/bansal-news/media/post_attachments/PRD_BansalNews/Margi-Shani-Effect-2025-Saturn-Transit-in-Meen-astorlogy-hindi-news-pds.webp)
Shani Margi 2025 Meen Effect: बीते 4 महीने से वक्री चल रहे शनि आज से सीधी चाल चलना शुरू कर रहे हैं। लोक विजय पंचांग के अनुसार 18 नवंबर नवंबर से मार्गी हो रहे हैं। ज्योतिषाचार्य पंडित रामगोविंद शास्त्री के अनुसार मार्गी शनि आज से कुछ राशियों की किस्मत बदलने वाले हैं।
शनि के मार्गी होने पर जीवन में ठहराव खत्म होकर सुधार और परिणाम का समय शुरू होता है।
शनि कब तक रहेंगे मार्गी (Shani Margi2025)
ज्योतिषाचार्य रामगोविंद शास्त्री के अनुसार शनि मीन राशि में 14 जुलाई को वक्री हुए थे। इसके चार महीने बाद 18 नवंबर यानी आज शाम 5 बजे से शनि मार्गी होने जा रहे हैं। जो करीब चार महीने तक इसी राशि में मार्गी रहेंगे। इसके बाद फिर वक्री होंगे।
शाम को 5 बजे से होंगे मार्गी
ज्योतिषाचार्य पंडित रामगोविेंद शास्त्री के अनुसार शनि आज शाम यानी 18 नवंबर की शाम 5 बजे से मार्गी हो रहे हैं। इसका असर राशियों पर तो पड़ेगा ही साथ ही साथ मौसम में भी बदलाव देखने को मिलेगा।
एक सप्ताह तक दिखेगा असर
जब भी कोई ग्रह अस्त, उदय, वक्री या मार्गी होता है तो इस दौरान मौसम में बदलाव जरूर देखने को मिलता है। चूंकि इस बार सबसे बड़ा ग्रह शनि देव मार्गी हो रहे हैं ऐसे में शनि प्रकृति में परिवर्तन लाएंगे। हो सकता है ठंड के बीच कहीं कहीं आंधी बारिश के योग बनें।
इन रशियों के शुरू होंगे अच्छे दिन (Shani Magri 2025 Effect)
18 नवंबर से शनि की मार्गी चाल प्रारंभ होगी। इससे जिन जातकों को अभी शनि की साढ़े साती और अढ़ैया चल रही थी उन्हें अब शनि महाराज शुभ फल देने लगेंगे। आपको बता दें ज्योतिष के अनुसार अभी कुंभ, मीन, मेष शनि की साढ़े साती और धनु, सिंह शनि की अढ़ैया चल रही है। यानी अब शनि महाराज इन पर चार महीने तक कृपा बरसाएंगे।
शनि मार्गी होने पर कैसा असर डालता
/bansal-news/media/post_attachments/wp-content/uploads/2024/07/shani-margi-7-1.jpg)
ज्योतिषाचार्य पंडित रामगोविंद शास्त्री के अनुसार जब शनि मार्गी होता है, यानी जब इसकी सीधी चाल शुरू होती है तो इसका असर धीरे-धीरे लेकिन बहुत गहरा पड़ता है।
शनि को कर्म, अनुशासन, न्याय और धैर्य का ग्रह माना जाता है। जब यह वक्री (retrograde) से निकलकर मार्गी (direct) होता है, तो लोगों के जीवन में स्थिरता और परिणाम का दौर शुरू होता है।
1. कर्म के परिणाम मिलने लगते हैं
जब शनि मार्गी होता है, तब जो मेहनत आपने पिछले महीनों में की होती है, उसका फल धीरे-धीरे मिलने लगता है। अच्छे कर्म वालों को राहत मिलती है, और गलत काम करने वालों को जवाबदेही का सामना करना पड़ता है।
2. अटके काम फिर शुरू हो जाते हैं
शनि के सीधा होने पर जिन कामों में देरी या रुकावट आ रही थी, वे दोबारा गति पकड़ते हैं। विशेष रूप से नौकरी, प्रमोशन या कानूनी मामलों में सुधार होता है।
3. जिम्मेदारियों का अहसास बढ़ता है
लोग अपने जीवन में अनुशासन और गंभीरता को ज्यादा अपनाते हैं। आलस कम होता है और जिम्मेदारियों को समझने की भावना बढ़ती है।
4. कठिन समय का अंत होने लगता है
जिन लोगों की कुंडली में शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या चल रही होती है, उनके लिए समय अनुकूल होने लगता है। कष्ट के समय में कमी आने लगती है। हालांकि परिणाम व्यक्ति की कुंडली पर निर्भर करते हैं।
5. धैर्य की परीक्षा
शनि हमेशा सिखाता है कि जल्दबाज़ी नहीं, बल्कि स्थिरता और धैर्य ही सफलता की कुंजी है। जब यह मार्गी होता है, तो यह सबक और स्पष्ट रूप से सामने आता है।
FAQ's
1. शनि की साढ़े साती किस पर चल रही है
कुंभ, मीन, मेष
2. शनि की अढ़ैया किस पर चल रही है
धनु, सिंह
3. शनि की साढ़ेसाती क्या होती है?
