मी तेज हो जाएगी। इसलिए विधानसभा चुनाव के लिए जिन उम्मीद्वारों की कुंडली में शनि स्वराशि में या उच्च के होंगे। उन्हें लाभ के योग बनेंगे। तो वहीं जिन्हें शनि की साढ़ेसाती और अढैया चल रही है वे खास उपाय कर सकते हैं।

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3 इतनी होती है शनि की चाल

शनि जयंती (Shani Jayanti 2023) पर आपको बता दें शनि की साढ़े साती, शनि की ढ़ैय्या आदि शनि दोष से पीड़ित जातकों के लिये ये दिन महत्व का है। शनि राशि चक्र की दसवीं व ग्यारहवी राशि मकर और कुंभ के अधिपति हैं। पंडित राम गोविंद शास्त्री के अनुसार एक राशि पर शनि की साढ़े साती 30 महीने की और एक राशि पर अढ़ैया नौ महीने की होती है। शनि न्याय के देवता हैं। जो लोगों को उनके कर्म के अनुसार फल देते है। मान्यता अनुसार सूर्य पुत्र शनिदेव का ज्येष्ठ माह की अमावस्या को सूर्यदेव एवं छाया (सवर्णा) की संतान के रूप में शनि का जन्म हुआ।

शनि की वक्री चाल से ये रहें सावधान

वृष राशि

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनि वृष राशि के दसवें भाव यानि करियर, राज्य तथा पिता के भाव में होने जा रहा है। इस भाव में शनि के वक्री होने पर आपके पिता का स्वास्थ्य गड़बढ हो सकता है। आपको पेट संबंधी विकार हो सकते हैं। अगर आप नौकरी पेशा हैं तो आपके जॉब या कार्यस्थल पर व्यस्तता बढ़ सकती है। शनि के अशुभ प्रभावों को कम करने के उपाय में आप गरीबों और जरूरतमंदों को भोजन कराएं।

कर्क राशि

कर्क राशि के आठवें स्थान पर शनि वक्री होने के कारण आपके स्वास्थ्य में गिरावट आ सकती है। शनि का गोचर आपको मानसिक तनाव दे सकता है। अगर आप शनि के अशुभ प्रभाव से बचना चाहते हैं तो आपको काली उड़द की दाल दान करने से लाभ हो सकता है।

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सिंह राशि

सिंह राशि के सातवें स्थान पर वक्री होने के कारण आपके जीवनसाथी के साथ संबंधों में कडवाहट आ सकती है। ऐसे में आपको वाणी पर संयम रखना होना। विवाद को बढ़ने से रोकना होगा। व्यापरी वर्ग को थोड़ा सोच—समझकर फैसला लेना होगा। शनि के दुष्प्रभावों से बचने के लिए अपने घर के दहलीज की सफाई करें

कन्या राशि

कन्या राशि के छठे भाव में शनि वक्री होने के कारण मित्र, शत्रु तथा स्वास्थ्य से जुड़े बदलाव देखने को मिलेंगे। ऐसे में आपके मित्र से अनबन हो सकती है। विरोधी आपके लिए मुसीबतें बढ़ा सकते हैं। साझेदारी के कार्यों में दोस्तों का सहयोग मिलेगा। शनि के अशुभ प्रभावों से बचने के लिए आप नारियल या बादाम को बहते पानी में बताएं।

कुंभ राशि

कुंभ राशि की कुंडली शनि अपने लग्न स्थान यानी पहले स्थान में वक्री हो रहे है। चूंकि पहला भाव शरीर और मुख का होता है। ऐसे में आपको स्वास्थ्य संबंधी कष्ट बढ़ सकते हैं। अगर आप विद्या​र्थी हैं तो आपको शिक्षा संबंधी रुकावटें आ सकती हैं। घुटने या पैर में दर्द की समस्या बढ़ सकती है। शनि की अशुभ प्रभाव से बचने के लिए तवा, चिमटा या अंगीठी जैसी लोहे की वस्तुओं का दान करें।

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वक्री शनि को शुभ बनाने के उपाय

शनि (Shani) मंदिर में सरसों के तेल का दिया जलाएं।
ओम शम शनैश्चराय नमः का सामर्थ्यानुसार एक माला, तीन माला, पांच माला जाप करें।
गरीबों को साबुत उड़द का दान करें।
अपने पितरों के निमित्त दूध और सफ़ेद मिठाई मंदिर में ब्राहृमण को दें।
जरूरतमंद और बुजुर्गों को भोजन सामग्री, वस्त्र आदि दान करें।
श्रीहनुमान चालीसा का पाठ करें।
शनि की शांति के लिए रत्न धारण करें।

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