साढ़ेसाती का मतलब साढ़े सात साल तक चलने वाला समय, जिसमें शनि किसी व्यक्ति की जन्म राशि से पहले, उसी राशि में और उसके बाद वाली राशि में रहता है।
शनि हर राशि में लगभग ढाई साल रहता है।
इसलिए 3 राशियों का समय = 2.5 × 3 = 7.5 साल (साढ़े सात साल)
उदाहरण से समझिए:
अगर किसी की जन्म राशि मकर है, तो जब शनि
धनु राशि में आता है (मकर से पहले),
मकर राशि में रहता है, और
कुंभ राशि में जाता है (मकर के बाद), तो यह पूरी अवधि मिलाकर शनि की साढ़ेसाती कहलाती है।
/bansal-news/media/post_attachments/PRD_BansalNews/WhatsApp-Image-2025-10-30-at-12.42.15-PM.webp)
4. शनि का क्या असर होता है?
- इस दौरान व्यक्ति के जीवन में कठिन परीक्षा, जिम्मेदारी, मेहनत और धैर्य की जरूरत होती है।
- शनि गलतियों का फल सिखाता है और ईमानदारी से मेहनत करने वालों को अंत में बड़ा फल और सम्मान देता है।
- शुरुआती समय में दबाव रहता है, लेकिन बाद में सुधार आता है।
5. शनि की अढ़ैया (ढैय्या) क्या होती है?
अढ़ैया या ढैय्या का मतलब है जब शनि आपकी जन्म राशि से चौथी या आठवीं राशि में आता है। इसकी अवधि लगभग ढाई साल होती है। इसे “छोटी साढ़ेसाती” भी कहा जाता है।
इस समय भी शनि जीवन में कुछ चुनौतियाँ लाता है, लेकिन ये उतनी लंबी या गहरी नहीं होतीं जितनी साढ़ेसाती में होती हैं।
6. क्या असर होता है?
इस दौरान व्यक्ति को काम में रुकावटें, आर्थिक दबाव, परिवार या स्वास्थ्य से जुड़ी चिंता हो सकती है। पर अगर व्यक्ति मेहनत, ईमानदारी और धैर्य रखे, तो अंत में लाभ और सुधार भी मिल जाता है।
7. शनि किस राशि के स्वामी हैं?
| ग्रह | स्वामी राशियाँ | स्वभाव | गुण |
|---|---|---|---|
| 🪐 शनि | मकर ♑ और कुंभ ♒ | स्थिर, गंभीर, कर्मप्रधान | अनुशासन, न्याय, मेहनत, स्थिरता |
8. मकर राशि में शनि का स्वभाव
- यह राशि व्यवहारिक, मेहनती और जिम्मेदार मानी जाती है।
- जब शनि मकर में होता है, तो यह लोगों में अनुशासन, धैर्य और कर्मनिष्ठा बढ़ाता है।
- ऐसे लोग काम को बहुत गंभीरता से करते हैं और धीरे-धीरे सफलता हासिल करते हैं।
9. कुंभ राशि में शनि का स्वभाव
- कुंभ राशि विचार, समाज और मानवता से जुड़ी होती है।
- शनि यहां सामाजिक जिम्मेदारी, समानता और दूरदर्शी सोच देता है।
- इस स्थिति में शनि व्यक्ति को समाज के लिए काम करने और दूसरों की मदद करने की प्रेरणा देता है।


/bansal-news/media/agency_attachments/2025/10/15/2025-10-15t102639676z-logo-bansal-640x480-sunil-shukla-2025-10-15-15-56-39.png)
Follow Us
चैनल से जुड़ें